Farmers Protest: किसानों को सड़कों से हटाने की अर्जी पर केंद्र, पंजाब-हरियाणा को SC का नोटिस, कल होगी सुनवाई

दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 21वें दिन भी जारी है. किसानों को सड़कों से हटाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने एक कमिटी बनाने की बात कही है.
Farmers Protest: लॉ स्टूडेंट ऋषभ शर्मा ने यह अर्जी लगाई थी. उनका कहना है कि किसान आंदोलन के चलते सड़कें जाम होने से जनता परेशान हो रही है. प्रदर्शन वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग नहीं होने से कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि किसानों को दिल्ली की सीमाओं से हटाकर सरकार की तरफ से आवंटित तय स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए.
- News18Hindi
- Last Updated: December 16, 2020, 11:40 PM IST
Farmers Protest: मोदी सरकार पर नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws 2020) की वापसी का दबाव बनाने के लिए दिल्ली के बॉर्डर पर डटे किसानों के आंदोलन (Farmers Agitation) का बुधवार को 21वां दिन है. दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा या उन्हें कहीं और भेजा जाएगा, इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच इस मामले पर केंद्र सरकार, पंजाब और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही अदालत ने कहा कि इस मामले पर एक कमेटी गठित की जाएगी, जो इस मसले को सुलझाएगी. क्योंकि राष्ट्रीय मुद्दा सहमति से सुलझना जरूरी है. अब इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई होगी.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने पूछा कि आप चाहते हैं बॉर्डर खोल दिए जाएं. जिस पर वकील ने कहा कि अदालत ने शाहीन बाग केस के वक्त कहा था कि सड़कें जाम नहीं होनी चाहिए. बार-बार शाहीन बाग का हवाला देने पर चीफ जस्टिस ने वकील को टोका. उन्होंने कहा कि वहां पर कितने लोगों ने रास्ता रोका था? कानून व्यवस्था के मामलों में मिसाल नहीं दी जा सकती है. चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान पूछा कि क्या किसान संगठनों को केस में पार्टी बनाया गया है.
Kisan Andolan: चिल्ला बॉर्डर पर ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ किसानों ने फिर डाला डेरा, लिंक रोड जाम
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किसने दायर की है याचिका?
लॉ स्टूडेंट ऋषभ शर्मा ने यह अर्जी लगाई थी. उनका कहना है कि किसान आंदोलन के चलते सड़कें जाम होने से जनता परेशान हो रही है. प्रदर्शन वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग नहीं होने से कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि किसानों को दिल्ली की सीमाओं से हटाकर सरकार की तरफ से आवंटित तय स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए. इसके साथ ही किसानों को प्रदर्शन के दौरान कोरोना गाइडलाइन्स का पालन भी करना चाहिए.

दूसरी ओर, कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों ने बुधवार को चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली-नोएडा लिंक रोड को ब्लॉक कर दिया है. इस वजह से वहां जाम के हालात बने हुए हैं. सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतार लगी हुई है. किसानों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत के बाद 13 दिसंबर की देर रात चिल्ला बॉर्डर को खोलने का फैसला किया था.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने पूछा कि आप चाहते हैं बॉर्डर खोल दिए जाएं. जिस पर वकील ने कहा कि अदालत ने शाहीन बाग केस के वक्त कहा था कि सड़कें जाम नहीं होनी चाहिए. बार-बार शाहीन बाग का हवाला देने पर चीफ जस्टिस ने वकील को टोका. उन्होंने कहा कि वहां पर कितने लोगों ने रास्ता रोका था? कानून व्यवस्था के मामलों में मिसाल नहीं दी जा सकती है. चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान पूछा कि क्या किसान संगठनों को केस में पार्टी बनाया गया है.
Kisan Andolan: चिल्ला बॉर्डर पर ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ किसानों ने फिर डाला डेरा, लिंक रोड जाम
A Bench of Chief Justice SA Bobde and Justices AS Bopanna and V Ramasubramanian grants permission to implead farmer organisations. The matter will be heard in the Supreme Court tomorrow. https://t.co/eWtZjY9rjd
— ANI (@ANI) December 16, 2020
CJI एसए बोबडे ने पूछा- 'आप बताइए कौन से किसान एसोसिएशन ने रास्ता रोका है?' इस पर याचिकाकर्ता ने जानकारी नहीं होने की बात कही. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को दिल्ली बॉर्डर से हटाने की अर्जी पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.
चीफ जस्टिस ने अदालत में कहा कि जो याचिकाकर्ता हैं, उनके पास कोई ठोस दलील नहीं है. ऐसे में रास्ते किसने बंद किए हैं. जिस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और दिल्ली पुलिस ने रास्ते बंद किए हैं. जिस पर CJI ने कहा कि जमीन पर मौजूद आप ही मेन पार्टी हैं.किसान संगठनों का सुनेंगे पक्षअदालत ने कहा है कि वो किसान संगठनों का पक्ष सुनेंगे, साथ ही सरकार से पूछा कि अब तक समझौता क्यों नहीं हुआ. अदालत की ओर से अब किसान संगठनों को नोटिस दिया गया है. अदालत का कहना है कि ऐसे मुद्दों पर जल्द से जल्द समझौता होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाने को कहा है, ताकि दोनों आपस में मुद्दे पर चर्चा कर सकें.SC tells SG Tushar Mehta that it intends to set up a committee comprising representatives of farmers unions across India, Govt and other stakeholders to resolve this issue, adding "because this will soon become a national issue and with Government it won't work out it seems."
— ANI (@ANI) December 16, 2020
सभी धर्मों में तलाक-गुजारा भत्ता के लिए हो समान कानून? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
किसने दायर की है याचिका?
लॉ स्टूडेंट ऋषभ शर्मा ने यह अर्जी लगाई थी. उनका कहना है कि किसान आंदोलन के चलते सड़कें जाम होने से जनता परेशान हो रही है. प्रदर्शन वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग नहीं होने से कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि किसानों को दिल्ली की सीमाओं से हटाकर सरकार की तरफ से आवंटित तय स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए. इसके साथ ही किसानों को प्रदर्शन के दौरान कोरोना गाइडलाइन्स का पालन भी करना चाहिए.
दूसरी ओर, कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों ने बुधवार को चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली-नोएडा लिंक रोड को ब्लॉक कर दिया है. इस वजह से वहां जाम के हालात बने हुए हैं. सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतार लगी हुई है. किसानों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत के बाद 13 दिसंबर की देर रात चिल्ला बॉर्डर को खोलने का फैसला किया था.