Kisan Andolan: पंजाब CM अमरिंदर सिंह का ऐलान, किसान आंदोलन में मरने वाले के परिवार को देंगे सरकारी नौकरी

अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. (फाइल फोटो)
Kisan Andolan:केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे 76 किसानों का निधन हो चुका है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 22, 2021, 11:54 PM IST
चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Chief Minister Amarinder Singh) ने शुक्रवार को राज्य से प्रत्येक उस किसान (Farmer Family) के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की जिसकी केन्द्र के नये कृषि कानूनों (Farm Law 2020) के खिलाफ आंदोलन के दौरान मौत हुई है. सिंह ने कहा कि उन्हें एक रिपोर्ट मिली है कि राज्य के 76 किसानों की अब तक मौत हो चुकी है.
उन्होंने कहा, ‘‘सभी पंजाबियों को दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हमारे किसानों की चिंता है. वे वहां उन कानूनों को निरस्त करने के वास्ते केंद्र को राजी करने के लिए बैठे हैं, जो हम लोगों को विश्वास में लिए बिना लागू किए गए थे.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बहुत सारे लोग अपने बच्चों और नाती-पोतों के भविष्य के लिए (दिल्ली) की सीमाओं पर बैठे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम ठंड के कारण हर दिन अपने किसानों को खो रहे हैं, अब तक लगभग 76 किसानों की मौत हो चुकी है.’’
परिवारों को दी जाएगी आर्थिक सहायता
सिंह ने अपने ‘फेसबुक लाइव आस्क कैप्टन सेशन’ के 20वें संस्करण के दौरान कहा कि आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके परिवारों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देगी.मुख्यमंत्री ने कृषि कानूनों को लेकर ‘‘झूठ’’ फैलाने के लिए शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी (आप) की निंदा की और केन्द्र द्वारा कानूनों को निरस्त किये जाने से इनकार करने को ‘‘अमानवीय’’ बताया.
अपनी मांगों पर अड़े किसान
गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान कई सप्ताह से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं. सिंह ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘हम किसानों के साथ हैं और उनके साथ खड़े रहेंगे.’’ कुछ किसानों और आंदोलन के समर्थकों को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नोटिसों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक ‘‘गलत कदम’’ है और वह जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्री को इस बारे में पत्र लिखेंगे. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इन कानूनों को वापस लेना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘सभी पंजाबियों को दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हमारे किसानों की चिंता है. वे वहां उन कानूनों को निरस्त करने के वास्ते केंद्र को राजी करने के लिए बैठे हैं, जो हम लोगों को विश्वास में लिए बिना लागू किए गए थे.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बहुत सारे लोग अपने बच्चों और नाती-पोतों के भविष्य के लिए (दिल्ली) की सीमाओं पर बैठे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम ठंड के कारण हर दिन अपने किसानों को खो रहे हैं, अब तक लगभग 76 किसानों की मौत हो चुकी है.’’
परिवारों को दी जाएगी आर्थिक सहायता
सिंह ने अपने ‘फेसबुक लाइव आस्क कैप्टन सेशन’ के 20वें संस्करण के दौरान कहा कि आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके परिवारों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देगी.मुख्यमंत्री ने कृषि कानूनों को लेकर ‘‘झूठ’’ फैलाने के लिए शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी (आप) की निंदा की और केन्द्र द्वारा कानूनों को निरस्त किये जाने से इनकार करने को ‘‘अमानवीय’’ बताया.
अपनी मांगों पर अड़े किसान
गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान कई सप्ताह से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं. सिंह ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘हम किसानों के साथ हैं और उनके साथ खड़े रहेंगे.’’ कुछ किसानों और आंदोलन के समर्थकों को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नोटिसों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक ‘‘गलत कदम’’ है और वह जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्री को इस बारे में पत्र लिखेंगे. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इन कानूनों को वापस लेना चाहिए.