Kisaan Andolan: किसानों को मनाने की सरकार आज फिर करेगी कोशिश, इन मुद्दों पर होगी बात

FARMER AGITATION
Kisaan Andolan: केंद्र सरकार की कोशिश है कि आज की बैठक में शांतिपूर्ण तरीके से इसका हल निकाला जाए वहीं किसानों ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों बिल रद्द करने की मांग की है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 3, 2020, 11:58 AM IST
नई दिल्ली. केन्द्रीय कृषि कानूनों (Central agricultural laws) के विरोध को लेकर किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) और भी बड़ा होता जा रहा है. एक ओर जहां किसान पिछले एक हफ्ते से लगातार दिल्ली के बॉर्डर (Delhi Border) पर जमे हुए हैं, वहीं दिल्ली कूच की तैयारी में जुटे किसानों को मनाने की सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है. दो दिन पहले किसान संगठनों और सरकार के बीच बेनतीजा रही बैठक आज एक बार फिर होने वाली है. सरकार की कोशिश है कि आज की बैठक में शांतिपूर्ण तरीके से इसका हल निकाला जाए वहीं किसानों ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों बिल रद्द करने की मांग की है.
दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हजारों किसानों ने सरकार के साथ आज होने वाली बैठक से ठीक पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा. इसके साथ ही सरकार ने नए कृषि कानून को निरस्त करने के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की. इसके साथ ही किसानों की तरफ से किसानों की एकता को तोड़ने के लिए 'विभाजनकारी एजेंडे में नहीं शामिल होने' की भी मांग की गई. प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो राष्ट्रीय राजधानी की और सड़कों को अवरुद्ध किया जाएगा.
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता दर्शन पाल ने आरोप लगाया कि केंद्र किसान संगठनों में फूट डालने का काम कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा. पाल ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, हमने देश भर में विरोध स्वरूप 5 दिसंबर को मोदी सरकार और कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन करने और पुतले जलाने का आह्वान किया है.इसे भी पढ़ें:- किसानों ने सरकार से कहा: तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे
वार्ता से पहले गृहमंत्री अमित शाह से मिलेंगे पंजाब के सीएम
नए कृषि कानून को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच गुरुवार को होने वाली वार्ता से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. अभी तक की जानकारी के मुताबिक अमरिंदर सिंह गतिरोध का सौहार्द्रपूर्ण हल ढूंढने के लिए दिल्ली में अमित शाह के साथ चर्चा करेंगे. बता दें कि कांग्रेस पार्टी किसाना आंदोलन का शुरू से ही समर्थन कर रही है. यहां तक की पंजाब सरकार ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को निष्प्रभावी बनाने के लिए विधेयक भी पारित किए हैं.
दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हजारों किसानों ने सरकार के साथ आज होने वाली बैठक से ठीक पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा. इसके साथ ही सरकार ने नए कृषि कानून को निरस्त करने के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की. इसके साथ ही किसानों की तरफ से किसानों की एकता को तोड़ने के लिए 'विभाजनकारी एजेंडे में नहीं शामिल होने' की भी मांग की गई. प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो राष्ट्रीय राजधानी की और सड़कों को अवरुद्ध किया जाएगा.
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता दर्शन पाल ने आरोप लगाया कि केंद्र किसान संगठनों में फूट डालने का काम कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा. पाल ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, हमने देश भर में विरोध स्वरूप 5 दिसंबर को मोदी सरकार और कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन करने और पुतले जलाने का आह्वान किया है.इसे भी पढ़ें:- किसानों ने सरकार से कहा: तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे
वार्ता से पहले गृहमंत्री अमित शाह से मिलेंगे पंजाब के सीएम
नए कृषि कानून को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच गुरुवार को होने वाली वार्ता से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. अभी तक की जानकारी के मुताबिक अमरिंदर सिंह गतिरोध का सौहार्द्रपूर्ण हल ढूंढने के लिए दिल्ली में अमित शाह के साथ चर्चा करेंगे. बता दें कि कांग्रेस पार्टी किसाना आंदोलन का शुरू से ही समर्थन कर रही है. यहां तक की पंजाब सरकार ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को निष्प्रभावी बनाने के लिए विधेयक भी पारित किए हैं.