कर्नाटक में पुजारी से शादी करने पर गरीब ब्राह्मण महिला को मिलेंगे 3 लाख, सरकार ने शुरू की योजना

सरकार ने शुरू की योजना. (Pic- ANI)
कर्नाटक स्टेट ब्राह्मण डेवलपमेंट बोर्ड ने दो नई योजनाओं की शुरुआत की है. इनका नाम अरुंधति और मैत्रेयी रखा गया है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 10, 2021, 11:12 AM IST
बेंगलुरु. कर्नाटक (Karnataka) की बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) सरकार द्वारा गठित कर्नाटक स्टेट ब्राह्मण डेवलपमेंट बोर्ड ने दो नई योजनाओं की शुरुआत की है. इनका नाम अरुंधति और मैत्रेयी रखा गया है. इनका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की दुल्हनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है.
कर्नाटक सरकार की इन योजनाओं के तहत पहली स्कीम अरुंधति के अंतर्गत राज्य में गरीब ब्राह्मण दुल्हनों को सरकार की ओर से 25 हजार रुपये और पुजारियों से शादी करने वाली गरीब ब्राह्मण महिलाओं को 3 लाख रुपये के बॉन्ड के रूप में आर्थिक मदद मिलेगी.
कर्नाटक स्टेट ब्राह्मण डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन और बीजेपी नेता एचएस सच्चिदानंद मूर्ति ने इन योजनाओं के बाबत जानकारी दी है. उनके अनुसार, 'हमें अरुंधति और मैत्रेयी योजनाएं शुरू करने को लेकर अनुमति मिल गई है. इसके लिए फंड निर्धारण हो रहा है. हम इस फंड के उपयोग को लेकर प्रक्रिया बनाने की ओर अग्रसर हैं. समाज के कमजोर वर्ग की मदद करने के लिए यह हमारे प्रयास का हिस्सा है.'
मूर्ति ने आगे कहा, 'इन योजनाओं के तहत पैसा तीन किश्तों में डाला जाएगा. शादी अगर चार साल तक सफल रही तो चौथे साल पैसा ब्याज के साथ मिलेगा.' इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को यह दर्ज कराना होगा कि उसके पास 5 या इससे अधिक एकड़ की भूमि नहीं है या 1000 वर्ग फीट से अधिक बड़ा आवासीय फ्लैट नहीं है. इसके साथ ही उन्हें यह भी बताना होगा कि वह पिछले वर्ग या अनुसूचित जाति से ना हों. उनकी पारिवारिक आय भी 8 लाख प्रति वर्ष से कम होनी चाहिए.
कर्नाटक सरकार की इन योजनाओं के तहत पहली स्कीम अरुंधति के अंतर्गत राज्य में गरीब ब्राह्मण दुल्हनों को सरकार की ओर से 25 हजार रुपये और पुजारियों से शादी करने वाली गरीब ब्राह्मण महिलाओं को 3 लाख रुपये के बॉन्ड के रूप में आर्थिक मदद मिलेगी.
कर्नाटक स्टेट ब्राह्मण डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन और बीजेपी नेता एचएस सच्चिदानंद मूर्ति ने इन योजनाओं के बाबत जानकारी दी है. उनके अनुसार, 'हमें अरुंधति और मैत्रेयी योजनाएं शुरू करने को लेकर अनुमति मिल गई है. इसके लिए फंड निर्धारण हो रहा है. हम इस फंड के उपयोग को लेकर प्रक्रिया बनाने की ओर अग्रसर हैं. समाज के कमजोर वर्ग की मदद करने के लिए यह हमारे प्रयास का हिस्सा है.'