कांग्रेस नेता संजय निरुपम उतरे कंगना के समर्थन में, ऑफिस तोड़ने को बताया बदला

संजय निरूपम ने शिवसेना पर बदले की कार्रवाई के आरोप लगाए हैं. (File Photo)
Kangana Office Demolish: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना नेताओं के बीच जारी वाक् युद्ध के कुछ दिन बाद बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बुधवार को कंगना के बांद्रा स्थित बंगले में 'अवैध निर्माण' को गिरा दिया. हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस कार्रवाई पर रोक लगा दी है.
- News18Hindi
- Last Updated: September 9, 2020, 5:05 PM IST
मुंबई. कांग्रेस नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के दफ्तर को तोड़ने की बीएमसी की कार्रवाई पर सवाल खड़े किये हैं. संजय निरुपम ने राज्य में गठबंधन सहयोगी पार्टी शिवसेना (Shivsena) पर निशाना साधते हुए कहा है कि कहीं एक ऑफिस के कारण शिवसेना खत्म होनी न शुरू हो जाए. इतना ही नहीं निरुपम ने इस पूरी कार्रवाई को बदले की कार्रवाई बताया है. उन्होंने कहा है कि बदले की कार्रवाई की उम्र बहुत छोटी होती है. बता दें महाराष्ट्र में शिवसेना (Shivsena), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (National Congress Party) और कांग्रेस (Congress) के गठबंधन वाली महा विकास अघाडी (Maha Vikas Agadhi) की सरकार है.
निरुपम ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा है कि कंगना का ऑफिस अवैध था या उसे डिमॉलिश करने का तरीका? क्योंकि हाई कोर्ट ने कार्रवाई को गलत माना और तत्काल रोक लगा दी. पूरा एक्शन प्रतिशोध से ओत-प्रोत था. लेकिन बदले की राजनीति की उम्र बहुत छोटी होती है. कहीं एक ऑफिस के चक्कर में शिवसेना का डिमॉलिशन न शुरू हो जाए!
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बता दें शिवसेना शासित बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बुधवार को अभिनेत्री कंगना रनौत के बांद्रा स्थित बंगले में 'अवैध निर्माण ' को गिरा दिया. इस अवैध निर्माण को गिराने का कार्य सुबह 11 बजे के करीब शुरू हो गया. इससे पहले बीएमसी ने बंगले के बाहर बीएमसी की कार्रवाई की जानकारी देते हुए दूसरा नोटिस लगाया था. बीएमसी की टीम बुलडोजर और उत्खनन वाली मशीनें लेकर बांद्रा के पाली हिल बंगले पर पहुंची और महानगरपालिका की बिना मंजूरी के इमारत में की गई फेरबदल वाले ढांचे को गिरा दिया.

बीएमसी की इस कार्रवाई के बाद बॉम्बे उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले में अवैध निर्माण को तोड़ने की प्रक्रिया पर बुधवार को रोक लगा दी और पूछा कि नगर निकाय के अधिकारी संपत्ति में तब क्यों गए जब मालिक वहां मौजूद नहीं थी.
निरुपम ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा है कि कंगना का ऑफिस अवैध था या उसे डिमॉलिश करने का तरीका? क्योंकि हाई कोर्ट ने कार्रवाई को गलत माना और तत्काल रोक लगा दी. पूरा एक्शन प्रतिशोध से ओत-प्रोत था. लेकिन बदले की राजनीति की उम्र बहुत छोटी होती है. कहीं एक ऑफिस के चक्कर में शिवसेना का डिमॉलिशन न शुरू हो जाए!
कंगना का ऑफिस अवैध था या उसे डिमॉलिश करने का तरीका ?क्योंकि हाई कोर्ट ने कार्रवाई को गलत माना और तत्काल रोक लगा दी।पूरा एक्शन प्रतिशोध से ओत-प्रोत था।लेकिन बदले की राजनीति की उम्र बहुत छोटी होती है।कहीं एक ऑफिस के चक्कर में शिवसेना का डिमॉलिशन न शुरु हो जाए !#KanganaRanaut
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) September 9, 2020
बता दें शिवसेना शासित बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बुधवार को अभिनेत्री कंगना रनौत के बांद्रा स्थित बंगले में 'अवैध निर्माण ' को गिरा दिया. इस अवैध निर्माण को गिराने का कार्य सुबह 11 बजे के करीब शुरू हो गया. इससे पहले बीएमसी ने बंगले के बाहर बीएमसी की कार्रवाई की जानकारी देते हुए दूसरा नोटिस लगाया था. बीएमसी की टीम बुलडोजर और उत्खनन वाली मशीनें लेकर बांद्रा के पाली हिल बंगले पर पहुंची और महानगरपालिका की बिना मंजूरी के इमारत में की गई फेरबदल वाले ढांचे को गिरा दिया.
बीएमसी की इस कार्रवाई के बाद बॉम्बे उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले में अवैध निर्माण को तोड़ने की प्रक्रिया पर बुधवार को रोक लगा दी और पूछा कि नगर निकाय के अधिकारी संपत्ति में तब क्यों गए जब मालिक वहां मौजूद नहीं थी.