कश्मीर पर पाक-चीन की बातचीत पर भारत ने कहा- हमारे आंतरिक मामलों पर दूसरे देश टिप्पणी न करें
भारत (India) ने कश्मीर मामले (Kashmir Issue) पर अपना रुख साफ करते हुए कहा कि यह हमारा आतंरिक मामला है और चीन (China) हमारे रुख से अच्छी तरह से वाकिफ है. इस मामले में अन्य देश टिप्पणी न करें.
- भाषा
- Last Updated: October 9, 2019, 10:59 PM IST
नई दिल्ली. चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के कश्मीर (Kashmir) पर चर्चा करने की खबरों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत (India) ने बुधवार को कहा कि इस मुद्दे पर हमारे रुख से बीजिंग ‘अच्छी तरह से अवगत’ है और हमारे आंतरिक मामलों पर अन्य देश टिप्पणी नहीं करें.
भारत की यह कड़ी प्रतिक्रिया शी और खान के बीच एक बैठक में कश्मीर पर चर्चा होने के बारे में चीनी सरकारी मीडिया में खबर आने के बाद आई है. खबर के मुताबिक बैठक में शी ने इमरान खान से कहा कि कश्मीर में स्थिति की चीन निगरानी कर रहा है और उसने आशा जताई कि ‘संबद्ध पक्ष’ शांतिपूर्ण वार्ता के जरिये मुद्दे का हल कर सकते हैं.
भारत का रुख एकदम साफ
विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘हमने शी की इमरान खान के साथ बैठक के बारे में खबर देखी है जिसमें कश्मीर पर उनके बीच हुई चर्चा का भी जिक्र किया गया है. भारत का लगातार और स्पष्ट रुख रहा है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. चीन हमारे रुख से अच्छी तरह से अवगत है. भारत के आंतरिक मामलों पर अन्य देश टिप्पणी नहीं करें.’’शी का शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक का कार्यक्रम है. चीनी राष्ट्रपति ने इमरान खान को एक बैठक के दौरान भरोसा दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय हालात में बदलावों के बावजूद चीन और पाकिस्तान के बीच मित्रता अटूट तथा चट्टान की तरह मजबूत है.
चीन ने किया पाकिस्तान का समर्थन
सरकारी चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) की खबर के मुताबिक, ‘‘राष्ट्रपति शी ने (खान को) भरोसा दिलाया है कि चीन कश्मीर में स्थिति की निगरानी कर रहा है.’’ शी ने कहा, ‘‘अपने वैध हितों की हिफाजत करने में चीन पाकिस्तान का समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि संबद्ध पक्ष शांतिपूर्ण वार्ता के जरिये विवाद को हल कर सकते हैं.’’
चीन ने कहा द्विपक्षीय तरीके से हल हो मामला
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मंगलवार को कहा था कि कश्मीर मुद्दे का हल द्विपक्षीय तरीके से करना चाहिए. हालांकि, चीन का यह रुख अनुच्छेद 370 (Article 370) पर भारत के कदम के बाद के हफ्तों में कश्मीर पर चीन के रुख में अहम बदलाव का संकेत देता है.
जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा पांच अगस्त को रद्द करने के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ने के बीच खान ने चीन यात्रा की है.
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भारत की यह कड़ी प्रतिक्रिया शी और खान के बीच एक बैठक में कश्मीर पर चर्चा होने के बारे में चीनी सरकारी मीडिया में खबर आने के बाद आई है. खबर के मुताबिक बैठक में शी ने इमरान खान से कहा कि कश्मीर में स्थिति की चीन निगरानी कर रहा है और उसने आशा जताई कि ‘संबद्ध पक्ष’ शांतिपूर्ण वार्ता के जरिये मुद्दे का हल कर सकते हैं.
भारत का रुख एकदम साफ
विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘हमने शी की इमरान खान के साथ बैठक के बारे में खबर देखी है जिसमें कश्मीर पर उनके बीच हुई चर्चा का भी जिक्र किया गया है. भारत का लगातार और स्पष्ट रुख रहा है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. चीन हमारे रुख से अच्छी तरह से अवगत है. भारत के आंतरिक मामलों पर अन्य देश टिप्पणी नहीं करें.’’शी का शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक का कार्यक्रम है. चीनी राष्ट्रपति ने इमरान खान को एक बैठक के दौरान भरोसा दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय हालात में बदलावों के बावजूद चीन और पाकिस्तान के बीच मित्रता अटूट तथा चट्टान की तरह मजबूत है.
चीन ने किया पाकिस्तान का समर्थन
सरकारी चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) की खबर के मुताबिक, ‘‘राष्ट्रपति शी ने (खान को) भरोसा दिलाया है कि चीन कश्मीर में स्थिति की निगरानी कर रहा है.’’ शी ने कहा, ‘‘अपने वैध हितों की हिफाजत करने में चीन पाकिस्तान का समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि संबद्ध पक्ष शांतिपूर्ण वार्ता के जरिये विवाद को हल कर सकते हैं.’’
चीन ने कहा द्विपक्षीय तरीके से हल हो मामला
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मंगलवार को कहा था कि कश्मीर मुद्दे का हल द्विपक्षीय तरीके से करना चाहिए. हालांकि, चीन का यह रुख अनुच्छेद 370 (Article 370) पर भारत के कदम के बाद के हफ्तों में कश्मीर पर चीन के रुख में अहम बदलाव का संकेत देता है.
जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा पांच अगस्त को रद्द करने के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ने के बीच खान ने चीन यात्रा की है.
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