नई दिल्ली. भारतीय युवा कांग्रेस (Indian Youth Congress) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी के नेतृत्व में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस अवसर पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास ने कहा कि भाजपा की क्रोनोलॉजी देश समझ चुका है, अब भाजपा (BJP) की ‘कुचलो और बर्बाद करो’ की नीति नहीं चलेगी. देश लखीमपुर खीरी हिंसा में मृत किसानों को न्याय दिलाने के लिए मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर रहा है.
भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) के अभियुक्त के पिता को मंत्री पद से बर्खास्त क्यों नहीं किया जा रहा है? लखीमपुर खीरी हिंसा में मंत्री पुत्र की संलिप्तता साबित हो चुकी है, इसके बाद भी सरकार और प्रशासन अन्याय करने में लगी है, इसलिए आवाज उठाना जरूरी है.
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उन्होंने यह भी कहा की राजनीति के अपराधीकरण के बारे में 2014 के चुनाव से पहले प्रधानमंत्री कितनी बड़ी-बड़ी बातें किया करते थे, लेकिन आज उनकी सरकार अपराधी प्रवृति के लोगों के संरक्षण में सबसे आगे खड़ी है. मोदी सरकार का असली चाल, चरित्र और चेहरा दुनिया के सामने पूरी तरह से बेनकाब हो गया है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह भी कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा के दोषियों को बचाने के लिए सरकार जिस स्तर पर उतर आई है किसी से छिपा नहीं है. गृह राज्यमंत्री को अब तक पद से बर्खास्त ना करके भाजपा आलाकमान ने अपना किसान विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है. उन्होंने यह भी कहा की जब तक गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी इस्तीफा नहीं देते तब तक हम इन्हें छोड़ेंगे नहीं.
3 अक्टूबर को हुई इस घटना में आठ लोगों की हुई थी हत्या
गौरतलब है कि 3 अक्टूबर को हुई इस घटना में चार किसानों व एक स्थानीय पत्रकार समेत आठ लोगों की हत्या हुई थी. आशीष मिश्रा व उसके साथियों पर आरोप है कि वह फायरिंग करते हुए किसानों को अपनी गाड़ी से रौंदते हुए निकल गया. इसमें चार की मौत और कई गंभीर घायल हो गये. इसके बाद 4 अक्टूबर को तिकुनिया थाने में आशीष मिश्रा समेत कई अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. हालांकि बाद में एसआईटी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि यह एक हादसा नहीं बल्कि सोची समझी साजिश के तहत हत्याकांड है.
SIT ने ने एफआईआर में बढ़ाई हत्या, हत्या के प्रयास जैसी धाराएं
इस मामले में पुलिस की उस वक्त किरकिरी हो गई जब एसआईटी ने पूरे प्रकरण को हत्या की साजिश बताया और गंभीर धाराएं जोड़ दीं. पुलिस ने आशीष मिश्रा पर धारा 307 की जगह 279, 326 की जगह 338 और धारा 341 की जगह 304 A लगाया था.
SIT ने कहा कि IPC की धारा 279, 338 और 304 A की जगह 307, 326, 34 और आर्म्स एक्ट की धारा 3/25/30 लगायी जाए. IPC की धारा 307 जान से मारने का प्रयास, 326 – खतरनाक आयुधों (डेंजरस वेपन) या साधनों से गंभीर आघात पहुंचाना, 34 – कई व्यक्तियों के साथ मिलकर एक जैसा अपराध करना और आर्म्स एक्ट की धारा 3/25/30 लाइसेंसी हथियार का गलत प्रयोग करना है.
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