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जम्मू: आतंकी मुठभेड़ के बाद राजमार्गों पर वाहन ‘स्कैनर’ लगाने की फिर उठी मांग

सुरक्षा विशेषज्ञाें ने जम्‍मू कश्‍मीर में ‘राजमार्ग पर वाहन को स्कैन करने वाला उपकरण लगाने की मांग की है. (फाइल फोटो) 


(सांकेतिक तस्वीर)

सुरक्षा विशेषज्ञाें ने जम्‍मू कश्‍मीर में ‘राजमार्ग पर वाहन को स्कैन करने वाला उपकरण लगाने की मांग की है. (फाइल फोटो) (सांकेतिक तस्वीर)

जम्‍मू कश्‍मीर (Jammu Kashmir) में बुधवार सुबह सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ (terrorist encounter) में 4 आतंकियों को ढेर कर द ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

बुधवार को हुई आंतकी मुठभेड़ में 4 आतंकी ढेर
सुरक्षा बलों ने कहा- वाहन स्कैनर्स लगाना जरूरी
लंबे समय से उठ रही है वाहन स्कैनर्स लगाने की मांग

जम्मू . ट्रक में छिप कर आतंकवादियों के जम्‍मू कश्‍मीर (Jammu Kashmir) में घुसने के प्रयास करने की एक और घटना पर सुरक्षा विशेषज्ञों ने राजमार्गों पर वाहनों के ‘स्कैनर’ लगाने की पुरजोर हिमायत की है. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि चार हथियारबंद आतंकवादी पाकिस्तान से घुसपैठ करने के बाद एक ट्रक में कश्मीर आ रहे थे, तभी बुधवार सुबह यहां सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ (Terrorist Encounter) में वे मारे गये. जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिधरा बाईपास इलाके में तवी पुल के पास घने कोहरे के बीच सुबह करीब साढ़े सात बजे यह मुठभेड़ हुई.

यह सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में कई आतंकवादियों का खात्मा कर और भारी मात्रा में हथियार एवं गोलाबारूद बरामद कर जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर इस तरह की दर्जनों कोशिशों को नाकाम किया है. सुरक्षा विशेषज्ञ एवं थल सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘राजमार्ग पर पूरे वाहन को स्कैन करने वाला उपकरण लगाने की मांग लंबे समय से लंबित है.’ उन्होंने कहा कि इस तरह के स्कैनर के अभाव में प्रत्येक ट्रक की जांच नहीं की जा सकती. नगरोटा स्थित 16वें कोर मुख्यालय में सेवा दे चुके ब्रिगेडियर गुप्ता ने कहा कि खामियों का आतंकवादियों और उनके समर्थकों द्वारा फायदा उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इसका एकमात्र समाधान वाहनों की जांच अनिवार्य करने के साथ राजमार्गों पर विभिन्न स्थानों पर पूरे वाहन की जांच करने वाला स्कैनर लगाना है.’

10 नवंबर को पकड़े गए थे जैश आतंकी और 17 नवंबर को हुई थी मुठभेड़  
पुलिस ने 10 नवंबर को जैश ए मोहम्मद के एक आतंकी मॉड्यूल का खुलासा किया था और नरवाल इलाके से तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था. साथ ही, कश्मीर जा रहे ट्रक से तीन एके-56 राइफल, एक पिस्तौल, नौ मैगजीन और छह ग्रेनेड बरामद किये थे. पुलिस ने 22 अप्रैल को एक ट्रक के चालक सहित दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था. वहीं, एक ट्रक में छिपे जैश ए मोहम्मद के चार संदिग्ध सदस्य जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नगरोटा के पास 17 नवंबर 2020 को एक मुठभेड़ में मारे गये थे.

टेक्‍नोलॉजी को अपडेट करने से सुरक्षा बलों को मिलेगी मदद
पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपी वैद्य ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों में एक पूरा नेटवर्क संलिप्त है और सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी चुनौती पेश कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा बलों के लिए यह एक बड़ी सुरक्षा चुनौती है. वे (आतंकवादी) सदा ही सीमा पार करने की फिराक में रहते हैं और कुछ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं.’ उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को ट्रक में छिपा कर लाने की इस तरह की दर्जनों घटनाएं पिछले कुछ वर्षों में हुई हैं. उन्होंने वाहनों की जांच के लिए ‘स्कैनर’ लगाने का पुरजोर समर्थन किया. पूर्व पुलिस महानिदेशक एवं पूर्व खुफिया प्रमुख कुलदीप खोडा ने भी कहा कि यह पहला मौका नहीं है, जब ट्रक का इस्तेमाल आतंकी हमले करने के लिए और आतंकवादियों को घाटी में पहुंचाने के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी को अद्यतन करने से सुरक्षा बलों को मदद मिलेगी.

Tags: Jammu kashmir, Terrorist Encounter

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