होम /न्यूज /राष्ट्र /आतंकियों के निशाने पर जम्मू? कश्मीरी पंडितों के लिए खड़ी हुई परेशानी, पारिवारिक जिम्मेदारी संभालें या बचाएं अपनी जान?

आतंकियों के निशाने पर जम्मू? कश्मीरी पंडितों के लिए खड़ी हुई परेशानी, पारिवारिक जिम्मेदारी संभालें या बचाएं अपनी जान?

 जम्मू में लगातार हो रही आतंकी घटनाओं को लेकर कश्मीरी पंडित चिंतित हैं. (Photo-News18)

जम्मू में लगातार हो रही आतंकी घटनाओं को लेकर कश्मीरी पंडित चिंतित हैं. (Photo-News18)

पिछले कुछ दिनों से जम्मू में लगातार आतंकी घटनाएं घट रही हैं, जिससे वहां रह रहे कश्मीरी पंडित डर के साये में जी रहे हैं. ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

जम्मू में लगातार घट रही आतंकी घटनाओं को लेकर कश्मीरी पंडित खौफजदा हैं.
राजौरी में आतंकियों ने फायरिंग कर 7 लोगों को मार दिया था.

नई दिल्ली. इन दिनों जम्मू कश्मीर के घाटी को छोड़ सबसे सुरक्षित माने जाने वाला जम्मू संभाग में लगातार आतंकी घटनाएं घट रही हैं, जिससे वहां रह रहे कश्मीरी पंडितों में डर का मैहौल बना हुआ है. पिछले हफ्ते जम्मू में स्थित कश्मीरी पंडितों की सबसे बड़ी कॉलोनी से कुछ दूर पहले सेना ने चार आतंकियों को मार गिराया था और आरडीएक्स के साथ-साथ 15 किलो अन्य विस्फोटक सामान बरामद किया गया था. वहीं बीते रविवार की देर शाम को राजौरी में आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर 7 लोगों की हत्या कर दी थी.

जम्मू में मौजूद कश्मीरी पंडितों को डराने की कोशिश
इस हमले से आतंकियों ने ना केवल जम्मू में डर फैलाया है बल्कि कश्मीरी पंडितों को भी भयभीत किया है. अधिकांश कश्मीरी पंडित घाटी को छोड़ जम्मू में बस गए हैं ताकि आतंकी घटनाओं से दूर रहें लेकिन लगातार जम्मू में घटित हुई घटनाओं ने कश्मीरी पंडितों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. News18 ने कश्मीरी पंडितों से बात की, जो बिजनेस और पारिवारिक जिम्मेदारियों को संभालते हुए जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों से डर और खतरों का सामना कर रहे हैं.

परिवार के एक सदस्य को आतंकी संगठन ने दी धमकी
फोन पर बात करते हुए एक कश्मीरी पंडित ने बिना नाम बताए हुए कहा, “हमारे परिवार के सदस्यों में से एक, जिसे पीएम पैकेज में नौकरी मिली थी, उनको हाल ही में एक आतंकी संगठन, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) से धमकी मिली है. परिवार के सदस्य ने वापस कश्मीर जाने की कोशिश की, लेकिन अब यह लगभग असंभव लग रहा है. चार लोगों का हमारा परिवार उसकी कमाई पर निर्भर करता है, जो 200 दिनों से अधिक समय से रुकी हुई है,”

बैंक और स्कूलों के कर्मचारियों को साथ रहने का सुझाव
बता दें कि परिवारों ने पीएम पैकेज के तहत काम करने वाले अपने लोगों को निर्देश दिया है कि वे स्थानीय लोगों की तरह रहें और गांवों में रहने के बजाय लंबी दूरी की यात्रा चुनें. बैंकों और स्कूलों के कर्मचारियों को एक साथ रहने और यात्रा करने के लिए कहा गया है, अगर वे वहां काम जारी रखना चाहते हैं. एक अन्य कश्मीरी पंडित ने अपने घरों के पास एक संपर्क मार्ग से हाल ही में बरामदगी का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके रिश्तेदार ने काम फिर से शुरू करने का फैसला किया है क्योंकि उन पर कर्ज है.

कई गांव खाली पड़े हैं
एक अन्य कश्मीरी पंडित ने न्यूज18 को बताया, ‘परिवार में और लोगों की शादी करनी है, पहले से भी कर्ज है. कश्मीरी पंडित अपने कार्यालय से लगभग 30-40 किमी दूर रहेंगे और दूसरों की तरह अपना रूप भी बदल लेंगे. कश्मीर के एक मोहल्ले में कश्मीरी पंडितों का एक छोटा समूह है. डर के मारे वे सफर के दौरान मुश्किल से हिंदी बोलते हैं. ऐसे गांव हैं जो खाली हैं, लेकिन कोई भी वहां रहने की हिम्मत नहीं करता, भले ही वह उनके ऑफिस के करीब ही क्यों न हो.’

लद्दाख एक विकल्प?
कश्मीरी पंडितों सहित हिंदू समुदाय के कई लोगों ने कहा है कि ऐसी बातचीत हुई है कि उन्हें लद्दाख स्थानांतरित किया जा सकता है, विशेष रूप से कुछ कर्मचारियों को. सूत्रों ने यह भी पुष्टि की कि सरकार लद्दाख को अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ कर्मचारियों को तैनात करने के विकल्प पर विचार कर सकती है, जिनमें शिक्षक, बैंक कर्मचारी आदि शामिल हैं. जब News18 ने कुछ कर्मचारियों से बात की, तो उन्होंने कहा कि सभी को एक स्थान नहीं दिया जा सकता. क्योंकि कुछ को कश्मीर में भी काम करना पड़ता है. लेकिन ट्रांसफर की एक रोटेशन प्रणाली एक विकल्प हो सकती है.

बता दें कि कश्मीरी पंडित 250 से अधिक दिनों से विरोध कर रहे हैं और सरकार से उन्हें वापस जम्मू स्थानांतरित करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन अब उन्हें डर है कि वे जम्मू में भी सुरक्षित नहीं रह सकते हैं. गतिरोध का अब तक कोई ठोस समाधान नजर नहीं आया है.

सभी के लिए सुरक्षा संभव नहीं है
जब News18 ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बात की, तो उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले सभी कर्मचारियों या अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देना किसी के लिए भी संभव नहीं है. अधिकारियों ने कहा कि कई कदम उठाए गए हैं और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की कुछ मौजूदगी होगी. सरकार के लिए एक और बड़ी चुनौती है कि सुरक्षा बलों के जवानों को आसान निशाना बनने से रोकना है.

Tags: Jammu kashmir, Kashmiri Pandit

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें