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केरल : बच्‍चा गुम होने पर नाना-नानी सहित चार पर मामला, माता-पिता ने की शिकायत

अमेठी में पीहर में लाठी से पिटकर कर दी पत्नी की हत्या.

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केरल (Kerala) में बच्‍चा गुम होने के एक मामले में बच्‍चे के नाना-नानी समेत चार लोगों पर मामला दर्ज कर लिया गया है और अब ...अधिक पढ़ें

    तिरुवनंतपुरम. केरल (Kerala) में बच्‍चा गुम होने के एक मामले में बच्‍चे के नाना-नानी समेत चार लोगों पर मामला दर्ज कर लिया गया है और अब सक्रिय होकर पुलिस, बच्‍चे को तलाश रही है. इस मामले में बच्‍चे की मां अनुपमा एस चंद्रन (21 वर्ष) और उसके पार्टनर अजित (35) ने 19 अप्रैल 2021 को शिकायत की थी कि उसके परिवार के करीबी सदस्यों ने उसके बच्चे का अपहरण कर लिया है और इसमें उसके मां-बाप भी शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया है, लेकिन अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं की है. पेरूरक्कड़ पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में कहा गया था कि बच्चे का जन्म 19 अक्टूबर 2020 को हुआ और बच्चा ग़ायब है. दर्ज शिकायत में कहा गया था कि बच्चे के पिता और परिवार के दूसरे सदस्य उसे घर से बाहर ले गए. चूंकि बच्चे का जन्म उसके मां-बाप की शादी के पहले हुआ, उसके परिवार के सदस्यों ने इस इस मामले को दबाना चाहा और इस क्रम में वे बच्चे को यहां से ले गए.

    पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, अनुपमा के रिश्तेदारों ने उससे कहा कि एक बार जब उसकी बड़ी बहन की शादी हो जाएगी, उसका बच्चा उसको वापस कर दिया जाएगा. पर इस शादी के हो जाने के बाद भी उसका बच्चा उसे वापस नहीं किया गया है. अनुपमा CPM (सीपीएम) की लोकल कमेटी के सदस्य, पीएस जयचंद्रन और स्मिता जेम्स की बेटी है. ये दोनों ही CPM के सदस्य हैं. जयचंद्रन सीपीएम नेता पेरूरक्कड़ सदाशिवन और ललिता सदाशिवन के पुत्र हैं. अनुपमा SFI (एसएफआई) की नेता और DFYI की सदस्य हैं जो कि CPM का ही एक संगठन है. अजित CPM का स्थानीय नेता है और DFYI का कमेटी सेक्रेटरी भी है जिसकी सदस्य अनुपमा भी थी. एक प्रमुख कम्युनिस्ट परिवार के सदस्य और एक प्रतिभाशाली युवा नेता होने के कारण, लोकल वार्ड के उम्मीदवार के रूप में अनुपमा के नाम पर ग़ौर किया जा रहा था. तिरुवनंतपुरम कॉर्पोरेशन काउंसिल की यह सीट महिला उम्मीदवार के लिए सुरक्षित है. अनुपमा के अनुसार, उसके परिवार के लोग अजित के साथ उसके संबंधों के ख़िलाफ़ हैं क्योंकि वह एक दलित ईसाई है.

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    अजित के अनुसार, 2011 में अपनी शादी के बाद वह नाज़िया नामक एक महिला के साथ रह रहा था. नाज़िया से कथित रूप से तलाक़ लेने के बाद अनुपमा अप्रैल में अपना घर छोड़कर अजित के साथ रहने के लिए आ गयी. वहीं, जयचंद्रन ने जो बयान दिया है उसके अनुसार, परिवार ने बच्चे को ‘अम्माथोत्तिल’ में रखने का फ़ैसला किया जो कि थयकौड में सरकारी बाल कल्याण केंद्र के सामने बना एलेक्ट्रोनिक क्रेडल है. यह फ़ैसला इसलिए किया गया क्योंकि अजित की पहले से शादी हो चुकी थी और उन्हें अनुपमा की बड़ी बहन की शादी करनी थी. जब उनके बच्चे का जन्म हुआ तब तक अजित ने नाज़िया से तलाक़ लेने की प्रक्रिया शुरू नहीं की थी. उन्होंने बताया कि बच्चे को उसकी मर्ज़ी से CWC को दे दिया गया क्योंकि वह उस समय बच्चे का देखभाल करने की स्थिति में नहीं थी. उन्होंने कहा कि बच्चे को ले जाने के लिए उन्होंने उसकी लिखित अनुमति ली है जिस पर नोटरी का हस्ताक्षर है. उन्होंने बताया कि इस अनुमति पत्र में एक शर्त है कि ‘हम इस बच्चे को तब वापस लेने आएंगे जब इसका पिता, तलाक़ की अनुमति प्राप्त कर लेगा’ और अनुपमा ने इस शर्त को जोड़ने पर जोर डाला था. हालांकि, बाद में उन्होंने एक साथ रहना शुरू करने के बाद बच्चे के परवरिश के लिए उसका कस्टडी प्राप्त करने के बदले पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी, उन्होंने बताया.

