नई दिल्ली. बिहार चुनाव (Bihar Assembly Election Results) के नतीजे आ चुके हैं. एनडीए (NDA) को 125 तो महागठबंधन (Grand Alliance) को 110 सीटें मिली हैं, लेकिन यह गणित उलट भी सकता था अगर महागठबंधन के मुखिया तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने एक गलती न की होती. दरअसल, बॉलीवुड सेट डिजायनर मुकेश सहनी की विकासशील इंसानी पार्टी (VIP) और बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) उनसे अलग न हुई होती तो नतीजे कुछ और हो सकते थे. मौजूदा चुनाव में दोनों पार्टियों को 4-4 सीटें मिली हैं. एनडीए की 125 में से अगर यह 8 सीटें कम हो जाती तो 117 सीटें ही बचती, जबकि महागठबंधन में 8 सीटें जोड़ने पर 118 सीटें हो जातीं. लेकिन इन पार्टियों की इस ताकत शायद तेजस्वी यादव भांप नहीं पाए तभी तो उनकी अनदेखी कर बैठे.
महागठबंधन से इसलिए तोड़ा था नाता
अक्टूबर महीने में पटना के एक बड़े होटल में महागठबंधन की प्रेस वार्ता चल रही थी. इसी दौरान तेजस्वी ने सीटों को लेकर ऐलान किया. जब तेजस्वी ने कहा कि आरजेडी को 144 सीटें दी गई हैं जिसमें से ही वीआईपी और जेएमएम को देगी, तो मुकेश सहनी वहीं आग बबूला हो गए और उन्होंने राजद पर संगीन आरोप लगाते हुए प्रेस कांफ्रेंस का भी बायकाट कर दिया. मुकेश सहनी ने भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजद पर पीठ में छुरा भोंकने का आरोप लगाया जिसके बाद से बिहार की सियासत में अचानक से सरगर्मी बढ़ गई. फिर बाद में सहनी एनडीए में शामिल हो गए.
मांझी भी चुनाव कुछ समय पहले हुए थे अलग
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी अगस्त महीने के आखिरी में महागठबंधन से अलग हुए थे. जब मांझी एनडीए का हिस्सा बने थे तब वो हम पार्टी से खुद इकलौते विधायक थे. जबकि उनके बेटे संतोष मांझी पार्टी के एमएलसी हैं. लेकिन अब चुनाव नतीजों के बाद उनके पास भी चार सीटें आ चुकी हैं.
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Tags: Jitan ram Manjhi, Nitish kumar, Tejashwi Yadav
FIRST PUBLISHED : November 11, 2020, 06:28 IST