'राष्ट्रीय नायक' ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान की कब्र की हालत देख सेना ने जताई निराशा

ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान (Brigadier Mohammad Usman) की कब्र क्षतिग्रस्त अवस्था में मिली है
ब्रिगेडियर उस्मान (Brigadier Usman) के नेतृत्व में भारतीय सेना ने नौसेरा को अपने अधिकार क्षेत्र में लेकर पाकिस्तानी सेना को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया था. उसके बाद से ही ब्रिगेडियर उस्मान को 'नौसेरा का शेर' का खिताब दिया गया था.
- News18Hindi
- Last Updated: December 29, 2020, 7:23 AM IST
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 1947-48 के भारत-पाक युद्ध (Indo-Pak War 1947-48) में शहीद हुए ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान (Brigadier Mohammad Usman) की कब्र क्षतिग्रस्त अवस्था में मिली है, जिसके बाद सोमवार को सेना के सूत्रों ने कहा कि सेना राष्ट्रीय नायक की कब्र की देखभाल करने में पूरी तरह सक्षम है. उन्होंने कहा कि ब्रिगेडियर उस्मान एक राष्ट्रीय नायक हैं और सेना के वरिष्ठ अधिकारी उनकी कब्र की हालत देखने के बाद बेहद निराश हैं.
यह कब्र जिस कब्रिस्तान में है, वह दक्षिणी दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के अधिकार क्षेत्र में आती है. सेना के एक सूत्र ने कहा, 'कब्र जामिया मिलिया इस्लामिया के क्षेत्राधिकार में आती है इसलिए कब्र के रखरखाव के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को जिम्मेदार होना चाहिए. अगर वे इसे बनाए नहीं रख सकते तो सेना युद्ध नायक की कब्र की देखभाल करने में पूरी तरह सक्षम है.'
सूत्र ने कहा कि उनके अवशेषों को दिल्ली छावनी क्षेत्र में स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं है.
वहीं, जामिया मिलिया इस्लामिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'विश्वविद्यालय कब्रिस्तान की चारदिवारी और साफ-सफाई के लिए जिम्मेदार है. हालांकि, कब्रों की देखभाल संबंधित परिवार के सदस्यों द्वारा की जाती है.'
बता दें कि ब्रिगेडियर उस्मान के नेतृत्व में भारतीय सेना ने नौसेरा को अपने अधिकार क्षेत्र में लेकर पाकिस्तानी सेना को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया था. उसके बाद से ही ब्रिगेडियर उस्मान को 'नौसेरा का शेर' का खिताब दिया गया था. इस युद्ध के दौरान ही 1949 में पूंछ के झांगड़ इलाके में पाकिस्तानी सेना से लड़ते हुए वे एक तोप के गोले की चपेट में आ गए थे, जिसके चलते उन्होने युद्ध के मैदान में दम तोड़ दिया था. (भाषा इनपुट के साथ)
यह कब्र जिस कब्रिस्तान में है, वह दक्षिणी दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के अधिकार क्षेत्र में आती है. सेना के एक सूत्र ने कहा, 'कब्र जामिया मिलिया इस्लामिया के क्षेत्राधिकार में आती है इसलिए कब्र के रखरखाव के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को जिम्मेदार होना चाहिए. अगर वे इसे बनाए नहीं रख सकते तो सेना युद्ध नायक की कब्र की देखभाल करने में पूरी तरह सक्षम है.'
सूत्र ने कहा कि उनके अवशेषों को दिल्ली छावनी क्षेत्र में स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं है.
बता दें कि ब्रिगेडियर उस्मान के नेतृत्व में भारतीय सेना ने नौसेरा को अपने अधिकार क्षेत्र में लेकर पाकिस्तानी सेना को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया था. उसके बाद से ही ब्रिगेडियर उस्मान को 'नौसेरा का शेर' का खिताब दिया गया था. इस युद्ध के दौरान ही 1949 में पूंछ के झांगड़ इलाके में पाकिस्तानी सेना से लड़ते हुए वे एक तोप के गोले की चपेट में आ गए थे, जिसके चलते उन्होने युद्ध के मैदान में दम तोड़ दिया था. (भाषा इनपुट के साथ)