भारत जून 2019 और सितंबर 2020 में हाइपरसोनिक तकनीक का सफल परीक्षण कर चुका है. (फाइल फोटो)
वॉशिंगटनः सैन्य तकनीक के मामले में अमेरिका को दुनिया का अगुआ (US world leader) माना जाता रहा है लेकिन अब इस क्षेत्र में उसका दबदबा दांव पर है. कम से कम हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic tech) तकनीक के मामले में तो ऐसा ही है. ये कहना है अमेरिका के ही एक प्रभावशाली सेनेटर जैक रीड (Jack Reed) का. जैक ने हाइपरसोनिक तकनीक का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका इस मामले में रूस और चीन ही नहीं, भारत से भी पीछे छूट गया है.
अमेरिकी सांसद ने खुद कबूला
जैक रीड अमेरिकी संसद के उच्च सदन सेनेट में आर्म्ड सर्विसेज कमिटी के चैयरमैन है. उन्होंने नॉमिनेशन को लेकर एक मीटिंग में कहा कि एक समय था, जब तकनीक के मामले में हमारा वर्चस्व हुआ करता था. लेकिन अब ऐसा नहीं है. उदाहरण के लिए हाइपरसोनिक टेक्नॉलजी को ही ले. अमेरिका इस मामले में चीन, भारत और रूस से भी पिछड़ गया है. इन देशों ने काफी तरक्की कर ली है. सेनेटर रीड ने आगे कहा कि परमाणु हथियारों के मामले में अमेरिका को पहली बार त्रिपक्षीय मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है. अब यह अमेरिका और रूस के बीच दोतरफा मुकाबला नहीं रह गया है. अब चीन भी इसमें शामिल हो गया है.
क्या होती है हाइपरसोनिक तकनीक?
अमेरिकी सेनेटर ने जिस हाइपरसोनिक तकनीक का जिक्र किया था, वह मिसाइल के मामले में सबसे अत्याधुनिक तकनीक मानी जाती है. आवाज की रफ्तार के 5 गुना से ज्यादा गति से चलने वाली मिसाइलों को हाइपरसोनिक कहा जाता है. किलोमीटर में बताएं तो 6000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ज्यादा तेजी से उड़ने वाली मिसाइलें हाइपरसोनिक कहलाती हैं. इनकी गति और दिशा में बदलाव करने की क्षमता काफी बेहतर होती है. इसकी वजह से इन्हें ट्रैक करना और मार गिराना बेहद मुश्किल होता है. ये अपने लक्ष्य पर काफी सटीक वार करती हैं. हाल ही में यूक्रेन युद्ध में रूस ने अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल किंजल का इस्तेमाल किया है.
भारत की हाइपरसोनिक रफ्तार
भारत हाइपरसोनिक तकनीक पर पिछले कुछ सालों से काम कर रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि अमेरिकी संसद में पेश एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत स्वदेश में ही हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में जुटा है. वह ऐसी मिसाइल बना रहा है, जो परंपरागत हथियारों के साथ-साथ परमाणु हथियार दागने में भी सक्षम होगी. ऐसी तकनीक का जून 2019 और सितंबर 2020 में सफल परीक्षण भी किया जा चुका है. इस परीक्षण के दौरान स्क्रैमजेट इंजन से लैस Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle (HSTDV) की गति 7500 किलोमीटर प्रति घंटा मापी गई थी. अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 12 ऐसी हाइपरसोनिक विंड टनल बना रखी हैं, जहां वह आवाज की गति से 13 गुना ज्यादा रफ्तार वाली मिसाइलों का परीक्षण कर सकता है.
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Tags: Hypersonic, India US, Nuclear-capable hypersonic missile
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