बेंगलुरू. कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश (Karnataka Education MInister BC Nagesh) के एक बयान से राज्य में विवाद शुरू हो गया है. उन्होंने मुस्लिम औरतों द्वारा सिर और मुंह ढंकने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला हिजाब (Hijab) पहनकर कक्षाओं में पढ़ने को अनुशासनहीनता बताया है.
वैसे विवाद की शुरुआत कुछ रोज पहले उडुपी (Udupi) के गवर्नमेंट गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज से हुई थी. यहां कॉलेज प्रबंधन 8 मुस्लिम छात्राओं को कक्षा में नहीं बैठने दिया क्योंकि वे हिजाब (Hijab) पहनकर आईं थीं. इसके बाद उन लड़कियों ने कॉलेज परिसर में हिजाब (Hijab) पहनकर ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. उनका कहना है कि उन्हें जब तक हिजाब (Hijab) पहनकर कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाती, वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगी. उनके मुताबिक हिजाब (Hijab) पहनना उनकी धार्मिक आजादी और मसला है और संविधान से मिला अधिकार भी.
इसी मसले पर जब शिक्षा मंत्री बीसी नागेश (Education MInister BC Nagesh) से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, ‘उस संस्थान में सैकड़ों मुस्लिम लड़कियां पढ़ रही हैं. किसी को कोई समस्य नहीं है, सिवाय इन 8 छात्राओं के. स्कूल, कॉलेजों को धार्मिक केंद्र बनाने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए. कक्षा में हिजाब (Hijab) पहनकर बैठना सरासर अनुशासनहीनता है. किसी को अगर इसकी अनुमति दी जाती है तो अन्य छात्राएं भी फिर वैसी ही मांग करने लगेंगी.’ नागेश ने बताया, ‘सरकारी शिक्षण संस्थानों की यूनिफॉर्म के बारे में 1985 में एक उच्चस्तरीय समिति ने फैसला किया था. तब से अब तक हर संस्थान और उसके विद्यार्थी निर्धारित नियमों का पालन कर रहे हैं. कोई भी संस्थान कुछ चुनिंदा छात्राओं की मांग पर इन नियमों को क्यों बदलेगा? या फिर उनमें ढील देगा?’ उन्होंने कहा, ‘यह पूरा मामला राजनीतिक है. क्योंकि इससे पहले तो कभी किसी ने इस तरह मांग नहीं की. पहले कहां थे, इस तरह की मांग करने वाले?’
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