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15 महीने के बच्चे को दुर्लभ जेनेटिक बीमारी, सांस लेना भी मुश्किल, जान बचाने 17 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत

केरल के एक मासूम बच्चे की जान बचाने 17 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत है.

केरल के एक मासूम बच्चे की जान बचाने 17 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत है.

Kerala Boy Rare Disease: केरल के पालक्काड का रहने वाला बच्चा एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है. अब उसके इलाज के लिए 17 करो ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

रेयर जेनेटिक बीमारी से जूझ रहा केरल का बच्चा
जान बचाने चाहिए 17 करोड़ से ज्यादा की जरूरत
अब परिवार ने की लोगों से मदद करने की अपील

पालक्काड. केरल के पालक्काड जिले में एक मासूम बच्चा बेहद दुर्लभ बीमारी से जूझ रहा है. 15 महीन के इस बच्चे को ऐसी बीमारी है जिसमें उसकी मांसपोशियां कमजोर पड़ने लगी है. अब बच्चे के इलाज के लिए 17.5 करोड़ रुपए की जरूरत है. इसके लिए उसके माता-पिता रकम जुटाने की कोशिशें कर रहे हैं. सारंग मेनन और अदिति नायर के बेटे निर्वाण को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) है. इंजीनियर दंपत्ति अब क्राउडफंडिंग के लिए बेटे की इलाज के पैसे जुटा रहा है. द न्यूज मिनट की एक रिपोर्ट के मुताबिक एसएमए के इलाज में लगभग 17.5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. Zolgensma नाम की दवा इस बीमारी में एक बार दी जाती है.

SMA एक रेयर जेनेटिक बीमारी है. इसमें मोटर न्यूरॉन्स में आई गिरावट के कारण मांसपेशियां कमजोरी हो जाती है. यह बीमारी सांस लेने, निगलने, चलने-फिरने सहित मांसपेशियों के कामकाज को भी प्रभावित करता है. समय पर अगर इलाज नहीं किया जाता है, तो परमनेंट वेंटिलेशन या मौत का कारण भी बन सकता है. बीमारी को रोकने के लिए 2 साल के कम उम्र के बच्चों को ही इसकी दवा दी जाती है.

परिवार ने केरल सरकार से मांगी मदद
13 जनवरी को पता चला था कि निर्वाण SMA से पीड़ित है. द न्यूज मिनट की एक रिपोर्टके मुताबित निर्वाण के माता-पिता ने 25 जनवरी को केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज से मुलाकात की थी और सरकार से मदद की अपील की. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कपल ने 28 जनवरी तक ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म मिलाप और इम्पैक्ट के जरिए 3.10 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं. अब परिवार लोगों से मदद की अपील कर रहा है.

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अभिनेत्री अहाना कृष्णा ने भी बच्चे की बीमारी और उसके इलाज के लिए फंड की जरूरत का जिक्र किया था. सोशल मीडिया पर उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था निर्वाण 1 साल और 3 महीने का है. उसके 2 साल का होने से पहले हमें दुनिया की सबसे महंगी दवाओं में से एक नोवार्टिस द्वारा ज़ोलजेन्स्मा की जरूरत है. उसकी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए टाइप 2) के इलाज के लिए 17 करोड़ रुपये जुटाने की जरूरत है. अपना 5 मिनट का समय निकालें और हर संभव मदद करें.

Tags: Genetic diseases, Health, Kerala News

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