LAC पर अपनी ही जमीन पर 15 साल से नहीं जा सकी भारतीय सेना, चीन ने रोक रखा है रास्ता

भारतीय सेना लद्दाख में काफी ऊंचाई पर मौजूद है.
India China Faceoff: भारत और चीन विवाद (India China Faceoff) के बीच एक ऐसी रिपोर्ट आई है जिसमें पता चला है कि LAC पर एक ऐसी जगह है जो है तो भारत की ही लेकिन भारतीय सैनिक वहां नहीं जा पा रहे हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: September 17, 2020, 6:37 PM IST
नई दिल्ली. भारत चीन (India China Faceoff) सीमा को लेकर इस साल मई से ही तनाव जारी है. इस दौरान कई इलाकों के नाम चर्चा में रहे जैसे पैंगोग सो, गलवान घाटी, गोगरा पाइंट, हॉट स्प्रिंग्स लेलिनक डेप्सांग के मैदानों (Depsang Plains) का कहीं कोई जिक्र नहीं हुआ. हालांकि इस पूरे घटनाक्रम से वाकिफ़ एक अधिकारी ने बताया कि डेप्सांग के मैदानों में भारत का कोई भी क्षेत्र चीन के कब्जे में नहीं है लेकिन यहां सेना 10-15 साल से नहीं जा सकी है. पश्चिम मोर्चे पर पाकिस्तान अब तक भारतीय सेना से इंगेज है जिसकी वजह से भारतीय सेना को दूसरे कमांड की टुकड़ियों के जरिए लद्दाख में अपनी मौजूदगी का दायरा बढ़ाना पड़ा.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार डेप्सांग के मैदानी इलाके में चीन ने अपनी दो ब्रिगेड्स तैनात कर रखी हैं जिससे भारत का संपर्क ट्रेडिनशनल पैट्रोलिंग पाइंट पीपी 10 से लेकर पीपी 13 तक संपर्क कट गया है. अधिकारी का कहना है कि हमारे ही इलाके से संपर्क काटने की यह कोशिश चीन ने मौजूदा गतिरोध से कुछ हफ्ते से पहले की.
यह भी पढ़ें: India China Faceoff: राज्यसभा में राजनाथ सिंह बोले- लद्दाख में चुनौती से गुजर रहे हम, पढ़ें 10 खास बातें
डेप्सांग मैदान का इलाका भारत के लिए बहुत जरूरी
दीगर है कि डेप्सांग मैदान का इलाका भारत के लिए बहुत जरूरी है. इसकी बड़ी वजह यह है यह जगह पूरब में काराकोरम पास से करीब कूटनीतिक लिहाज से जरूरी दौलत बेग ओल्डी से सिर्फ 30 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. इस जगह का यह लाभ है कि यहां जमीन बिल्कुल मैदानी है और इससे कोई भी स्पांगुर गैप या चुशुल सब सेक्टर की तरह हमला बोल सकता है.
एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 972 वर्ग किलोमीटर के इलाके पर 15 साल से कोई गश्त नहीं हुई है. अधिकारी ने जानकारी दी कि पहले हम उन पैट्रोलिंग पॉइंट्स तक जाते थे लेकिन अब चीनी सेना हमें रोकती है. फिर भी हमने वहां के इलाके में कुछ भी नहीं खोया है.

बता दें मई से जारी गतिरोध में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए. अगस्त के आखिरी दो दिनों में भी चीन ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की हालांकि भारतीय सेना ने ऐसी किसी भी कोशिश को असफल कर दिया. रक्षा मंत्री राजनाथ मंत्री ने इस मामले पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगह बयान देकर देश को आश्वस्त किया है कि भारत की अखंडता की रक्षा करने वाले हमारे जवानों का मनोबल ऊंचा है और हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार डेप्सांग के मैदानी इलाके में चीन ने अपनी दो ब्रिगेड्स तैनात कर रखी हैं जिससे भारत का संपर्क ट्रेडिनशनल पैट्रोलिंग पाइंट पीपी 10 से लेकर पीपी 13 तक संपर्क कट गया है. अधिकारी का कहना है कि हमारे ही इलाके से संपर्क काटने की यह कोशिश चीन ने मौजूदा गतिरोध से कुछ हफ्ते से पहले की.
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दीगर है कि डेप्सांग मैदान का इलाका भारत के लिए बहुत जरूरी है. इसकी बड़ी वजह यह है यह जगह पूरब में काराकोरम पास से करीब कूटनीतिक लिहाज से जरूरी दौलत बेग ओल्डी से सिर्फ 30 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. इस जगह का यह लाभ है कि यहां जमीन बिल्कुल मैदानी है और इससे कोई भी स्पांगुर गैप या चुशुल सब सेक्टर की तरह हमला बोल सकता है.
एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 972 वर्ग किलोमीटर के इलाके पर 15 साल से कोई गश्त नहीं हुई है. अधिकारी ने जानकारी दी कि पहले हम उन पैट्रोलिंग पॉइंट्स तक जाते थे लेकिन अब चीनी सेना हमें रोकती है. फिर भी हमने वहां के इलाके में कुछ भी नहीं खोया है.
बता दें मई से जारी गतिरोध में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए. अगस्त के आखिरी दो दिनों में भी चीन ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की हालांकि भारतीय सेना ने ऐसी किसी भी कोशिश को असफल कर दिया. रक्षा मंत्री राजनाथ मंत्री ने इस मामले पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगह बयान देकर देश को आश्वस्त किया है कि भारत की अखंडता की रक्षा करने वाले हमारे जवानों का मनोबल ऊंचा है और हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.