सबरीमला मंदिर मकराविलाक्कु उत्सव के लिए खुला, मुख्य पुजारी पृथक-वास में गए

मकराविलाक्कु उत्सव 14 जनवरी को पड़ेगा और मंदिर 20 जनवरी को बंद हो जाएगा. (File Photo)
Sabarimala Temple: ‘मेल्संती’ (मुख्य पुजारी) वी. के. जयराजन पोट्टी के करीबी संपर्क वालों में से तीन लोगों के कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. वह सबरीमला में ही पृथक-वास में हैं.
- भाषा
- Last Updated: December 30, 2020, 8:42 PM IST
सबरीमला (केरल). वार्षिक तीर्थयात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए बुधवार की शाम को भगवान अय्यप्पा मंदिर (Lord Ayappa Temple) को मकराविलाक्कु उत्सव (Makaravilakku festival) के लिए खोल दिया गया. हालांकि मंदिर के मुख्य पुजारी कोविड-19 के तीन मरीजों के संपर्क में आने के बाद स्वपृथक-वास में चले गए हैं. मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवस्व ओम बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि हालांकि मंदिर के कपाट बुधवार शाम पांच बजे से ही खोल दिए गए, लेकिन श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति बृहस्पतिवार की सुबह से मिलेगी.
मकराविलाक्कु उत्सव 14 जनवरी को पड़ेगा और मंदिर 20 जनवरी को बंद हो जाएगा. बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, ‘मेल्संती’ (मुख्य पुजारी) वी. के. जयराजन पोट्टी मंगलवार से स्वपृथक-वास में चले गए हैं. उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘उनके करीबी संपर्क वालों में से तीन लोगों के कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. वह सबरीमला में ही पृथक-वास में हैं. फिलहाल मंदिर की दैनिक पूजा पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा.’’
मंदिर की परंपरा के अनुसार, मुख्य पुजारी मंदिर का प्रभार संभालने से एक साल बाद ही पहाड़ी से नीचे उतर सकते हैं.
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अधिकारी ने बताया कि अगर पांच दिन बाद मुख्य पुजारी के संक्रमित होने की पुष्टि होती है तो बोर्ड आगे कर रणनीति तय करेगा. बोर्ड के सूत्रों ने बताया कि कोविड-19 प्रतिबंधों (Covid-19 Norms) के कारण उत्सव के दौरान मंदिर में प्रतिदिन सिर्फ 5,000 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति होगी.

मंडल पूजा के साथ 26 दिसंबर को समाप्त हुई तीर्थयात्रा के पहले चरण में कोविड-19 की अधिकतम 48 घंटे पुरानी जांच रिपोर्ट अनिवार्य की गई थी. इस बार भी यह रिपोर्ट अनिवार्य है.
मकराविलाक्कु उत्सव 14 जनवरी को पड़ेगा और मंदिर 20 जनवरी को बंद हो जाएगा. बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, ‘मेल्संती’ (मुख्य पुजारी) वी. के. जयराजन पोट्टी मंगलवार से स्वपृथक-वास में चले गए हैं. उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘उनके करीबी संपर्क वालों में से तीन लोगों के कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. वह सबरीमला में ही पृथक-वास में हैं. फिलहाल मंदिर की दैनिक पूजा पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा.’’
#WATCH Kerala: Lord Ayyappa's Sabarimala temple re-opened today at Sannidhanam for Makaravilakku festival.Devotees will be allowed Darshan inside the temple from tomorrow morning. pic.twitter.com/D4muOFcniB
— ANI (@ANI) December 30, 2020
मंदिर की परंपरा के अनुसार, मुख्य पुजारी मंदिर का प्रभार संभालने से एक साल बाद ही पहाड़ी से नीचे उतर सकते हैं.
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अधिकारी ने बताया कि अगर पांच दिन बाद मुख्य पुजारी के संक्रमित होने की पुष्टि होती है तो बोर्ड आगे कर रणनीति तय करेगा. बोर्ड के सूत्रों ने बताया कि कोविड-19 प्रतिबंधों (Covid-19 Norms) के कारण उत्सव के दौरान मंदिर में प्रतिदिन सिर्फ 5,000 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति होगी.
मंडल पूजा के साथ 26 दिसंबर को समाप्त हुई तीर्थयात्रा के पहले चरण में कोविड-19 की अधिकतम 48 घंटे पुरानी जांच रिपोर्ट अनिवार्य की गई थी. इस बार भी यह रिपोर्ट अनिवार्य है.