भारत, पेरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में सही रास्ते पर: PM मोदी

विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन-2021 का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा भारत, पेरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में सही रास्ते पर है.
World Sustainable Development Summit-2021: विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन-2021 का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि लोगों का स्वास्थ्य और पृथ्वी की सेहत, ये दोनों आपस में जुड़े हुए है.
- भाषा
- Last Updated: February 11, 2021, 1:42 PM IST
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को सतत विकास की दिशा में लीक से हटकर काम किए जाने की वकालत करते हुए कहा कि इसके लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में भारत अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत, पेरिस समझौते (Paris Agreement) के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में सही रास्ते पर है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन-2021 (World Sustainable Development Summit-2021) का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में मानवता की प्रगति दो बातों से निर्धारित होगी. उन्होंने कहा, लोगों का स्वास्थ्य और पृथ्वी की सेहत. ये दोनों आपस में जुड़े हुए है. मोदी ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए लगातार चर्चा चल रही है लेकिन यहां पृथ्वी की सेहत पर चर्चा के लिए सभी एकत्रित हुए हैं.
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘इस चुनौती की व्यापकता का अंदाजा सभी को है लेकिन इसका समाधान हम पारम्परिक तरीकों से नहीं कर सकते. इसके लिए हमें लीक से हटकर सोचना होगा और सतत विकास की दिशा में काम करना होगा.’’ ‘‘जलवायु न्याय’’ को जलवायु परिवर्तन से लड़ाई की राह बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके मूल में बड़े दिल वाले होने का सिद्धांत है. उन्होंने कहा, ‘‘पर्यावरणीय न्याय का मतलब यह भी है कि विकासशील देशों को विकास करने का अवसर दिया जाए.’’ पेरिस समझौते का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत इसके लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सही राह पर है. उन्होंने कहा, ‘‘साझा प्रयासों से ही सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है और इन लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में भारत अपनी भूमिका के लिए तैयार है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाएं गरीबों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं.
भारत में बढ़ रहा इथेनॉल का इस्तेमालउन्होंने कहा कि आठ करोड़ से ज्यादा घरों में उज्जवला योजना के जरिए स्वच्छ ईंधन पहुंचा और भारत इथेनॉल के इस्तेमाल को भी बढ़ा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत ने 2030 तक 450 गीगावॉट का अक्षय उर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
इस शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय ‘‘सबके लिए सुरक्षित और संरक्षित पर्यावरण और हमारा साझा भविष्य’’ है. नई दिल्ली स्थित द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीटयूट (टेरी) की ओर से आयोजित यह 20वां शिखर सम्मेलन है, जिसमें विश्व में सतत विकास को लेकर दो दिनों तक चर्चा होगी.

इस शिखर सम्मेलन को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है. केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी इस कार्यक्रम में शरीक हुए. गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली, पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे, मालदीव की पीपुल्स मजलिस के अध्यक्ष मोहम्मद नशीद, संयुक्त राष्ट्र की उपमहासचिव अमीना जे मोहम्मद भी इस सम्मेलन में शामिल हुए.
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘इस चुनौती की व्यापकता का अंदाजा सभी को है लेकिन इसका समाधान हम पारम्परिक तरीकों से नहीं कर सकते. इसके लिए हमें लीक से हटकर सोचना होगा और सतत विकास की दिशा में काम करना होगा.’’ ‘‘जलवायु न्याय’’ को जलवायु परिवर्तन से लड़ाई की राह बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके मूल में बड़े दिल वाले होने का सिद्धांत है. उन्होंने कहा, ‘‘पर्यावरणीय न्याय का मतलब यह भी है कि विकासशील देशों को विकास करने का अवसर दिया जाए.’’ पेरिस समझौते का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत इसके लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सही राह पर है. उन्होंने कहा, ‘‘साझा प्रयासों से ही सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है और इन लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में भारत अपनी भूमिका के लिए तैयार है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाएं गरीबों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं.
भारत में बढ़ रहा इथेनॉल का इस्तेमालउन्होंने कहा कि आठ करोड़ से ज्यादा घरों में उज्जवला योजना के जरिए स्वच्छ ईंधन पहुंचा और भारत इथेनॉल के इस्तेमाल को भी बढ़ा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत ने 2030 तक 450 गीगावॉट का अक्षय उर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
इस शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय ‘‘सबके लिए सुरक्षित और संरक्षित पर्यावरण और हमारा साझा भविष्य’’ है. नई दिल्ली स्थित द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीटयूट (टेरी) की ओर से आयोजित यह 20वां शिखर सम्मेलन है, जिसमें विश्व में सतत विकास को लेकर दो दिनों तक चर्चा होगी.
इस शिखर सम्मेलन को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है. केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी इस कार्यक्रम में शरीक हुए. गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली, पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे, मालदीव की पीपुल्स मजलिस के अध्यक्ष मोहम्मद नशीद, संयुक्त राष्ट्र की उपमहासचिव अमीना जे मोहम्मद भी इस सम्मेलन में शामिल हुए.