भारतीय नौसेना ने दो अमेरिकी प्रिडेटर ड्रोन को लीज पर लिया, चीन सीमा पर भी हो सकती है तैनाती

चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्रों बलों को आपात स्थिति में खरीद का अधिकार दिया है.
चीन (China) से तनाव के बीच अमेरिकी प्रिडेटर ड्रोन (American Predator drones) एक साल तक लीज पर भारतीय नौसेना (Indian Navy) के पास रहेंगे. 30 घंटे उड़ान भरने की क्षमता वाले इन ड्रोन्स को पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में भी तैनात किया जा सकता है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 25, 2020, 11:48 PM IST
नई दिल्ली. भारत और अमेरिका के घनिष्ठ रिश्तों का ये संकेत है कि चीन (China) के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने हिंद महासागर में दो प्रिडेटर ड्रोन तैनात किए हैं. जरूरत पड़ी तो इन प्रिडेटर्स ड्रोन को पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में भारत-चीन सीमा पर भी तैनात किया जा सकता है. नौसेना ने इन दोनों ड्रोन को एक अमेरिकी कंपनी से लीज पर लिया है.
अमेरिकी ड्रोन्स को नौसेना ने रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) द्वारा खरीद के लिए दी गई इमरजेंसी पावर के तहत लीज पर लिया है. चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्रों बलों को आपात स्थिति में खरीद का अधिकार दिया है.
ANI के मुताबिक नवंबर के दूसरे हफ्ते में ये ड्रोन भारत आए और 21 नवंबर को इन्हें आईएनएस राजाली (INS Rajali) नौसेना बेस पर फ्लाइंग ऑपरेशंस में शामिल किया गया. दोनों ड्रोन ने उड़ान भरनी शुरू कर दी है और इनकी खासियत ये है कि एक बार में 30 घंटे तक हवा में रह सकते हैं. एएनआई ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि समुद्री सुरक्षा के लिए प्रिडेटर ड्रोन बहुत मददगार साबित हो रहे हैं.
अमेरिकी कंपनी की ओर से एक क्रू टीम भी भारत आई है और नौसेना को तकनीकी रूप से मदद कर रही है. ताकि ड्रोन्स के ऑपरेशंस में किसी तरह की परेशानी ना आए. भारतीय रंगों में उड़ान भर रहे ड्रोन अगले एक साल तक लीज पर नौसेना के पास रहेंगे. भारतीय सेना के तीनों अंग आने वाले दिनों में इस तरह के 18 ड्रोन अधिग्रहित करने के लिए बारे में विचार कर रहे हैं.सूत्रों के मुताबिक चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत और अमेरिका मिलकर काम रहे हैं. भारत को अमेरिका से सर्विलांस और सूचना के साथ कई क्षेत्रों में बड़ी मदद मिल रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सपोर्ट स्टाफ नौसेना को सिर्फ तकनीकी मामलों में ही मदद करेगा, जबकि उड़ान की योजना और नियंत्रण की कमान नौसेना के पास रहेगी. साथ ही उड़ान के दौरान ड्रोन द्वारा जुटाए गए डाटा भी नौसेना की एक्सक्लूसिव प्रापर्टी होंगे.
पिछले कुछ सालों से भारतीय सशस्त्र बल सर्विलांस के लिए अमेरिकी सिस्टम में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. भारतीय नौसेना के पास पहले से ही लंबी दूरी के 9P-8I सर्विलांस विमान हैं और अगले कुछ सालों में ऐसे 9 विमानों टोही विमान खरीदे जाएंगे.
हेलीकॉप्टर के मामले में नौसेना अपनी मल्टी रोल क्षमताओं के लिए 24 एमएम-60 रोमियो हेलीकॉप्टर खरीद रही है. भारत और अमेरिका ने हाल ही में डिफेंस और नेशनल सिक्योरिटी के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता किया है.
अमेरिकी ड्रोन्स को नौसेना ने रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) द्वारा खरीद के लिए दी गई इमरजेंसी पावर के तहत लीज पर लिया है. चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्रों बलों को आपात स्थिति में खरीद का अधिकार दिया है.
ANI के मुताबिक नवंबर के दूसरे हफ्ते में ये ड्रोन भारत आए और 21 नवंबर को इन्हें आईएनएस राजाली (INS Rajali) नौसेना बेस पर फ्लाइंग ऑपरेशंस में शामिल किया गया. दोनों ड्रोन ने उड़ान भरनी शुरू कर दी है और इनकी खासियत ये है कि एक बार में 30 घंटे तक हवा में रह सकते हैं. एएनआई ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि समुद्री सुरक्षा के लिए प्रिडेटर ड्रोन बहुत मददगार साबित हो रहे हैं.
अमेरिकी कंपनी की ओर से एक क्रू टीम भी भारत आई है और नौसेना को तकनीकी रूप से मदद कर रही है. ताकि ड्रोन्स के ऑपरेशंस में किसी तरह की परेशानी ना आए. भारतीय रंगों में उड़ान भर रहे ड्रोन अगले एक साल तक लीज पर नौसेना के पास रहेंगे. भारतीय सेना के तीनों अंग आने वाले दिनों में इस तरह के 18 ड्रोन अधिग्रहित करने के लिए बारे में विचार कर रहे हैं.सूत्रों के मुताबिक चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत और अमेरिका मिलकर काम रहे हैं. भारत को अमेरिका से सर्विलांस और सूचना के साथ कई क्षेत्रों में बड़ी मदद मिल रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सपोर्ट स्टाफ नौसेना को सिर्फ तकनीकी मामलों में ही मदद करेगा, जबकि उड़ान की योजना और नियंत्रण की कमान नौसेना के पास रहेगी. साथ ही उड़ान के दौरान ड्रोन द्वारा जुटाए गए डाटा भी नौसेना की एक्सक्लूसिव प्रापर्टी होंगे.
पिछले कुछ सालों से भारतीय सशस्त्र बल सर्विलांस के लिए अमेरिकी सिस्टम में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. भारतीय नौसेना के पास पहले से ही लंबी दूरी के 9P-8I सर्विलांस विमान हैं और अगले कुछ सालों में ऐसे 9 विमानों टोही विमान खरीदे जाएंगे.
हेलीकॉप्टर के मामले में नौसेना अपनी मल्टी रोल क्षमताओं के लिए 24 एमएम-60 रोमियो हेलीकॉप्टर खरीद रही है. भारत और अमेरिका ने हाल ही में डिफेंस और नेशनल सिक्योरिटी के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता किया है.