होम /न्यूज /राष्ट्र /अपने पहले SSLV मिशन के साथ ISRO इतिहास रचने को तैयार, कुछ देर में होगी लाॅन्चिंग

अपने पहले SSLV मिशन के साथ ISRO इतिहास रचने को तैयार, कुछ देर में होगी लाॅन्चिंग

इसरो अपने पहले लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान मिशन के साथ एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह और एक छात्र उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा. (Photo: Twitter/@Isro)

इसरो अपने पहले लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान मिशन के साथ एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह और एक छात्र उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा. (Photo: Twitter/@Isro)

अपने भरोसेमंद ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV), भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV) के माध्यम से सफल अभियानों को अ ...अधिक पढ़ें

चेन्नईः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने पहले लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) मिशन के साथ रविवार को एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह और एक छात्र उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा. इस ऐतिहासिक मिशन को श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से अंजाम दिया जाएगा.

अपने भरोसेमंद ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV), भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV) के माध्यम से सफल अभियानों को अंजाम देने में एक खास जगह बनाने के बाद इसरो लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) से पहला प्रक्षेपण करेगा, जिसका उपयोग पृथ्वी की निचली कक्षा में उपग्रहों को स्थापित करने के लिए किया जाएगा.

इसरो के वैज्ञानिक ऐसे छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए पिछले कुछ समय से लघु प्रक्षेपण यान विकसित करने में लगे हुए हैं, जिनका वजन 500 किलोग्राम तक है और जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जा सकता है. एसएसएलवी 34 मीटर लंबा है, जो पीएसएलवी से लगभग 10 मीटर कम है और पीएसएलवी के 2.8 मीटर की तुलना में इसका व्यास 2 मीटर है.


एसएसएलवी का उत्थापन द्रव्यमान 120 टन है, जबकि पीएसएलवी का 320 टन है, जो 1800 किलोग्राम तक के उपकरण ले जा सकता है. रविवार के मिशन में एसएसएलवी पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (EOS-02) और एक सह-यात्री उपग्रह ‘AzadiSAT’ को ले जाएगा, जिसे स्पेस किड्ज इंडिया (Space Kids India) की छात्र टीम द्वारा विकसित किया गया है.

इसरो के सूत्रों के अनुसार, अन्य अभियानों की तुलना में इस मिशन के लिए काउंटडाउन को 25 घंटे से घटाकर 5 घंटे कर दिया गया है. रविवार को एसएसएलवी को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सुबह 9ः18 बजे प्रक्षेपित किया जाएगा, जिसके लिए काउंटडाउन रविवार को ही सुबह 4ः18 बजे शुरू हो गया.

लगभग 13 मिनट की यात्रा के बाद, एसएसएलवी सबसे पहले ईओएस-02 को इच्छित कक्षा में स्थापित करेगा. इस उपग्रह को इसरो द्वारा डिजाइन किया गया है. इसके बाद आजादीसैट को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा. यह उपग्रह 8 किलोग्राम का क्यूबसैट है, जिसे छात्र छात्राओं द्वारा स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में डिजाइन किया गया है. आजादीसैट में 75 अलग-अलग उपकरण हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन लगभग 50 ग्राम है.

Tags: ISRO, ISRO satellite launch

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें