किसान आंदोलन कवर कर रहे पत्रकार मनदीप पूनिया को पुलिस ने हिरासत में लिया, SHO से अभद्रता का लगाया आरोप

पत्रकार मनदीप को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया. (File Pic)
Farmers Protest: हिरासत में लिए जाने से कुछ घंटे पहले पत्रकार पूनिया ने शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर हुई हिंसा के संबंध में फेसबुक पर एक लाइव किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे भीड़ ने आंदोलनस्थल पर पुलिस की मौजूदगी में पथराव किया था.
- News18Hindi
- Last Updated: January 31, 2021, 7:41 AM IST
नई दिल्ली. दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसान लगातार आंदोलन (Farmers Protest) पर बैठे हैं. शनिवार को इस आंदोलन को कवर कर रहे एक स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पूनिया (Mandeep Punia) को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने उन पर सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के एसएचओ से अभद्रता करने के आरोप लगाए हैं. मनदीप पूनिया दो मीडिया संस्थानों के लिए फ्रीलांस काम करते हैं. पुलिस के अनुसार जब मनदीप पूनिया बंद सड़क और बैरिकेड की ओर बढ़ रहे थे तब यह घटना हुई थी.
घटना का एक तथाकथित वीडियो भी सामने आया है. इसमें दिख रहा है कि बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मदीप पूनिया को लाठी के बल पर जबरन ले जा रहे हैं. पुलिस का कहना है कि धर्मेंद्र सिंह नाम के एक अन्य पत्रकार को भी कुछ समय के लिए पकड़ा गया था, लेकिन उन्होंने अपना प्रेस आईडी कार्ड दिखाया तो उन्हें जाने दिया गया.
हिरासत में लिए जाने से कुछ घंटे पहले पत्रकार पूनिया ने शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर हुई हिंसा के संबंध में फेसबुक पर एक लाइव वीडियो शेयर किया था. इसमें उन्होंने जानकारी दी थी कि कैसे खुद को स्थानीय लोग होने का दावा करने वाली भीड़ ने आंदोलनस्थल पर पुलिस की मौजूदगी में पथराव किया था.
एक वरिष्ठ पुलिस अफसर का कहना है कि पूनिया आंदोलनकारियों के साथ खड़े थे. उनके पास प्रेस आईडी कार्ड नहीं था. वह बैरिकेड के दूसरी ओर जाने की कोशिश कर रहे थे. ये बैरिकेड इलाके को सुरक्षित रखने के लिए लगाए गए थे. इस बीच पुलिसकर्मी और उनके बीच में विवाद हुआ. इस दौरान उन्होंने अभद्रता की. इसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया.
पूनिया को हिरासत में लिए जाने के बाद कई किसान नेताओं ने भी उनकी रिहाई की आवाज उठाई. स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने भी उनकी रिहाई के संबंध में ट्वीट किया.
घटना का एक तथाकथित वीडियो भी सामने आया है. इसमें दिख रहा है कि बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मदीप पूनिया को लाठी के बल पर जबरन ले जा रहे हैं. पुलिस का कहना है कि धर्मेंद्र सिंह नाम के एक अन्य पत्रकार को भी कुछ समय के लिए पकड़ा गया था, लेकिन उन्होंने अपना प्रेस आईडी कार्ड दिखाया तो उन्हें जाने दिया गया.
हिरासत में लिए जाने से कुछ घंटे पहले पत्रकार पूनिया ने शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर हुई हिंसा के संबंध में फेसबुक पर एक लाइव वीडियो शेयर किया था. इसमें उन्होंने जानकारी दी थी कि कैसे खुद को स्थानीय लोग होने का दावा करने वाली भीड़ ने आंदोलनस्थल पर पुलिस की मौजूदगी में पथराव किया था.
एक वरिष्ठ पुलिस अफसर का कहना है कि पूनिया आंदोलनकारियों के साथ खड़े थे. उनके पास प्रेस आईडी कार्ड नहीं था. वह बैरिकेड के दूसरी ओर जाने की कोशिश कर रहे थे. ये बैरिकेड इलाके को सुरक्षित रखने के लिए लगाए गए थे. इस बीच पुलिसकर्मी और उनके बीच में विवाद हुआ. इस दौरान उन्होंने अभद्रता की. इसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया.
पूनिया को हिरासत में लिए जाने के बाद कई किसान नेताओं ने भी उनकी रिहाई की आवाज उठाई. स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने भी उनकी रिहाई के संबंध में ट्वीट किया.