450 किमी तक मारक क्षमता वाली 38 ब्रह्मोस खरीदेगी नौसेना, नए युद्धपोत पर होगी तैनाती

भारतीय नौसेना ने हाल ही में आईएनएस चेन्नई से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. ANI
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Brahmos Missiles) के नए उन्नत संस्करण को विशाखापत्तनम् में तैयार हो रहे युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा. मिसाइलों की नई मारक क्षमता 450 किलोमीटर तक है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 15, 2020, 8:54 PM IST
नई दिल्ली. समंदर के पहरेदार युद्धपोतों की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का नया उन्नत (Extended) संस्करण खरीदने का फैसला किया है. ब्रह्मोस मिसाइल के नए वर्जन की मारक सीमा 450 किलोमीटर तक है. नौसेना ने इसकी खरीद के लिए प्रस्ताव आगे बढ़ा दिया है. नई ब्रह्मोस मिसाइलों को विशाखापत्तनम् में तैयार हो रहे नए युद्धपोत पर तैनात किया जाएगा. निकट भविष्य में ये युद्धपोत नौसेना में सक्रिय सेवा का हिस्सा होंगे.
सरकारी सूत्रों के हवाले से ANI ने जानकारी दी है कि नौसेना ने 38 नई उन्नत ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद के लिए 1,800 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया है. इस प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय के पास भेजा गया है. उम्मीद है कि जल्द ही इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल जाएगी. ब्रह्मोस का नया उन्नत संस्करण नौसेना के युद्धपोत का मुख्य हमलावर हथियार होगा. इससे पहले ब्रह्मोस की दूसरे संस्करण की मिसाइलें भी नौसेना के दूसरे युद्धपोतों पर तैनात हैं.
भारतीय नौसेना ने हाल ही में आईएनएस चेन्नई से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. इस परीक्षण में ब्रह्मोस के नए उन्नत संस्करण ने दूर गहरे समुद्र में 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टारगेट को सफलतापूर्वक भेदकर अपनी क्षमता का लोहा मनवाया था.
भारत सरकार पहले से ही सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लिए विदेशों में मार्केट तलाशने में जुटी है. डीआरडीओ ने इस मिसाइल को पीजे10 प्रोजेक्ट के तहत लगभग पूरी तरह भारतीय संस्करण में बदल दिया है. 90 के दशक के उतरार्द्ध में भारत और रूस के बीच साझा उपक्रम के तहत ब्रह्मोस मिसाइल को विकसित करने का काम शुरू हुआ था.
बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल सेना के तीनों अंगों का अहम हिस्सा है.
सरकारी सूत्रों के हवाले से ANI ने जानकारी दी है कि नौसेना ने 38 नई उन्नत ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद के लिए 1,800 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया है. इस प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय के पास भेजा गया है. उम्मीद है कि जल्द ही इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल जाएगी. ब्रह्मोस का नया उन्नत संस्करण नौसेना के युद्धपोत का मुख्य हमलावर हथियार होगा. इससे पहले ब्रह्मोस की दूसरे संस्करण की मिसाइलें भी नौसेना के दूसरे युद्धपोतों पर तैनात हैं.
भारतीय नौसेना ने हाल ही में आईएनएस चेन्नई से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. इस परीक्षण में ब्रह्मोस के नए उन्नत संस्करण ने दूर गहरे समुद्र में 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टारगेट को सफलतापूर्वक भेदकर अपनी क्षमता का लोहा मनवाया था.
भारत सरकार पहले से ही सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लिए विदेशों में मार्केट तलाशने में जुटी है. डीआरडीओ ने इस मिसाइल को पीजे10 प्रोजेक्ट के तहत लगभग पूरी तरह भारतीय संस्करण में बदल दिया है. 90 के दशक के उतरार्द्ध में भारत और रूस के बीच साझा उपक्रम के तहत ब्रह्मोस मिसाइल को विकसित करने का काम शुरू हुआ था.
बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल सेना के तीनों अंगों का अहम हिस्सा है.