हैदराबाद के दिलसुखनगर में साल 2013 में हुए दोहरे बम विस्फोट में यासीन भटकल सहित इंडियन हिजबुल मुजाहिदीन के चार आतंकवादियों को फांसी की सजा सुनाई है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने 13 दिसंबर 2016 को हुई सुनवाई में यासीन भटकल सहित मुजाहिदीन के पांचों आतंकवादियों को हैदराबाद ब्लास्ट केस में दोषी करार दिया था.
सोमवार को हैदराबाद विस्फोट मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने पांचों अभियुक्तों असदुल्लाह अख्तर उर्फ हादी, यासीन भटकल उर्फ मोहम्मद अहमद सिद्दीबप्पा, तहसीन अख्तर उर्फ मोनू, पाकिस्तानी नागरिक जिया उर रहमान उर्फ वकास और एजाज शेख को फांसी की सजा सुनाई.
हैदराबाद दिलसुखनगर धमाकों में यासीन के भाई रियाज भटकल भी शामिल है. हालांकि, रियाज भटकल अभी फरार है. माना जाता है कि वह कराची से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहा है.
हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में 21 फरवरी, 2013 को दोहरा विस्फोट हुआ था, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 130 लोग घायल हो गए थे.
विस्फोट के छह महीने बाद यासीन भटकल और असदुल्लाह अख्तर को नेपाल की सीमा के निकट बिहार के एक इलाके से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और एजेंसी ने पांचों आरोपियों के खिलाफ दो आरोप पत्र दाखिल किए.
उल्लेखनीय है कि दिलसुखनगर में 21 फरवरी, 2013 को एक भीड़भाड़ वाले इलाके में 100 मीटर की दूरी पर दो विस्फोट हुए थे.
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FIRST PUBLISHED : December 19, 2016, 17:24 IST