जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर शनिवार को कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज एक साथ मीडिया से मुखातिब हुए. कांग्रेस पार्टी के इन दिग्गजों ने एक साथ जम्मू-कश्मीर की हालात को लेकर चिंता जताई. जम्मू-कश्मीर की मौजूदा हालात पर बुलाए गए इस मीडिया ब्रीफिंग में जम्मू-कश्मीर के पूर्व सदरे रियासत डॉ कर्ण सिंह, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, देश के पूर्व गृह और वित्त मंत्री पी चदंबरम, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रभारी अंबिका सोनी और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा.
जम्मू-कश्मीर को लेकर स्थिति साफ हो
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सदरे रियासत और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता कर्ण सिंह ने कहा, 'हमने 70 सालों में बहुत उतार-चढ़ाव देखें हैं, लेकिन इन दिनों जम्मू-कश्मीर की हालात को लेकर ज्यादा चिंतित हैं. इस समय राज्य की जो हालात है वैसा कभी नहीं देखा. अमरनाथ यात्रा बंद कर दी गई. शिवभक्तों को धक्का लगा होगा. इसका कारण समझ नहीं आ रहा है.
अमरनाथ जी की गुफा तक छड़ी जाती है, क्या उसपर भी रोक लगा दी गई है? अगर स्नाइपर और माइंस पकड़े गए हैं तो उसके आधार पर ये कार्रवाई समझ में नहीं आती! पर्यटकों और छात्रों को हटाया जा रहा है जबकि वहां स्थिति सामान्य है. कश्मीर घाटी में डर और आशंका का माहौल है. क्या होने वाला है? इतनी दहशत क्यों फैलाई जा रही है?

खुफिया जानकारी मिली है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी अमरनाथ यात्रा बाधित करने में लगे हुए हैं
कर्ण सिंह ने आगे कहा, ‘मैं 35A और 370 पर अभी बात नहीं करना चाहता लेकिन सरकार को बताना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को परेशानी में क्यों डाला जा रहा है? मेरे पूर्वजों ने इस रियासत को बनाया. हम सब राष्ट्रवादी हैं, लेकिन ऐसे माहौल के खिलाफ हूं. सरकार को स्थिति साफ करनी चाहिए.
आर्टिकल 35A और 370 पर भी स्थिति साफ हो
वहीं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने आर्टिकल 35A और 370 को हटाए जाने की खबर पर कहा, ‘1927 में महाराजा हरि सिंह ने लोगों के कहने पर ये निर्णय दिया कि जम्मू-कश्मीर के निवासी ही राज्य में जमीन खरीद सकते हैं या नौकरी मिलेगी. बाद में उसी कानून को 35A का रूप दिया गया है. जम्मू कश्मीर के अलावा उत्तराखंड, हिमाचल और उत्तर पूर्व के आठ राज्यों में भी राज्य के बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते.
इनमें से कई राज्यों में बीजेपी की सरकार है लेकिन वहां कानून बदलने की बात नहीं हो रही. बीजेपी केवल 35A हटाने की बात करते हैं, क्योंकि इससे बीजेपी को वोट मिलते हैं. 370 के प्रावधान से तो जम्मू-कश्मीर भारत से जुड़ा है. उसे खत्म करने से कई और विवाद शुरू हो जाएंगे. हमलोग कश्मीर की हालत पर प्रधानमंत्री मोदी से संसद में वक्तव्य देने की मांग करेंगे.

जम्मू-कश्मीर में इस समय करीब 20 हजार पर्यटक और 4 लाख बाहरी श्रमिक हैं
जम्मू-कश्मीर में इस समय करीब 20 हजार पर्यटक और 4 लाख बाहरी श्रमिक हैं. बीते दिनों गृह विभाग के आदेश के बाद लोगों में स्थिति को लेकर अटकलबाजियां शुरु हो गईं. एडवाइजरी जारी होने के बाद श्रीनगर में लोग बाजारों में उमड़ पड़े हैं. सबसे ज्यादा भीड़ पेट्रोल पंप, एटीएम, मेडिकल स्टोर और जनरल स्टोर्स पर देखी जा रही है. पर्यटकों का गाड़ी रात होने से पहले ही जम्मू निकलना चाह रहे हैं.
1.75 लाख तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया था.
बता दें कि इस साल 1.75 लाख तीर्थयात्रियों ने 28 जून से 15 अगस्त तक शुरू होने वाले जत्थों में तीर्थ यात्रा करने का पंजीकरण कराया था. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य के शीर्ष अधिकारी भी अमरनाथ यात्रा के रुकने और पिछले कुछ दिनों में अतिरिक्त बलों की बड़े पैमाने पर तैनाती का कारण नहीं जानते हैं. जम्मू-कश्मीर में बीते एक हफ्ते से फौजों की बढ़ती तैनाती को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है. इससे ये अटकल लगाया जा रहा है कि राज्य में कुछ बड़ा होने वाला है. हालांकि सरकार इसे बहुत तूल देने से बच रही है. राजनीतिक दलों को अंदेशा है कि कहीं ये 35 ए को हटाने की कवायद तो नहीं है.

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वहीं, दूसरी ओर सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने पत्रकारों को बताया कि पिछले तीन-चार दिनों में बहुत बड़ी खुफिया जानकारी मिली है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी अमरनाथ यात्रा बाधित करने में लगे हुए हैं. इस जानकारी के आधार पर यात्रा के दोनों मार्गों, दक्षिण की तरफ के पहलगाम वाले रास्ते और उत्तर की तरफ के बालटाल वाले रास्तों पर सुरक्षाबलों ने गहन तलाशी अभियान चलाया, जिसमें बड़ी सफलता मिली है. उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान, पाकिस्तान आयुध फैक्ट्री में निर्मित एक बारूदी सुरंग को जब्त कर लिया गया.'
वहीं जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का कहना है कि अमरनाथ यात्रा को बीच में रोकने को अन्य मुद्दों के साथ जोड़कर 'अनावश्यक भय' पैदा किया जा रहा है . उन्होंने राजनीतिक नेताओं से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने तथा 'अतिशयोक्तिपूर्ण अफवाहों पर भरोसा ना करने की अपील करने का' अनुरोध किया.
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FIRST PUBLISHED : August 03, 2019, 18:31 IST