Kisan Andolan: सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच आठवें दौर की बैठक आज

सरकार और किसानों के बीच पिछली बातचीत बेनतीजा रही थी (फाइल फोटो)
Kisan Andolan: इससे पहले चार जनवरी को हुई बैठक के बेनतीजा रहने के बाद यह बैठक अहम है. सरकार ने 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता में किसानों की बिजली सब्सिडी और पराली जलाने संबंधी दो मांगों को मान लिया था.
- भाषा
- Last Updated: January 8, 2021, 6:04 PM IST
नई दिल्ली. सरकार और नए कृषि कानूनों (Farm Laws) का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी किसान संगठनों (Farmer Unions)के बीच आज आठवें दौर की बातचीत होने जा रही है. शुक्रवार को होने वाली अपनी वार्ता से एक दिन पहले गुरुवार को अपने-अपने रुख पर अड़े रहे. प्रदर्शनकारी किसानों ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग को लेकर ट्रैक्टर रैलियां (Tractor Rallies) निकालीं, जबकि केंद्र ने इस बात पर जोर दिया कि वह इन कानूनों वापस लेने के अलावा हर प्रस्ताव पर विचार के लिए तैयार है.
दोनों पक्ष गतिरोध दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. इसबीच, ऐसी अफवाहें भी सुनने को मिल रही हैं कि कुछ राज्यों को केंद्रीय कृषि कानूनों के दायरे से बाहर निकलने की अनुमति दी जा रही है, लेकिन किसान संगठनों ने कहा कि उन्हें सरकार से इस प्रकार का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस प्रकार का कोई प्रस्ताव दिए जाने की बात से इनकार किया है. तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश 40 प्रदर्शनकारी किसान संगठन नेताओं के साथ सरकार की ओर से वार्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
पिछली बैठक रही थी बेनतीजाआठवें दौर की वार्ता आज अपराह्न दो बजे विज्ञान भवन में होगी. इससे पहले चार जनवरी को हुई बैठक के बेनतीजा रहने के बाद यह बैठक अहम है. सरकार ने 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता में किसानों की बिजली सब्सिडी और पराली जलाने संबंधी दो मांगों को मान लिया था. इससे पहले की किसी वार्ता में कोई सफलता नहीं मिली थी.
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि संयुक्त किसान मोर्चा को तीन कृषि कानूनों से राज्यों को बाहर निकलने की अनुमति देने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. हम इन कानूनों रद्द किए जाने और हमारी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे. ’’ किसान नेता ने कहा, ‘‘यदि यह (प्रस्ताव) सही बात है तेा यह सरकार की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति है. ’’
भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहण) प्रमुख जोगिंदर सिंह ने भी सरकार से इस प्रकार का कोई प्रस्ताव मिलने की बात से इनकार किया है.

स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने फेसबुक के जरिए संवाद के दौरान सरकार पर ‘‘अफवाह फैलाने’’ का आरोप लगाया.
दोनों पक्ष गतिरोध दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. इसबीच, ऐसी अफवाहें भी सुनने को मिल रही हैं कि कुछ राज्यों को केंद्रीय कृषि कानूनों के दायरे से बाहर निकलने की अनुमति दी जा रही है, लेकिन किसान संगठनों ने कहा कि उन्हें सरकार से इस प्रकार का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस प्रकार का कोई प्रस्ताव दिए जाने की बात से इनकार किया है. तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश 40 प्रदर्शनकारी किसान संगठन नेताओं के साथ सरकार की ओर से वार्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
पिछली बैठक रही थी बेनतीजाआठवें दौर की वार्ता आज अपराह्न दो बजे विज्ञान भवन में होगी. इससे पहले चार जनवरी को हुई बैठक के बेनतीजा रहने के बाद यह बैठक अहम है. सरकार ने 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता में किसानों की बिजली सब्सिडी और पराली जलाने संबंधी दो मांगों को मान लिया था. इससे पहले की किसी वार्ता में कोई सफलता नहीं मिली थी.
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि संयुक्त किसान मोर्चा को तीन कृषि कानूनों से राज्यों को बाहर निकलने की अनुमति देने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. हम इन कानूनों रद्द किए जाने और हमारी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे. ’’ किसान नेता ने कहा, ‘‘यदि यह (प्रस्ताव) सही बात है तेा यह सरकार की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति है. ’’
भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहण) प्रमुख जोगिंदर सिंह ने भी सरकार से इस प्रकार का कोई प्रस्ताव मिलने की बात से इनकार किया है.
स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने फेसबुक के जरिए संवाद के दौरान सरकार पर ‘‘अफवाह फैलाने’’ का आरोप लगाया.