परेड के दौरान भारतीय आर्टेलरी रेजिमेंट में सबसे लंबी मार करने वाली रॉकेट लॉन्चर स्मर्च. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. चीन ने पिछले कुछ महीनों में पीएलए और वायुसेना की रेजिमेंट के अलावा रॉकेट फ़ोर्स के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के दूसरी ओर तिब्बत में तैनात की है. चीन को अपने रॉकेट फ़ोर्स को लेकर बहुत घमंड है, लेकिन भारतीय सेना ने भी चीन के इस गुरूर को तोड़ने के लिए अपनी रॉकेट फ़ोर्स को तैनात किया है. न्यूज़18 इंडिया की टीम एक ऐसी ही ट्रेनिंग लोकेशन पर पहुंची जो कि अरुणाचल प्रदेश और असम के बॉर्डर पर मौजूद है जिसे एलएसी का डेप्थ एरिया कहा जाता है.
सेना की एक जीप बड़ी तेज़ी से एक लोकेशन की तरफ़ से बढ़ती है. वास्तव में यह जीप मल्टीबैरल राकेट लॉन्चर पोजीशन के लिए लोकेशन तय कर रही है. लाल झंडा गाड़ने से पीछे मौजूद पिनाका और स्मर्च की एक-एक फ़ायरिंग यूनिट तुरंत मौक़े पर पहुंचती है और अपनी पोजीशन ले लेती है. चूंकि ये सिर्फ़ ड्रिल है जिसे सैनिकों को रोज़ करना पड़ता है. पोजीशन के बाद जिस एंगल पर फायर करना है वो एंगल सेट किया जाता है और फिर एक मिनट से कम समय में ही दोनों राकेट लॉन्चर अपने सारे रॉकेट फ़ायर कर सकते हैं.
44 सेकेंड में लॉन्च होते हैं 72 रॉकेट, पिनाका की मारक क्षमता 38 किलोमीटर
पिनाका रॉकेट लॉन्चर स्वदेशी है, जो स्मर्च रूस से लिया गया है. पिनाका की एक बैटरी में 6 फ़ायरिंग यूनिट यानी लॉन्चर होते हैं और एक लॉन्चर में 12 ट्यूब होते हैं यानी एक बैटरी में कुल मिलाकर 72 रॉकेट होते हैं और महज़ 44 सेकेंड में ये सारे रॉकेट लॉन्च हो जाते हैं. लॉन्चिंग के तुरंत बाद लॉन्चर अपनी लोकेशन बदलते हैं और फिर दोबारा आर्मड हो जाते हैं. पिनाका की मारक क्षमता 38 किलोमीटर है और एक साथ पूरी बैटरी दागने पर दुश्मन के 1000 गुना 800 मीटर के इलाक़े को पूरी तरह से तहस नहस कर सकता है.
सबसे लंबी मार करने वाली रॉकेट लॉचर स्मर्च
भारतीय आर्टिलरी रेजिमेंट में सबसे लंबी मार करने वाला रॉकेट लॉन्चर है स्मर्च. यह 90 किलोमीटर की दूरी तक स्थित अपने दुश्मनों को तबाह कर सकता है. इसकी एक बैटरी में चार लॉन्चर होते हैं और हर लॉन्चर में 12 ट्यूब हैं, यानी एक बैटरी में 48 रॉकेट हैं और ये सारे रॉकेट महज़ 40 सेकेंड में दुश्मन पर टूटने के लिए ट्यूब से निकल जाएंगे और स्मर्च की एक बैटरी दुश्मन के 1200 मीटर गुणा 1200 मीटर के इलाक़े में तैनात दुश्मन के किसी भी इंस्टॉलेशन को ज़मींदोज़ कर सकती है.
वैसे तो रॉकेट लॉन्चर भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट का हिस्सा है, लेकिन जल्द ही भारतीय सेना अपनी खुद की रॉकेट फ़ोर्स तैयार करने को लेकर काम कर रही है. खुद सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने इस बाबत कहा था, “भारतीय सेना आधुनिकता के दौर से गुजर रही है, भारतीय सेना के तीनों अंगों को थियेटरों में बांटकर एकजुट किया जा रहा है और उसी के मद्देनज़र आने वाले दिन में भारतीय सेना की खुद की रॉकेट फ़ोर्स होगी जो कि चीन और पाकिस्तान के लिए किसी काल से कम नहीं होगी.”
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