चंडीगढ़. ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी या इन्टेलेक्चुअल डिसेबिलिटी जैसे मानसिक विकास से जूझ रहे बच्चों की मदद के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने एक अनूठी पहल शुरू की है. इस पहल के तहत, आईटीबीपी अपने सेवानिवृत्त डॉग्स को बच्चों के थेरेपी सेंटर में भेजेगा, जो बच्चों का मनोरंजन करेंगे. इसी कड़ी में मंगलवार को आईटीबीपी के 4 सेवानिवृत्त डॉग्स ने बच्चों के विशेष संस्थान का दौरा किया और ऑटिज़्म, सेरेब्रल पाल्सी, इन्टेलेक्चुअल डिसेबिलिटी से जूझ रहे बच्चों के बीच खुशियां बिखेरने की सफल कोशिश की.
आईटीबीपी के अनुसार, मंगलवार को थेरेपी सेंटर जाने वाले सेवानिवृत्त डॉग्स में सुल्तान, रोजी, स्पीड और तूफान का नाम शामिल है. सुल्तान और रोजी लैब्राडोर डॉग्स है, जबकि स्पीड एक जर्मन शेफर्ड डॉग और तूफ़ान एक मेलिनोईस डॉग है. के-9 टीम में शामिल ITBP के ये विशेष अनुभवी डॉग्स बच्चों के बीच खुशियाँ बिखेरें और उनके जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे. ये डॉग्स अब से सप्ताह में तीन दिन बच्चों के बीच सरकारी चिकित्सा संस्थान में आया करेंगे.
उल्लेखनीय है कि आईपीबीपी के ये चारों डॉग्स कई वर्षों तक उग्रवाद विरोधी क्षेत्रों में सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं और सेवा के दौरान कई विस्फोटकों और अम्बुश आदि का पता लगाया है. वे वर्तमान में राष्ट्रीय डॉग प्रशिक्षण केंद्र (एनटीसीडी) भानु पंचकुला में अपनी सेवा की ‘दूसरी पारी’ के लिए बने विशेष सेवानिवृत्ति गृह में रखे गए हैं.
आईटीबीपी पशु चिकित्सा कैडर के डीआईजी सुधाकर नटराजन ने कहा, “कुछ ऑटिज्म स्पेक्ट्रल बच्चों के लिए एक गैर-मौखिक, गैर मानव कंपनी की उपस्थिति बहुत सुखदायक है और यह अति सक्रिय बच्चों में उत्साह और खुशियां लाती है, इसके अलावा डॉग्स के साथ उनका संपर्क समय उनके हाथ-आंख समन्वय में सुधार और आंखों को स्थिर करता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि मनुष्यों के विपरीत, डॉग्स के साथ का परिवेश बच्चों में बहुत से संज्ञानात्मक परिवर्तन ला सकता है.”
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आपको बता दें कि आईटीबीपी में एक विशिष्ट K9 विंग है और पिछले कुछ वर्षों में बल और अन्य सीएपीएफ और राज्य पुलिस बलों के गुणवत्ता K9 दस्तों के प्रशिक्षण के साथ ऑपरेशन आदि के क्षेत्र में इसका एक विशिष्ट इतिहास रहा है.
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Tags: Child Care, ITBP, Mental health