विदेश मंत्री एस जयशंकर (ANI File Photo)
नई दिल्ली. विदेशमंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) 13 से 14 जुलाई के बीच शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) की बैठक में हिस्सा लेने के अलावा चीनी समकक्ष वांग यी (Wang Yi) के साथ भी मुलाकात कर सकते हैं. एससीओ की बैठक ताजिकिस्तान के दुशांबे में होने वाली है. पिछली बार दोनों नेताओं की मुलाकात मास्को में हुई थी, जब लद्दाख (Ladakh) में भारत और चीन के बीच सैन्य तनाव चल रहा था. इस बैठक में एस. जयशंकर और वांग यी ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने पर चर्चा की थी. 1975 के बाद से भारत और चीन के बीच 2020 में पहली बार सीमा पर हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें दोनों देशों ने अपने सैनिकों को खोया है. हालांकि दोनों देशों के बीच अभी भी सीमा पर तनाव खत्म नहीं हुआ है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जयशंकर और वांग यी के बीच अफगानिस्तान से अमेरिका के निकलने के बाद की स्थिति पर चर्चा हो सकती है. साथ ही दोनों नेता पूर्वी लद्दाख में सैन्य तनाव कम करने पर भी बात कर सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना पूर्वी लद्दाख के कुछ हिस्सों में अड़ी हुई है और ‘पीछे हटने को तैयार’ नहीं है. ऐसे में दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना है. साथ ही दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के बाद ही भारत और चीन के बीच सीनियर मिलिट्री कमांडर्स की 12वीं मीटिंग की तारीखों पर फैसला हो सकता है.
एससीओ की बैठक में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री जयशंकर के मंगलवार को दुशांबे रवाना होने की खबर है. इसके बाद भारतीय विदेश मंत्री ताशकंद जाएंगे, जहां वे रीजनल कनेक्टिविटी कॉन्फ्रेंस (Regional Connectivity Conference) में 15 और 16 जुलाई को हिस्सा लेंगे. चीनी विदेश मंत्री के अलावा पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मौजूद होंगे.
जयशंकर के शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के इतर भाग लेने वाले कुछ देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने की उम्मीद है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस बैठक में दुशांबे में एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद की 16-17 सितंबर को होने वाली बैठक की तैयारियों का आकलन और वर्तमान अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया जायेगा.
मंत्रालय ने कहा कि यात्रा के दौरान विदेश मंत्री 14 जुलाई को अफगानिस्तान पर एससीओ संपर्क समूह की बैठक में भी शामिल होंगे. इस बैठक में अफगानिस्तान सरकार की भागीदारी भी देखने को मिलेगी. विदेश मंत्रालय के अनुसार ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन के आमंत्रण पर जयशंकर ताजिकिस्तान की यात्रा करेंगे. मंत्रालय ने बताया कि विदेश मंत्रियों की एससीओ परिषद की बैठक में संगठन की उपलब्धियों पर चर्चा की जायेगी, क्योंकि यह इस वर्ष अपने गठन की 20वीं वर्षगांठ मना रहा है.
भारत और पाकिस्तान वर्ष 2017 में एससीओ के स्थायी सदस्य बने थे. भारत और पाकिस्तान के अलावा आठ सदस्यीय एससीओ में रूस, चीन, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं.
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Tags: China, EAM S Jaishankar, Eastern Ladakh, India china tension, Security Situation of Afghanistan, Shanghai Cooperation Organisation, Wang Yi
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