लॉकडाउन में ऐतिहासिक इमारतों को भी नुकसान
नई दिल्ली. 22 मार्च से देश की सभी ऐतिहासिक इमारतें (Historical monuments) पूरी तरह से बंद हैं. कोराना (Corona) और लॉकडाउन (Lockdown) के चलते 5 महीने से एक भी भारतीय और विदेशी पर्यटक (Tourist) ताजमहल, किला और कुतुबमीनार घूमने नहीं आया है. एक मोटे अनुमान के मुताबिक 5 महीने में इमारातों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है.
इमारतों की टिकट बिकने से यह इनकम होती थी. अब एक सितम्बर से फिर इमारतों को खोलने का फैसला लिया गया है. लेकिन कंटेनमेंट ज़ोन में होने के चलते ताजमहल (Taj Mahal) आगरा किला (Agra Fort) अभी नहीं खोले जाएंगे. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) सभी इमारतों की देखरेख करता है.
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5 इमारतों से ही हुआ 12 करोड़ से ज़्यादा का नुकसान
वैसे तो देशभर में बहुत सारी ऐसी ऐतिहासिक इमारते हैं जिन्हें देखने के लिए टिकट लगता है. लेकिन कुछ इमारतें ऐसी हैं जिनसे एएसआई को टिकट द्वारा करोड़ों रुपये की इनकम होती है. सबसे ज़्यादा इनकम देने वाली उन्हीं में से एक इमारत है ताजमहल. इसी वित्तीय वर्ष 2019-20 में ताज पर रिकॉर्ड तोड़ 96.01 करोड़ रुपये की टिकट बेची गई हैं. टिकट बेचकर होने वाली इनकम कुतुबमीनार, फतेहपुर सीकरी और लालकिले की भी कम नहीं है.
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