इस साल मारे गए 62 में से 15 की पहचान विदेशी आतंकवादियों के रूप में की गई है. (फोटो- AP)
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में इस साल सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. साल 2021 में अब तक पहले 4 महीनों में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में कश्मीर में मारे गए आतंकवादियों की संख्या में भारी उछाल आया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, साल की शुरुआत से अब तक घाटी में 62 आतंकवादी मारे जा चुके हैं. जबकि पिछले साल यानी 2021 के पहले चार महीनों में 37 आतंकियों की मौत हुई थी.
खास बात ये है कि इस साल मारे गए 62 में से 15 की पहचान विदेशी आतंकवादियों के रूप में की गई है. ये सारे पकिस्तान के थे. जबकि साल 2021 के पहले चार महीनों में कोई भी विदेशी आतंकवादी नहीं मारा गया था. पिछले साल मारे गए विदेशी आतंकवादियों की कुल संख्या सिर्फ 20 थी. जबकि 2021 में कश्मीर में कुल 168 आतंकवादी मारे गए थे.
सटीक खुफिया जानकारी का फायदा
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इसकी सबसे बड़ी वजह है सही और सटीक खुफिया जानकारी. इंटेलिजेंस ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग और जम्मू-कश्मीर पुलिस लगातार बेहतर खुफिया जानकारी दे रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि ये घाटी में अशांति फैलाने के लिए सीमा पार से अधिक दबाव का भी संकेत है. कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने अखबार से कहा, ‘अच्छी खुफिया रिपोर्ट का फायदा ये हो रहा है कि आतंकवादियों के जीवित रहने की दर में भारी कमी आ रही है. इस साल मारे गए 62 आतंकवादियों में से 32 आतंकवाद में शामिल होने के सिर्फ तीन महीने के भीतर मारे गए.’
क्या है संख्या बढ़ने की वजह
पिछले साल हत्याओं की कम संख्या के बारे में बताते हुए, एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा, ‘पिछले साल इस अवधि में भारत और पाकिस्तान फरवरी में युद्धविराम फिर से शुरू करने के लिए सहमत हुए थे. उस समय पाकिस्तान भी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के दबाव का सामना कर रहा था और इसलिए वो गलत कारणों से सुर्खियां बटोरना नहीं चाहता था. इसका असर घुसपैठ पर पड़ा. हालांकि, 2021 के मध्य तक, पाकिस्तान पर FATF का दबाव कम हो गया. इसने पाकिस्तान को एक बार फिर से घाटी में परेशानी पैदा करने के लिए कुछ गुंजाइश दे दी है.’
आतंकियों ने बदली रणनीति
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने अब रणनीति बदल ली है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने कहा. ‘अब ड्रोन के जरिए छोटे हथियार भेजकर हमले किए जा रहे हैं. इसमें ओवरग्राउंड वर्कर्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में इन लोगों को पकड़ना भी मुश्किल हो जाता है. क्योंकि ये सारे लोग फुलटाइम आतंकवादी नहीं होते हैं. ये अपने मिशन को अंजाम देने के बाद हथियार हैंडलर को वापस कर देते हैं.’
.
Tags: Kashmir Terror, Pakistani Terrorist
'The Kerala Story' के प्रोड्यूसर हुए परेशान, सुप्रीम कोर्ट से लगाई गुहार, बोले- 'अब उनसे और नहीं लड़ सकता'
ICC ने वर्ल्ड कप से पहले लिया फैसला, पाकिस्तान की टीम को भारत में आकर खेलना ही होगा, नहीं बचा कोई रास्ता!
AC की कूलिंग बढ़ाने के लिए ये है 'शर्तिया इलाज', हर कोई नहीं जानता सारे जुगाड़, बिजली भी खूब बचती है!