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    जयचंद्रन ने बताया कि अजित और नाज़िया ने उस समय विशेष विवाह क़ानून के अधीन शादी की क्योंकि तब नाज़िया अपने किसी दोस्त की पत्नी के रूप में रह रही थी. जयचंद्रन ने मीडिया को बताया कि अनुपमा अजीत से उस समय गर्भवती हुई जब वह नाज़िया के साथ रह रहा था. उन्होंने कहा कि उनको जातिवादी बताने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि वह पिछले 30 सालों से अपने एक ईसाई पार्टनर के साथ रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर अनुपमा अपना बच्चा वापस चाहती है तो वह इसके लिए क़ानूनी रास्ता अपना सकती है. जयचंद्रन ने बताया कि अनुपमा विवाद बढ़ाना चाहती थी और उनकी पार्टी को बदनाम करना चाहती थी. पर अनुपमा ने पत्रकारों को मंगलवार को बताया कि उसके मां-बाप हमेशा से ही बच्चे को छिपाना चाहते थे. अजित की पूर्व पत्नी नाज़िया का कहना है कि अनुपमा के आने के बाद अजित ने उसको इस रिलेशनशिप से बाहर कर दिया. जब नाज़िया ने दोनों के बीच नज़दीकियों पर आपत्ति की तो अजित ने उससे कहा था कि अनुपमा उसको अपना भाई मानती है.

    पुलिस ने दर्ज की शिकायत
    अनुपमा ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan)  और CPM के ज़िला नेता से भी शिकायत की और कहा कि उसके रिश्तेदार उसके बच्चे को उठा ले गए. हालांकि, पुलिस ने उस समय कोई मामला दर्ज नहीं किया था क्योंकि उसके परिवार के लोगों ने पुलिस को साक्ष्य के रूप में एक पत्र दिखाया था. शिकायत के छह माह बाद पुलिस पर 18 अक्टूबर 2021 को मामला दर्ज करने का दबाव डाला गया क्योंकि एक टीवी चैनल ने इस बारे में एक रिपोर्ट दिखायी जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. पुलिस ने बताया कि आईपीसी की धारा 461 के तहत अनुपमा के मां-बाप के ख़िलाफ़ बच्चे को अगवा करने का मामला दर्ज किया गया है और इस बच्चे को खोजने का काम जारी है. पुलिस ने बताया, ‘ मामले को दर्ज करने में कोई देरी नहीं हुई क्योंकि शिकायतकर्ता के रिश्तेदारों ने कहा था कि बच्चा सुरक्षित है. अब अनुपमा और उसके पति यह शिकायत लेकर हमारे पास आए हैं कि उनका बच्चा ग़ायब है. इसलिए अब हमने मामला दर्ज कर लिया है.’

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    ज़मानत की अर्ज़ी
    अनुपमा के मां-बाप और चार अन्य लोगों, जिन्हें बच्चे को अगवा करने के और उसे गोद लेने के लिए दे देने के मामले में नामज़द किया गया है, ने अतिरिक्त ज़िला अदालत और सत्र अदालत में अग्रिम ज़मानत के लिए अर्ज़ी दी है. अनुपमा के पिता पीएस जयचंद्रन, मां स्मिता, बहन अंजू, बहनोई अरुण और CPM के दो कार्यकर्ताओं ने यह ज़मानत अर्ज़ी दी है. अदालत इस मामले पर 28 अक्टूबर 2021 को सुनवाई करेगी.

    Tags: Kerala, Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan

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