LAC पर चीन की हर चाल होगी नाकाम! भारतीय सेना को मिलने जा रहे हैं खास इजरायली और अमेरिकी ड्रोन

अमेरिका से जो अन्य छोटों और मिनी ड्रोन्स मिलेंगे उसे जमीन पर बटालियन स्तर के जवानों को दिया जाएगा.
India purchase drone: इजरायल के हेरोन सर्विलांस ड्रोन की खरीद को लेकर डील अंतिम चरण में है और ऐसी उम्मीद है कि इस पर दिसंबर में इस पर मुहर लग जाएगी.
- News18Hindi
- Last Updated: November 26, 2020, 4:11 PM IST
नई दिल्ली. एलएसी पर चीन के साथ जारी विवाद (India China Border Tension) के कारण भारत लगातार अपनी सुरक्षा बढ़ा रहा है. राफेल समेत कई मिसाइल को सेना में शामिल करने के बाद भारतीय सेना की ताकत में अब ड्रोन (Drones from Israel) जुड़ने जा रहा है. चीनी बॉर्डर से जुड़े सीमावर्ती क्षेत्रों में सर्विलांस (Surveillance) क्षमता को और बढ़ाने के लिए भारत को जल्द ही इजरायल के हेरोन और अमेरिका से मिनी ड्रोन मिलेगा.
इजरायल के हेरोन सर्विलांस ड्रोन की खरीद को लेकर डील अंतिम चरण में है और ऐसी उम्मीद है कि इस पर दिसंबर में इस पर मुहर लग जाएगी. न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि, हेरोन ड्रोन की तैनाती चीन से लगते लद्दाख सेक्टर में की जाएगी और इस वक्त जो भारतीय सुरक्षाबलों के पास सर्विलांस क्षमता है उसके मुकाबले कहीं ये काफी एडवांस है.
इमरजेंसी फाइनेंशियल पावर्स के तहत ड्रोनों की खरीददारी
सूत्रों का कहना है कि इन ड्रोनों की खरीददारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार की तरफ से रक्षा बलों को दी गई इमरजेंसी फाइनेंशियल पावर्स के तहत हो रही है, जिसके तहत वे युद्धक सामानों की 500 करोड़ तक खरीददारी या उसे अपग्रेड कर सकते हैं. इसके अलावा भारत को अमेरिका से जो अन्य छोटों और मिनी ड्रोन्स मिलेंगे उसे जमीन पर बटालियन स्तर के जवानों को दिया जाएगा. हाथों से ऑपरेट किए जाने वाले ड्रोन को खास लोकेशन के बारे में पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
सूत्रों का कहना है कि इन खास ड्रोंस की खरीद से एलएसी पर भारतीय सेना को चीन की हर चाल के बारे में जानकारी मिल सकेगी. जानकारी के मुताबिक, आखिरी बार सुरक्षाबलों को यह सुविधा उस वक्त दी गई थी जब पिछले साल 2019 में पाकिस्तान स्थित बालाकोट में आतंकियों के ऊपर हवाई हमले किए गए थे. इस पावर का इस्तेमाल करते हुए भारतीय नौसेना ने दो प्रीडेटर ड्रोन्स अमेरिकन कंपनी जनरल एटोमिक्स से लीज पर लिया है.
इजरायल के हेरोन सर्विलांस ड्रोन की खरीद को लेकर डील अंतिम चरण में है और ऐसी उम्मीद है कि इस पर दिसंबर में इस पर मुहर लग जाएगी. न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि, हेरोन ड्रोन की तैनाती चीन से लगते लद्दाख सेक्टर में की जाएगी और इस वक्त जो भारतीय सुरक्षाबलों के पास सर्विलांस क्षमता है उसके मुकाबले कहीं ये काफी एडवांस है.
इमरजेंसी फाइनेंशियल पावर्स के तहत ड्रोनों की खरीददारी
सूत्रों का कहना है कि इन ड्रोनों की खरीददारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार की तरफ से रक्षा बलों को दी गई इमरजेंसी फाइनेंशियल पावर्स के तहत हो रही है, जिसके तहत वे युद्धक सामानों की 500 करोड़ तक खरीददारी या उसे अपग्रेड कर सकते हैं. इसके अलावा भारत को अमेरिका से जो अन्य छोटों और मिनी ड्रोन्स मिलेंगे उसे जमीन पर बटालियन स्तर के जवानों को दिया जाएगा. हाथों से ऑपरेट किए जाने वाले ड्रोन को खास लोकेशन के बारे में पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
सूत्रों का कहना है कि इन खास ड्रोंस की खरीद से एलएसी पर भारतीय सेना को चीन की हर चाल के बारे में जानकारी मिल सकेगी. जानकारी के मुताबिक, आखिरी बार सुरक्षाबलों को यह सुविधा उस वक्त दी गई थी जब पिछले साल 2019 में पाकिस्तान स्थित बालाकोट में आतंकियों के ऊपर हवाई हमले किए गए थे. इस पावर का इस्तेमाल करते हुए भारतीय नौसेना ने दो प्रीडेटर ड्रोन्स अमेरिकन कंपनी जनरल एटोमिक्स से लीज पर लिया है.