संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी सदस्य टीएस तिरुमूर्ति. (ANI)
न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ब्रिटेन में नीदरलैंड के राजदूत को उनके बयान के लिए कहा, ‘कृपया हमें सलाह न दें, भारत जानता है कि उसे क्या करना है.’ डच राजदूत ने कहा था कि भारत को यूक्रेन मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में होने वाली वोटिंग में गैरहाजिर रहने की बजाय भाग लेना चाहिए था. रूसी सेना ने गत 24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किया था, जिसके 3 दिन बाद रूस ने यूक्रेन के अलग-अलग क्षेत्रों डोनेत्स्क और लुहान्स्क को स्वतंत्र क्षेत्र के रूप में मान्यता दी थी.
इस साल जनवरी के बाद से भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र महासभा और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उन प्रक्रियात्मक मतदान और मसौदा प्रस्तावों से दूरी बना रखी है, जिनमें यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रमण की निंदा की गई. ग्रेट ब्रिटेन और नॉर्दर्न आयरलैंड के लिए नीदरलैंड के राजदूत कैरेल वान ओस्टरोम के एक ट्वीट के जवाब में तिरुमूर्ति ने कहा, ‘कृपया हमें न बताएं राजदूत. हम जानते हैं कि हमें क्या करना है.’ डच राजदूत ने अपने ट्वीट में टीएस तिरुमूर्ति से कहा था, ‘आपको महासभा (जीए) में शामिल होना चाहिए था. संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करें.’
At the UN Security Council meeting on #Ukraine this afternoon, I made the following statement ⤵️ pic.twitter.com/1ZMrEOzADB
— PR/Amb T S Tirumurti (@ambtstirumurti) May 5, 2022
टीएस तिरुमूर्ति ने बुधवार को यूक्रेन मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में एक बयान दिया. उन्होंने ट्विटर पर अपने बयान को पोस्ट करते हुए कहा, ‘आज दोपहर यूक्रेन मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में मैंने बयान दिया जिस पर कैरेल वान ओस्टरोम ने महासभा में भारत की गैर मौजूदगी को लेकर टिप्पणी की थी. भारत, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस को निलंबित करने से संबंधित अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाए गए अमेरिकी प्रस्ताव पर मतदान से गैर मौजूद रहा था. इस प्रस्ताव में रूसी सैनिकों पर यूक्रेन में निर्दोष नागरिकों की सामूहिक हत्या करने का आरोप लगा था.
यूक्रेन में मानवीय संकट के मुद्दे पर मार्च में संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाए गए एक प्रस्ताव से भारत ने यह कहते हुए दूरी बनाई थी कि शत्रुता की समाप्ति और तत्काल मानवीय सहायता पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. भारत ने कहा था कि यह मसौदा इन चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने संबंधी हमारी उम्मीदों को पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं करता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2 मार्च को यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए मतदान किया था और रूसी आक्रमण की निंदा की थी. इस प्रस्ताव के पक्ष में 141 वोट पड़े थे, 5 सदस्य देशों ने इसके विरोध में मतदान किया था, जबकि भारत समेत 34 देशों मतदान से गैरहाजिर रहे थे.
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Tags: Russia ukraine war, United Nations General Assembly, United Nations Security Council
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