उधमपुर के लाढा गांव में मशाल की रोशनी में पढ़ते बच्चे (Photo-ANI)
उधमपुर (जम्मू और कश्मीर). उधमपुर के लाढा गांव में बिजली उपलब्ध कराने के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही है. इस गांव में आजादी के बाद से 74 सालों के बाद भी बिजली नहीं है. विद्युत विकास विभाग के सहायक कार्यकारी अभियंता सुनील कुमार ने कहा कि ये काम 3-4 महीने के भीतर शुरू हो सकता है. स्थानीय निवासियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लाढा गांव में लगभग 150 घरों में बिजली नहीं है. रात में पढ़ाई के लिए लकड़ी जलाकर उसी की रोशनी पर निर्भर रहना पड़ता है. इलाके के छात्रों को इसके चलते काफी परेशानी होती है क्योंकि वे ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाते हैं.
आशु कुमार नाम के एक छात्र ने कहा, "हमारे यहां बिजली नहीं है. हम लकड़ी का उपयोग करके अंधेरे में पढ़ते हैं और अब हमारी आंखों की रोशनी भी प्रभावित हो रही है. मैं सरकार से हमें जल्द से जल्द बिजली मुहैया कराने का अनुरोध करता हूं." विद्युत विकास विभाग के सहायक कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया चल रही है और 3-4 महीने के भीतर काम शुरू हो सकता है.
ये भी पढ़ें- एक ही शख्स को दो बार लगा दी 'फर्स्ट' डोज, फिर कहा- अगला टीका 84 दिन बाद
भारत सरकार द्वारा सौभाग्य, दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), और प्रधानमंत्री पैकेज जैसी कई योजनाओं के बावजूद, उधमपुर जिले के कई गांवों में अभी भी बिजली नहीं है.
1947 के बाद से इस गांव में रहने वाले लोगों ने कभी अपने गांव में बिजली नहीं देखी.
ग्रामीण बोले- हम अभी भी पाषाण युग में जी रहे
एक स्थानीय ने कहा, "शिक्षा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के इस युग में, छात्रों को स्थिति का सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. बिजली की कमी के कारण वे सबसे ज्यादा झेल रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम सभी 21वीं सदी में हैं लेकिन शेष भारत की तुलना में हम अभी भी पाषाण युग में जी रहे हैं."
एक स्थानीय ने शिकायत की, "ग्रामीणों के पास अपनी परीक्षा की तैयारी और अपना होमवर्क पूरा करने के लिए जलाऊ लकड़ी की मशाल का उपयोग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है." उन्होंने कहा, "संकरी मोरा (वार्ड नंबर 6) के गांव लढा में 150 से अधिक घर अभी भी बिजली के लिए इंतजार कर रहे हैं. आजादी के बाद से हम अंधेरे में हैं."
ये भी पढ़ें- तालिबान ने किया दावा- अफगानिस्तान का 85 प्रतिशत इलाका हमारे कब्जे में
जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्य, नरसू सुभाष चंदर ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि जिन गांवों में बिजली नहीं पहुंची है भारत सरकार उनके विद्युतीकरण के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में, उसने कई योजनाएं शुरू की हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि संबंधित विभाग के लापरवाह रवैये के कारण 150 घरों वाले सांकरी मोरा (वार्ड नंबर 6) में अब भी बिजली नहीं है. उन्होंने कहा कि वह समझते हैं कि छात्र सबसे ज्यादा पीड़ित हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: DDC Elections, Electric, Electrical fittings, Jammu kashmir, Kashmiri students, Udhampur S09p05
सैंडल में फंसने लगा अनुष्का का गाउन, तो ड्रेस उठाए पीछे-पीछे चलते दिखे विराट, फैंस बोले-परफेक्ट पति
बस मैकेनिक का बेटा बना खूंखार गेंदबाज, एक-दो नहीं ले चुका है 5 हैट्रिक, अब संजू सैमसन को बनाएगा चैंपियन
आजकल ज्यादातर फोन में क्यों नहीं मिलता हेडफोन जैक? क्या सिर्फ ब्लूटूथ ईयरबड्स बेचकर पैसा कमाना है वजह?