होम /न्यूज /राष्ट्र /जम्मू-कश्मीर में नागरिकों की हत्याओं पर बोले सैफुद्दीन सोज, यहां का मुसलमान अंदर तक हिल गया है

जम्मू-कश्मीर में नागरिकों की हत्याओं पर बोले सैफुद्दीन सोज, यहां का मुसलमान अंदर तक हिल गया है

मीडिया से बात करते कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज. (एएनआई)

मीडिया से बात करते कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज. (एएनआई)

Jammu Kashmir News: "आतंकी हमले में मारे गए नागरिकों पर कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने कहा, इस घटना से प्रदेश का बहुसंख ...अधिक पढ़ें

    श्रीनगर. कांग्रेस ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में आतंकवादियों द्वारा किये गए नागरिक हत्याओं से यहां का बहुसंख्यक समुदाय काफी सहमा हुआ है. कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने कहा, प्रदेश का बहुसंख्यक समुदाय-मुसलमान-अंदर तक हिल गया है. वे दुखी हैं और यह सोच रहे हैं कि उन्हें मुस्लिम समुदाय के किसी युवक ने हथियार उठाकर मार डाला है, लेकिन उन्हें भी कुछ कहना है और उन्हें सुना जाना चाहिए.”

    कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि इस हिंसा का समाधान बातचीत से ही संभव है. उन्होंने कहा, “संवाद ही हर चीज का समाधान है. हमारे यहां सेना और अर्धसैनिक बल हैं, लेकिन यह तभी हो सकता है जब मोदी जी और उनके सहयोगी यह समझें कि उन्हें कश्मीर के लोगों और राजनीतिक दलों से बात करनी होगी. आम जनता में से कोई भी हिंसा या इन मौतों का समर्थन नहीं करता.”

    आखिर क्यों भारत के सामने अचानक खड़ा हो गया बिजली संकट, जानें सब कुछ

    दरअसल पिछले कुछ दिनों में कश्मीर घाटी में आतंकवादियों द्वारा कुछ हिंदुओं और सिखों की हत्या किये जाने के बाद जम्मू और कश्मीर का माहौल एक बार फिर तनाव से घिर गया है. लोगों के मन में इन हिंसक घटनाओं को लेकर कई सवाल हैं. सवाल यह भी उठ रहा है कि घाटी के अल्पसंख्यकों जैसे कश्मीरी हिंदू और सिखों के ख़िलाफ़ हिंसा की वारदातों में अचानक वृद्धि क्यों हुई?

    कोयले की कमी को लेकर सिसोदिया ने केंद्र पर फोड़ा ठीकरा, कहा- दिल्ली में हो सकती है बिजली कटौती

    इस बारे में जब संप्रग सरकार के दौरान कश्मीर मामलों को लेकर वार्ताकार रहे एम एम अंसारी से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य सामाजिक सेवाओं के कार्यों से जुड़े हिन्दुओं, सिखों, मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है. इसके दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए. लेकिन इसका दुखद पहलु यह भी है कि सरकार नागरिकों, स्कूलों एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मियों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देने में विफल हो रही है जो इन चरमपंथी गुटों द्वारा निशाना बनाये जा रहे हैं.”

    अंसारी ने कहा, “दुर्भाग्य से, ऐसी घटनाओं से कश्मीरियों को संदेह की नजर से देखा जाता है. लोक सुरक्षा कानून (पीएसए), सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम, गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम जैसे कानूनों के अनियंत्रित इस्तेमाल से भी स्थितियां प्रभावित हो रही हैं. ऐसे में सरकार को अपनी नीतियों की समीक्षा कर उनपर पुनर्विचार करने की जरूरत है.”

    Tags: Congress, Jammu kashmir

    टॉप स्टोरीज
    अधिक पढ़ें