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Kerala Nipah Virus Outbreak: रामबूटन फल से फैला निपाह वायरस? 8 मरीजों के सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे गए

कोझिकोड में रविवार को 12 वर्षीय बच्चे की निपाह वायरस के कारण मौत हो गई थी.  (फाइल फोटो)

कोझिकोड में रविवार को 12 वर्षीय बच्चे की निपाह वायरस के कारण मौत हो गई थी. (फाइल फोटो)

Nipah Virus Outbreak in Kerala: स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में ज्यादा लोगों की खोज इसलिए ...अधिक पढ़ें

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    तिरुवनंतपुरम. केरल (Kerala) के कोझिकोड (Kozhikode) में एक 12 वर्षीय बच्चे की निपाह वायरस (Nipah Virus Outbreak) संक्रमण के चलते रविवार को मौत होने के बाद आठ लोगों और रामबूटन फल (Rambutan Fruits) का सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी पुणे (NIV Pune) जांच के लिए भेजा गया है. इन आठ लोगों में हल्के लक्षण देखे गए हैं. दूसरी ओर केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई टीम ने सोमवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात की और रामबूटन फल का सैंपल भी लिया. पीड़ित परिवार की आशंका है कि यही फल खाने के बाद बच्चा निपाह वायरस (Nipah Virus Outbreak) का शिकार हुआ. वहीं राज्य सरकार ने 188 लोगों को बच्चे के प्राइमरी कॉन्टैक्ट के तौर पर चिह्नित किया है और इन लोगों पर निगाह रखी जा रही है. चथमंगलम और पास के इलाके को पूरी तरह कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है. इसी इलाके में पीड़ित युवक संक्रमित पाया गया था. पीड़ित परिवार के घर के तीन किलोमीटर के दायरे को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है.

    केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (Veena George) ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार का फोकस कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और संक्रमण के प्राथमिक स्त्रोत का पता लगाना है. उन्होंने कहा कि इस बात की आशंका है कि निपाह वायरस संक्रमित 12 वर्षीय बच्चा कई अन्य लोगों के संपर्क में आया हो सकता है. जॉर्ज ने कहा कि बच्चे के संपर्क में आने वाले 20 हाई रिस्क लोगों में से 7 के सैंपल टेस्टिंग के लिए एनआईवी पुणे भेजे गए हैं. उन्होंने कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण काम कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करना है. फील्ड कार्यकर्ताओं को स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही संक्रमण के प्राथमिक स्त्रोत का भी पता लगाना है. क्या इसी बच्चे को सबसे पहले संक्रमण हुआ या फिर संक्रमण की शुरुआत कैसे हुई. रविवार को कुल 188 लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की गई है. हालांकि इससे भी ज्यादा लोग हो सकते हैं. हम सभी की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं.’

    उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग में ज्यादा लोगों की खोज इसलिए की जा रही है क्योंकि बच्चे के परिजन उसे सबसे पहले एक क्लिनिक ले गए थे. उसके बाद एक प्राइवेट अस्पताल ले गए थे. फिर वह मेडिकल कॉलेज गया और फिर वहां से एक दूसरे प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया. जॉर्ज ने कहा कि हाई रिस्क वाले 20 में से 7 के सैंपल पुणे भेजे गए हैं और उम्मीद है कि आज परिणाम आ जाएगा. इसके साथ ही राज्य सरकार ने एनआईवी भोपाल से भी सहयोग मांगा है. एनआईवी पुणे जल्द ही कोझिकोड में एक टेस्टिंग फैसिलिटी विकसित करेगी, ताकि जल्द से जल्द टेस्टिंग कर रिजल्ट का पता लगाया जा सके.

    बता दें कि कोझिकोड में बच्चे के निपाह वायरस से पीड़ित होने का पता 27 अगस्त को चला था और उसे सबसे पहले एक लोकल क्लिनिक में भर्ती कराया गया था. बाद में उसे एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया. हालांकि बाद में उसे एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रविवार को सुबह 5 बजे उसकी मौत हो गई. स्वास्थ्य विभाग ने बच्चे के एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाए जाने के रूट मैप को प्रकाशित किया है, साथ ही समय और लोकेशन की भी जानकारी दी गई है. सरकार ने आम लोगों से अपील की है कि निपाह वायरस से जुड़ा किसी भी तरह का लक्षण दिखाई देने पर तत्काल स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें.

    राज्य की स्वास्थ्य मंत्री ने रविवार को कहा कि दो स्वास्थ्य कर्मियों में निपाह वायरस संक्रमण के लक्षण देखे गए हैं. ये दोनों स्वास्थ्य कर्मी मृत बच्चे के हाई रिस्क कॉन्टैक्ट्स में शामिल हैं.

    Tags: 8 Symptomatic Patients, Kerala, Nipah virus, NIV Pune, Rambutan fruits, Veena George, केरल, निपाह वायरस, वीना जॉर्ज

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