सीबीआई जांच के लिए सामान्य सहमति वापस लेने वाला झारखंड देश का आठवां राज्य है.
नई दिल्ली/रांची. झारखंड ने गुरुवार को राज्य में मामलों की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की आम सहमति वापस ले ली है. इस फैसले के बाद झारखंड (Jharkhand) देश का ऐसा आठवां राज्य बन गया जिसने राज्य में किसी मामले की सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) जांच के लिए सामान्य सहमति को वापस लेने का फैसला किया है. इस कदम के बाद सीबीआई को अब झारखंड में किसी भी मामले की जांच करके लिए पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी. केरल द्वारा उठाए गए ऐसे कदम के एक दिन बाद झारखंड का यह फैसला आया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को झारखंड के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सदस्यों को एक कानून (दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टेबलिशमेंट एक्ट 1946 ( 25 ऑफ 1946) के तहत राज्य में शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल की सहमति को वापस लेने संबंधी आदेश जारी कर दिया गया है. इसके बाद सीबीआई को अब झारखण्ड में शक्तियों और न्यायाक्षेत्र के इस्तेमाल के लिए आम सहमति नहीं होगी, जो झारखण्ड सरकार (तत्कालीन बिहार) द्वारा 19 फरवरी 1996 को जारी एक आदेश के तहत दी गई थी.
कई गैर बीजेपी शासित राज्य उठा चुके हैं ये कदम
इससे पहले गैर बीजेपी शासित प्रदेशों में शामिल पश्चिम बंगाल छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और राजस्थान सामान्य सहमति वापस ले चुके हैं. इन राज्यों का आरोप है कि बीजेपी शासित केंद्र सरकार, राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी का गलत प्रयोग कर रही है. केरल से पहले अक्टूबर में महाराष्ट्र सरकार ने भी सीबीआई पर इस तरह की रोक लगाई है.
जानकारी के लिए बता दें कि सीबीआई डीएसपीई अधिनियम के तहत आता है और इसमें राज्यों को केंद्र सरकार के कर्मचारियों को राज्य के भीतर सार्वजनिक आदेश के रूप में कार्य करने की सामान्य सहमति देने की आवश्यकता होती है और पुलिस राज्य सरकारों के अधीन आती है, जो नियमित रूप से इस अनुमति को नवीनीकृत करती है.
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