केरल की मुस्लिम महिला ने बनाई श्रीकृष्ण की पेंटिंग. (Pic- News18)
तिरुवनंतपुरम. भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) के भक्त पूरी दुनिया में बसे हुए हैं. उनकी भक्ति और समर्पण से लोगों को आत्मशांति का अनुभव होता है. भगवान श्रीकृष्ण की ऐसी एक भक्त केरल (Kerala) में हैं. इनका नाम जासना सलीम है. वह 28 साल की हैं. 26 सितंबर को उनका एक सपना पूरा हुआ है. इस मुस्लिम महिला ने भगवान श्रीकृष्ण की पेंटिंग बनाई है. इसे उन्होंने 26 सितंबर को एक मंदिर में भगवान को समर्पित की है. वह माहिर आर्टिस्ट नहीं हैं, लेकिन पिछले 6 साल से वह भगवान श्रीकृष्ण की पेंटिंग बना रही हैं.
जासना सलीम केरल के कोझिकोड में रहती हैं. उन्होंने न्यूज18 से खास बातचीत में कहा, ‘रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार की सदस्य होने के कारण मुझे कभी भगवान श्रीकृष्ण की कहानियां जानने और उनकी तस्वीर देखने का मौका ही नहीं मिला था. यहां तक कि मैं टीवी पर उन पर आधारित धारावाहिक भी नहीं देख पाई. मैंने अचानक ही भगवान श्रीकृष्ण की पेंटिंग बनाना शुरू किया था.’
जासना ने अब तक भगवान श्रीकृष्ण की 500 से अधिक पेंटिंग बनाई हैं. लेकिन रविवार से पहले उन्हें कभी मंदिर जाकर भगवान की मूर्ति देखने का मौका ही नहीं मिला था. उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, ‘मेरे शिक्षकों को यह जानकर हंसी आएगी कि मैंने भगवान श्रीकृष्ण की पेंटिंग बनाई है क्योंकि जब मैं स्कूल में थी तो मैप भी कॉपी करती थी.’
दिलचस्प बात यह है कि मजीद और सोफिया की तीन बेटियों में सबसे छोटी जासना को उसके माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य प्यार से ‘कन्नन’ कहते थे. जासना ने बताया, ‘परिवार ने मुझे इस नाम से बुलाया था. हालांकि मुझे नहीं पता था कि यह भगवान कृष्ण का नाम था. मेरे पति कम्युनिस्ट हैं, उन्होंने शादी के बाद मुझे इसका अर्थ समझाया और श्रीकृष्ण के बारे में बताया.’
फिर एक दिन जासना ने एक कागज पर छपी भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर देखी. उसमें भगवान कृष्ण को एक बर्तन से मक्खन खाते हुए दिखाया गया था. इस कागज को कोई उनके घर लाया था. उन्होंने कहा, ‘मैं गर्भवती थी और बेड रेस्ट पर थी. जब मैंने पेपर में उनकी तस्वीर देखी, तो मुझे ऐसी ही एक तस्वीर पेंट करने की प्रेरणा मिली. जासना ने कहा, ‘जब मैंने इसे पूरा किया, तो मेरे पति ने काम की सराहना की क्योंकि यह अच्छा लग रहा था. लेकिन उन्होंने मुझे इसे किसी को उपहार में देने की सलाह दी. इसलिए मैंने इसे एक पारिवारिक मित्र हिंदू परिवार को गिफ्ट में दिया.’
जासना के अनुसार, ‘एक दिन उस परिवार ने मुझे बताया कि मेरी पेंटिंग को उनके घर पर रखने के बाद उनके जीवन में बहुत सारे सकारात्मक बदलाव आए हैं. यह बात फैल गई और कई लोगों ने भगवान श्रीकृष्ण की पेंटिंग के लिए मुझसे संपर्क किया.’
इसके बाद उन्हें अपने पति का समर्थन मिला जिन्होंने उन्हें पेंटिंग के लिए प्रोत्साहित किया. कई लोगों ने उनकी पेंटिंग्स खरीदीं. फिर उसने गुरुवायुर के श्रीकृष्ण मंदिर को दो मौकों विशु और श्रीकृष्ण जयंती पर भगवान की पेंटिंग गिफ्ट के रूप में देना शुरू किया. अब वह पेंटिंग को मंदिर के प्रशासन के सामने पेश करेगी क्योंकि गैर-हिंदुओं को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है.
इस बीच कुछ लोगों द्वारा आपत्ति जताए जाने पर उसके पति ने उसे पेंटिंग बनाने से रोकने के लिए कहा. लेकिन, एक दिन एक महिला जिसने उसकी पेंटिंग खरीदी थी, उससे मिलने आई और उसके काम की सराहना की. जासना ने कहा, ‘वह अपनी खुशी व्यक्त नहीं कर सकती थी, क्योंकि उनका मानना था कि पेंटिंग ने हमेशा के लिए उनका जीवन बदल दिया है. इसलिए मैंने अपने पति से कहा कि मैं पेंटिंग जारी रखना चाहती हूं क्योंकि यह किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रही है बल्कि उन्हें खुश कर रही है. वह सहमत हो गए और मुझसे कहा कि अगर इससे मुझे खुशी मिलती है तो मैं जारी रखूं.’
पहले जासना बिना किसी पैसे के भगवान श्रीकृष्ण की पेंटिंग बनाती थीं, लेकिन बाद में उन्होंने पैसे लेने शुरू कर दिए थे. ऐसा उन्होंने अपने खर्च पूरा करने के लिए किया.
पथानामथिट्टा जिले के उलानाडु श्री कृष्ण स्वामी मंदिर को गिफ्ट में एक पेंटिंग की मांग को लेकर भक्तों के समूह ने उनसे संपर्क किया था. इसके बाद वह मंदिर गईं और भगवान श्रीकृष्ण की पेंटिंग वहां दे दी. जासना ने कहा, ‘मेरे पास इसके लिए उलानाडु श्रीकृष्ण स्वामी मंदिर के अधिकारियों के प्रति अपनी खुशी और आभार व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं.’ उनका कहना है कि भगवान की पेंटिंग बनाकर उन्हें आत्मसंतुष्टि मिलती है.
.
Tags: Kerala, Lord krishna