केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का दावा-घाटी में इंटरनेट पर रोक से लगी आतंक पर लगाम

5 अगस्त को सरकार ने जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया. File photo
केंद्रीय मंत्री सिंह (Jitendra Singh) ने कहा कि इंटरनेट पर रोक से किश्तवाड़ और चिनाब क्षेत्र के अन्य हिस्सों में सक्रिय आतंकवादियों का सफाया करने में भी मदद मिली है. उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में कुछ राजनीतिक कार्यकर्ता इंटरनेट पर रोक को लेकर लगातार हंगामा कर रहे हैं.
- भाषा
- Last Updated: October 29, 2019, 11:20 PM IST
जम्मू. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने से पिछले दो महीनों में कुछ बड़ी आतंकी घटनाओं को रोकने में मदद मिली है. सिंह ने कहा कि इंटरनेट (Internet Shut Down) पर रोक का विरोध करने वाले लोगों का जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के जारी रहने में निहित स्वार्थ है या वे भारत की संप्रभुता और आम आदमी की सुरक्षा की कीमत पर राजनीति करना चाहते हैं.
डोडा और किश्तवाड़ जिलों में 'दिशा' के नाम से मशहूर जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की अलग-अलग बैठकों में सिंह ने कहा कि इंटरनेट पर रोक (Internet Shut Down) के कारण किश्तवाड़ में कई आतंकवादियों का सफाया संभव हो सका. केंद्रीय मंत्री सिंह (Jitendra Singh) ने कहा कि इंटरनेट पर रोक से किश्तवाड़ और चिनाब क्षेत्र के अन्य हिस्सों में सक्रिय आतंकवादियों का सफाया करने में भी मदद मिली है.
अराजक तत्व कर रहे हैं हंगामा
उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में कुछ राजनीतिक कार्यकर्ता इंटरनेट पर रोक को लेकर लगातार हंगामा कर रहे हैं, क्योंकि वे ‘आतंकवाद के लाभार्थी’ हैं और पिछले तीन दशकों में उनकी राजनीति ‘आतंकवाद के भय के कारण निराशाजनक मतदान के कारण बची रह सकी है.’उन्होंने कहा कि लेकिन अधिक दयनीय स्थिति जम्मू क्षेत्र में कुछ तत्वों के मामले को लेकर है, जो आतंकवाद समर्थक शब्दजाल में फंस गए हैं और इंटरनेट पर रोक की आलोचना कर रहे हैं.5 अगस्त को विशेष राज्य का दर्जा किया था खत्म
सिंह ने कहा कि इन राजनीतिक कार्यकर्ताओं के पास कोई मुद्दा नहीं है और इसलिए वे आम आदमी के जीवन की कीमत पर भी कोई मुद्दा बनाने को बेताब हैं. 5 अगस्त को सरकार ने जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया. इसके बाद ऐहतियातन कदम उठाते हुए राज्य में इंटरनेट सेवा और मोबाइल सेवा को बंद कर दिया था. राज्य में हालात बंद के थे, लेकिन ये भी सही है कि दो महीने से ज्यादा के वक्त में कोई भी आतंकी वारदात नहीं हुई.
डोडा और किश्तवाड़ जिलों में 'दिशा' के नाम से मशहूर जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की अलग-अलग बैठकों में सिंह ने कहा कि इंटरनेट पर रोक (Internet Shut Down) के कारण किश्तवाड़ में कई आतंकवादियों का सफाया संभव हो सका. केंद्रीय मंत्री सिंह (Jitendra Singh) ने कहा कि इंटरनेट पर रोक से किश्तवाड़ और चिनाब क्षेत्र के अन्य हिस्सों में सक्रिय आतंकवादियों का सफाया करने में भी मदद मिली है.
अराजक तत्व कर रहे हैं हंगामा
उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में कुछ राजनीतिक कार्यकर्ता इंटरनेट पर रोक को लेकर लगातार हंगामा कर रहे हैं, क्योंकि वे ‘आतंकवाद के लाभार्थी’ हैं और पिछले तीन दशकों में उनकी राजनीति ‘आतंकवाद के भय के कारण निराशाजनक मतदान के कारण बची रह सकी है.’उन्होंने कहा कि लेकिन अधिक दयनीय स्थिति जम्मू क्षेत्र में कुछ तत्वों के मामले को लेकर है, जो आतंकवाद समर्थक शब्दजाल में फंस गए हैं और इंटरनेट पर रोक की आलोचना कर रहे हैं.5 अगस्त को विशेष राज्य का दर्जा किया था खत्म