नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कश्मीर के लाल चौक को तिरंगे की रोशनी से सजाया गया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कश्मीर में एक वक्त ऐसा भी था जब लाल चौक पर देश का तिरंगा झंडा फहराना मुश्किल था. आतंकी यहां तिरंगा फहराने वालों को जान से मारने की धमकी देते थे. ऐसे में ट्विटर पर पीएम मोदी की एक पुरानी वीडियो क्लिप को शेयर कर उन्हें थैंक्यू कहा जा रहा है. 1992 की छोटी सी वीडियो क्लिप में पीएम नरेंद्र मोदी आतंकियों की धमकी के बावजूद लाल चौक पर तिरंगा फहराने की बात कह रहे हैं. यह पुरानी वीडियो भाजपा की एकता यात्रा के समय की है.
क्याें खास है कश्मीर लाल चौक
श्रीनगर के लाल चौक का देश में अत्यधिक ऐतिहासिक महत्व है. यह वह स्थान था, जहां भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने साल 1948 में भारत द्वारा इस क्षेत्र पर कब्जा करने के पाकिस्तान के प्रयास को नाकाम करने और हराने के बाद भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. आजादी के बाद पहली बार 26 जनवरी के दिन आज बुधवार को जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के प्रतिष्ठित लाल चौक पर घंटाघर के ऊपर देश का तिरंगा झंडा फहराया गया. भारत के 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर स्थानीय लोगों ने झंडा फहराया. हालांकि इस दौरान वहां पर सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे.
Thankyou @narendramodi ji 🙏pic.twitter.com/vOAaK3W8h4
— That Marine Guy 🇮🇳 (@thatmarineguy21) January 26, 2022
लाल चौक पर मुश्किल था झंडा फहराना
लाल चौक पर पहली बार 26 जनवरी 1992 को बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में तिरंगा फहराया गया था. इसके लिए दिसंबर 1991 में कन्याकुमारी से एकता यात्रा की शुरुआत की गई थी, जो कई राज्यों से होते हुए कश्मीर पहुंची थी. मुरली मनोहर जोशी के साथ उस वक्त नरेंद्र मोदी भी थे.
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