जनधन योजना एक जुमला है, इसमें बड़े पैमाने पर की गई धोखाधड़ी : चिदंबरम

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (फ़ाइल फोटो)
वित्त मंत्रालय के मुताबिक 6.1 करोड़ जनधन खाते निष्क्रिय हैं. 33 फीसदी खाते उन लोगों ने खोले, जिनके पास पहले से ही खाता था.
- News18Hindi
- Last Updated: November 1, 2018, 5:45 PM IST
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जनधन योजना एक जुमला है, इसमें बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की गई है. उन्होंने कहा कि साल 2016 तक 24 फीसदी खाते जीरो बैलेंस वाले थे. वित्त मंत्रालय के मुताबिक 6.1 करोड़ जनधन खाते निष्क्रिय हैं. 33 फीसदी खाते उन लोगों ने खोले, जिनके पास पहले से ही खाता था.
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि नोटबन्दी के बाद इन खातों में 42187 करोड़ रुपये जमा हुए हैं. वित्त मंत्री ने धमकी भी दी कि कार्रवाई करेंगे फिर बाद मे मुकर गए. सिर्फ यूबीआई में ही 11,80,000 जनधन खाते हैं. यूपीए ने 25 करोड़ खाते खोले थे. सच ये है कि जनधन योजना का ग्राहकों को कोई फायदा नहीं हुआ है, बल्कि इन खातों को बनाए राखने के लिए अकेले एसबीआई को 775 करोड़ खर्च करने पड़े हैं. जनधन खातों का इस्तेमाल नोटबन्दी के बाद काला धन खपाने में किया गया है.
पटेल कांग्रेसी थे और जवाहर लाल नेहरू के नजदीकी थे. उनकी प्रतिमा बनना गर्व का विषय हे क्योंकि एक कांग्रेसी की प्रतिमा बनी है. राम मंदिर पर अध्यादेश लाना असंवैधानिक होगा. सरकार सिर्फ ये जुमला छोड़कर लोगों का मूड भापना चाहती है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. रघुराम राजन के समय भी यही हुआ था. आरबीआई गवर्नर को अपमानित किया जा रहा है, ये ठीक नहीं है. सेक्शन 7 को गलत समझ रही है ये सरकार.
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पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि नोटबन्दी के बाद इन खातों में 42187 करोड़ रुपये जमा हुए हैं. वित्त मंत्री ने धमकी भी दी कि कार्रवाई करेंगे फिर बाद मे मुकर गए. सिर्फ यूबीआई में ही 11,80,000 जनधन खाते हैं. यूपीए ने 25 करोड़ खाते खोले थे. सच ये है कि जनधन योजना का ग्राहकों को कोई फायदा नहीं हुआ है, बल्कि इन खातों को बनाए राखने के लिए अकेले एसबीआई को 775 करोड़ खर्च करने पड़े हैं. जनधन खातों का इस्तेमाल नोटबन्दी के बाद काला धन खपाने में किया गया है.
पटेल कांग्रेसी थे और जवाहर लाल नेहरू के नजदीकी थे. उनकी प्रतिमा बनना गर्व का विषय हे क्योंकि एक कांग्रेसी की प्रतिमा बनी है. राम मंदिर पर अध्यादेश लाना असंवैधानिक होगा. सरकार सिर्फ ये जुमला छोड़कर लोगों का मूड भापना चाहती है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. रघुराम राजन के समय भी यही हुआ था. आरबीआई गवर्नर को अपमानित किया जा रहा है, ये ठीक नहीं है. सेक्शन 7 को गलत समझ रही है ये सरकार.
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