जय श्रीराम के नारे से गुस्साई ममता बनर्जी, नाराज होकर PM के सामने बोलने से किया मना

ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
इस नारेबाजी का सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने जमकर विरोध किया है. उन्होंने कहा मुझे लगता है कि सरकार के कार्यक्रम की कुछ गरिमा होनी चाहिए. यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 23, 2021, 8:19 PM IST
कोलकाता. नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subash Chandra Bose) की 125वीं जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में जय श्रीराम (Jai Shree Ram) के नारे लगाए गए. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंच पर बोलने के दौरान भीड़ ने नारे लगाने शुरू कर दिए. खास बात है कि इस नारेबाजी से नाराज होकर उन्होंने बोलने से मना कर दिया है. वहीं, उन्होंने भीड़ पर पार्टी विशेष होने के आरोप भी लगाए हैं. पश्चिम बांगाल की राजधानी कोलकाता स्थित विक्टोरिया मेमोरियल पर कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी मौजूद थे.
इस नारेबाजी का सीएम ममता बनर्जी ने जमकर विरोध किया है. उन्होंने कहा मुझे लगता है कि सरकार के कार्यक्रम की कुछ गरिमा होनी चाहिए. यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है. उन्होंने इस दौरान खुद को काफी अपमानित महसूस किया. उन्होंने कहा किसी को आमंत्रित करने के बाद अपमान करना आपको शोभा नहीं देता है. इसके साथ ही उन्होंने कार्यक्रम में कुछ भी बोलने से मना कर दिया है. उन्होंने कहा मैं विरोध के रूप में मैं कुछ नहीं बोलूंगी.
जुलूस का आयोजन, केंद्र पर निशाना
बनर्जी ने अपनी नाराजगी पीएम मोदी के सामने ही जाहिर की है. इस कार्यक्रम के दौरान कई कालाकारों ने प्रस्तुति दी. वहीं, पीएम ने एक पोस्टल स्टाम्प रिलीज किया है. शनिवार को कोलकाता में बोस की जयंती पर 7 किमी लंबी एक रैली का भी आयोजन किया गया था. इस रैली के दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाए थे.
उन्होंने कहा 'हम नेताजी का जन्मदिन केवल उन सालों में नहीं मनाते, जब चुनाव होने हों. हम बड़े पैमाने पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं. उन्होंने कहा नेताजी देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में से एक थे. वे एक महान दार्शनिक थे. बनर्जी ने ट्वीट के जरिए बोस और उनकी आजाद हिंद फौज (Azad Hind Fauj) के नाम पर कई विकास कार्यों की घोषणा भी की है.'
पराक्रम नहीं देशनायक दिवस मनाएंगे
उन्होंने केंद्र सरकार के पराक्रम दिवस का भी विरोध जताते हुए कहा था कि हम देशनायक दिवस मनाएंगे. सीएम ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं आज से पहले उनकी (नेताजी सुभाष चंद्र) की जयंती को मनाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ अपना असंतोष व्यक्त करना चाहूंगी. केंद्र पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा कि उन्होंने मूर्तियों के निर्माण और एक नए संसद परिसर में हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं. हम आजाद हिंद स्मारक का निर्माण करेंगे. हम बताएंगे कि यह कैसे किया जाता है.
इस नारेबाजी का सीएम ममता बनर्जी ने जमकर विरोध किया है. उन्होंने कहा मुझे लगता है कि सरकार के कार्यक्रम की कुछ गरिमा होनी चाहिए. यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है. उन्होंने इस दौरान खुद को काफी अपमानित महसूस किया. उन्होंने कहा किसी को आमंत्रित करने के बाद अपमान करना आपको शोभा नहीं देता है. इसके साथ ही उन्होंने कार्यक्रम में कुछ भी बोलने से मना कर दिया है. उन्होंने कहा मैं विरोध के रूप में मैं कुछ नहीं बोलूंगी.
#WATCH | I think Govt's program should have dignity. This is not a political program....It doesn't suit you to insult someone after inviting them. As a protest, I won't speak anything: WB CM Mamata Banerjee after 'Jai Shree Ram' slogans were raised when she was invited to speak pic.twitter.com/pBvVrlrrbb
— ANI (@ANI) January 23, 2021
जुलूस का आयोजन, केंद्र पर निशाना
बनर्जी ने अपनी नाराजगी पीएम मोदी के सामने ही जाहिर की है. इस कार्यक्रम के दौरान कई कालाकारों ने प्रस्तुति दी. वहीं, पीएम ने एक पोस्टल स्टाम्प रिलीज किया है. शनिवार को कोलकाता में बोस की जयंती पर 7 किमी लंबी एक रैली का भी आयोजन किया गया था. इस रैली के दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाए थे.
उन्होंने कहा 'हम नेताजी का जन्मदिन केवल उन सालों में नहीं मनाते, जब चुनाव होने हों. हम बड़े पैमाने पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं. उन्होंने कहा नेताजी देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में से एक थे. वे एक महान दार्शनिक थे. बनर्जी ने ट्वीट के जरिए बोस और उनकी आजाद हिंद फौज (Azad Hind Fauj) के नाम पर कई विकास कार्यों की घोषणा भी की है.'
पराक्रम नहीं देशनायक दिवस मनाएंगे
उन्होंने केंद्र सरकार के पराक्रम दिवस का भी विरोध जताते हुए कहा था कि हम देशनायक दिवस मनाएंगे. सीएम ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं आज से पहले उनकी (नेताजी सुभाष चंद्र) की जयंती को मनाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ अपना असंतोष व्यक्त करना चाहूंगी. केंद्र पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा कि उन्होंने मूर्तियों के निर्माण और एक नए संसद परिसर में हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं. हम आजाद हिंद स्मारक का निर्माण करेंगे. हम बताएंगे कि यह कैसे किया जाता है.