कुलभूषण जाधव से अज्ञात जगह मिले डिप्टी हाईकमिश्नर, 2 घंटे तक हुई बात, सरकार को देंगे रिपोर्ट

2017 में फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद यह पहली बार है जब कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस दिया जा रहा है.
कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को आज 2 घंटे के लिए कॉन्सुलर एक्सेस (Consular Access) दिया जा रहा है. पाकिस्तान (Pakistan) में भारत के उप-उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया कुलभूषण जाधव से मुलाकात की.
- News18Hindi
- Last Updated: September 2, 2019, 5:20 PM IST
पाकिस्तान (Pakistan) की जेल में बंद कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के लिए आज बड़ा दिन रहा. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) के आदेशानुसार पाकिस्तान ने सोमवार को कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस (Consular Access) दिया. पाकिस्तान में भारत के डिप्टी हाईकमिश्नर गौरव अहलूवालिया ने जाधव से मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच 2 घंटे तक बात हुई.
हालांकि, कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान ने एक बार फिर चाल चली. पाकिस्तान ने पहले डिप्टी हाईकमिश्नर (Deputy High Commissioner) गौरव अहलूवालिया (Gaurav Ahluwalia) और कुलभूषण जाधव की मीटिंग विदेश मंत्रालय के मुख्य दफ्तर में तय की थी. ऐन वक्त पर मीटिंग की जगह बदल दी गई. किसी अज्ञात जगह पर दोनों की मुलाकात होने की बात कही जा रही है. जाधव का जवाब जानने के बाद डिप्टी हाई कमिश्नर अपनी सरकार को रिपोर्ट भेजेंगे. फिर सरकार की ओर से आगे की कार्रवाई की जाएगी.
सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी, 'अहलूवालिया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के आदेश के तहत हम उम्मीद कर रहे हैं कि पाकिस्तान से हमें सकारात्मक माहौल मिलेगा. उम्मीद करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के आदेश की भावना के अनुसार मुलाकात निष्पक्ष, स्वतंत्र और प्रभावी अर्थों में सफल हो सकेगी.'
2 घंटे की मुलाकात
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि 49 साल के जाधव को ‘‘राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन, अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप’’ राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई जा रही है. कुलभूषण जाधव से अधिकारी सिर्फ 2 घंटे के लिए मिल पाएंगे.

बैठक के न होने के बाद से पाकिस्तान के इरादों पर सवाल उठने लगे थे. जिसके कुछ समय बाद पाकिस्तान ने दावा किया था कि कुलभूषण जाधव को दूतावास मदद की इजाजत देने के वह वादे के करीब छह हफ्ते बाद इस्लामाबाद ने कहा था कि इस मुद्दे पर वह भारत से संपर्क में है.
भारत ने दिए थे तत्काल मदद के निर्देश
भारत ने गुरुवार को कहा था कि उसने पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव तक तत्काल, प्रभावी और अबाधित राजनयिक पहुंच देने को कहा है और राजनयिक माध्यमों से पड़ोसी देश से संपर्क में है.
जुलाई में हेग स्थित अदालत ने पाकिस्तान को भारत को बिना किसी देरी के जाधव तक राजनयिक पहुंच देने का आदेश दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पत्रकारों से कहा था कि हम राजनयिक माध्यमों से पाकिस्तानी पक्ष के संपर्क में है. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) के आदेश के आधार पर, हमने तत्काल, प्रभावी और अबाधित राजनयिक पहुंच देने को कहा. उन्होंने कहा, 'देखते हैं कि पाकिस्तान के पक्ष से हमें कैसी प्रतिक्रिया मिलती है.'

2017 में पाक ने सुनाई थी मौत की सज़ा
भारतीय नौसेना के 49 साल के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की एक फौजी अदालत ने ‘जासूसी और आतंकवाद’ के इल्ज़ाम में अप्रैल 2017 में मौत की सज़ा सुनाई थी. भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यापारिक उद्देश्य से गये थे और उन पर गलत आरोप लगाये गये हैं. इसके बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख किया था.
क्या है कॉन्सुलर एक्सेस?
वियना संधि (VCCR) के आर्टिकल 36 (1) (बी) में कहा गया है कि अगर किसी देश (A) के नागरिक को किसी दूसरे देश (B) में गिरफ्तार किया जाता है, तो देश B को बिना देरी किए वीसीसीआर के अधिकारों के तहत उस देश A को जानकारी देनी होगी. इसमें देश A के अधिकारियों को जानकारी देना और उनसे मदद लेना शामिल है. इसे कॉन्सुलर एक्सेस कहते हैं.
देश B को देश A के दूतावास या उच्चायोग को ये जानकारी देना जरूरी है कि उन्होंने उस देश के नागरिक को गिरफ्तार/हिरासत में लिया है. आर्टिकल 36(1)(सी) में कहा गया है कि देश A के अधिकारियों को उस देश में सफर करने का अधिकार है जिस देश में गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया है. गिरफ्तार व्यक्ति को कानूनी सहायता देने का भी प्रावधान है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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हालांकि, कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान ने एक बार फिर चाल चली. पाकिस्तान ने पहले डिप्टी हाईकमिश्नर (Deputy High Commissioner) गौरव अहलूवालिया (Gaurav Ahluwalia) और कुलभूषण जाधव की मीटिंग विदेश मंत्रालय के मुख्य दफ्तर में तय की थी. ऐन वक्त पर मीटिंग की जगह बदल दी गई. किसी अज्ञात जगह पर दोनों की मुलाकात होने की बात कही जा रही है. जाधव का जवाब जानने के बाद डिप्टी हाई कमिश्नर अपनी सरकार को रिपोर्ट भेजेंगे. फिर सरकार की ओर से आगे की कार्रवाई की जाएगी.
सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी, 'अहलूवालिया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के आदेश के तहत हम उम्मीद कर रहे हैं कि पाकिस्तान से हमें सकारात्मक माहौल मिलेगा. उम्मीद करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के आदेश की भावना के अनुसार मुलाकात निष्पक्ष, स्वतंत्र और प्रभावी अर्थों में सफल हो सकेगी.'


