इसरो ने CE-20 इंजन की सफल टेस्टिंग की है. (तस्वीर: Wikimedia Commons)
बेंगलुरु. तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में स्थित इसरो नोदन कॉम्पलेक्स (आईपीआरसी) के ‘हाई एल्टीट्यूड टेस्ट’ केंद्र में 25 सेकंड की अवधि के दौरान CE-20 इंजन का उड़ान परीक्षण किया गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि यह इंजन LVM3-M3 मिशन के लिए निर्धारित किया गया है. इसके तहत वनवेब इंडिया-1 के अगले 36 उपग्रह को स्पेस में प्रोजेक्ट किया जाएगा.
सूत्रों ने बताया कि लंदन स्थित उपग्रह संचार कंपनी ‘वनवेब’ के इन उपग्रहों को इसरो की व्यावसायिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) अगले साल की शुरुआत में प्रक्षेपित कर सकती है.
23 अक्टूबर को वनवेब के 35 सेटेलाइट हुए थे लॉन्च
एनएसआईएल द्वारा श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी-एसएचएआर) से 23 अक्टूबर को वनवेब के पहले 36 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया था. इसके कुछ दिनों के बाद ही शुक्रवार को सीई-20 इंजन का उड़ान संबंधी परीक्षण किया गया. एलवीएम3 इसरो का सबसे भारी रॉकेट है और यह चार टन श्रेणी के उपग्रह को भूसमकालिक कक्षा में भेजने में सक्षम है.
इसरो ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘एलवीएम3 यान (सी25 स्टेज) का क्रायोजेनिक अपर स्टेज सीई-20 इंजन से चालित है जो एलओएक्स-एलएच2 नोदक संयोजन के साथ काम करता है.’
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