देखें कुलभूषण जाधव पर ICJ में कब-कब आमने-सामने हुआ भारत और पाकिस्तान
Govt Sources: India accepts Pakistan’s offer for consular access to #KulbhushanJadhav. pic.twitter.com/1xwc78atEj
— ANI (@ANI) September 2, 2019
एक अगस्त को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा था कि फांसी की सजा का सामना कर रहे भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को अगले दिन दूतावास मदद मुहैया कराई जाएगी. हालांकि, जाधव को दूतावास मदद की शर्तों पर दोनों देशों के बीच मतभेदों की वजह से दो अगस्त को निर्धारित बैठक नहीं हो पाई थी.
बैठक के न होने के बाद से पाकिस्तान के इरादों पर सवाल उठने लगे थे. जिसके कुछ समय बाद पाकिस्तान ने दावा किया था कि कुलभूषण जाधव को दूतावास मदद की इजाजत देने के वह वादे के करीब छह हफ्ते बाद इस्लामाबाद ने कहा था कि इस मुद्दे पर वह भारत से संपर्क में है.
भारत ने दिए थे तत्काल मदद के निर्देश
भारत ने गुरुवार को कहा था कि उसने पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव तक तत्काल, प्रभावी और अबाधित राजनयिक पहुंच देने को कहा है और राजनयिक माध्यमों से पड़ोसी देश से संपर्क में है.
जुलाई में हेग स्थित अदालत ने पाकिस्तान को भारत को बिना किसी देरी के जाधव तक राजनयिक पहुंच देने का आदेश दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पत्रकारों से कहा था कि हम राजनयिक माध्यमों से पाकिस्तानी पक्ष के संपर्क में है. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) के आदेश के आधार पर, हमने तत्काल, प्रभावी और अबाधित राजनयिक पहुंच देने को कहा. उन्होंने कहा, 'देखते हैं कि पाकिस्तान के पक्ष से हमें कैसी प्रतिक्रिया मिलती है.'

साल 2017 में कुलभूषण की मां और पत्नी ने पाकिस्तान जाकर उनसे मुलाकात की थी.
2017 में पाक ने सुनाई थी मौत की सज़ा
भारतीय नौसेना के 49 साल के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की एक फौजी अदालत ने ‘जासूसी और आतंकवाद’ के इल्ज़ाम में अप्रैल 2017 में मौत की सज़ा सुनाई थी. भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यापारिक उद्देश्य से गये थे और उन पर गलत आरोप लगाये गये हैं. इसके बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख किया था.
क्या है कॉन्सुलर एक्सेस?
वियना संधि (VCCR) के आर्टिकल 36 (1) (बी) में कहा गया है कि अगर किसी देश (A) के नागरिक को किसी दूसरे देश (B) में गिरफ्तार किया जाता है, तो देश B को बिना देरी किए वीसीसीआर के अधिकारों के तहत उस देश A को जानकारी देनी होगी. इसमें देश A के अधिकारियों को जानकारी देना और उनसे मदद लेना शामिल है. इसे कॉन्सुलर एक्सेस कहते हैं.
देश B को देश A के दूतावास या उच्चायोग को ये जानकारी देना जरूरी है कि उन्होंने उस देश के नागरिक को गिरफ्तार/हिरासत में लिया है. आर्टिकल 36(1)(सी) में कहा गया है कि देश A के अधिकारियों को उस देश में सफर करने का अधिकार है जिस देश में गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया है. गिरफ्तार व्यक्ति को कानूनी सहायता देने का भी प्रावधान है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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जब पाकिस्तान के इस बड़े नेता ने गाया 'सारे जहां से अच्छा'
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