Kisan Andolan: राहुल गांधी बोले- त्रासदी से बचने के लिए 'कृषि-विरोधी कानूनों' के खिलाफ आंदोलन

(Photo by NARINDER NANU / AFP)
Kisan Andolan: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक खबर का हवाला देकर केंद्रीय कृषि कानूनों को कृषि विरोधी कानून करार दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 24, 2020, 10:23 AM IST
नई दिल्ली. केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में बीते 29 दिन से किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर आंदोलित (Kisan Andolan) हैं. किसानों की मांग है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी रूप दे और तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करे. वहीं सरकार भी अपने रुख पर अड़ी है. सरकार का कहना है कि वह कृषि सुधारों को जारी रखेगी.
अब इसी मामले पर एक खबर के हवाले से कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने किसानों के आंदोलन का फिर से समर्थन किया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने जिस खबर का हवाला दिया है उसके अनुसार किसान से ना तो कोई अनुबंध किया गया और ना ही कोई दस्तखत हुआ. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किसान ने कहा है कि अब वह मंडी में ही धान बेचेंगे
खबर के अनुसार मामला मध्य प्रदेश के होशंगाबाद का है. इस खबर का हवाला देकर वायनाड सांसद ने लिखा- 'भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं. इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा.'
कृषि कानूनों के खिलाफ आज राष्ट्रपति को सौंपंगे दो करोड़ हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन: कांग्रेस
वहीं कांग्रेस गुरुवार को राहुल की अगुवाई में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद 24 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दो करोड़ हस्ताक्षरों के साथ ज्ञापन सौंपेंगे जिसमें केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने का आग्रह किया जाएगा.
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पहले ‘कृषि विरोधी कानून’ बनाकर किसानों को दर्द दिया और अब उसके मंत्री अन्नदाताओं का अपमान कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘कृषि विरोधी कानूनों को लेकर चल रहे सतत विरोध को आगे बढ़ाने और मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था. इन कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में करीब दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं.’
वेणुगोपाल ने बताया कि गुरुवार को राहुल की अगुवाई में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद इन हस्ताक्षरों वाले ज्ञापन को राष्ट्रपति को सौंपंगे और तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग करेंगे.

कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘भीषण सर्दी के बीच किसान 27 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. अब तक 44 किसानों की जान जा चुकी है. अहंकारी मोदी सरकार ने पहले किसानों को दर्द दिया और अब उसके मंत्री किसानों का अपमान भी कर रहे हैं.’
अब इसी मामले पर एक खबर के हवाले से कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने किसानों के आंदोलन का फिर से समर्थन किया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने जिस खबर का हवाला दिया है उसके अनुसार किसान से ना तो कोई अनुबंध किया गया और ना ही कोई दस्तखत हुआ. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किसान ने कहा है कि अब वह मंडी में ही धान बेचेंगे
खबर के अनुसार मामला मध्य प्रदेश के होशंगाबाद का है. इस खबर का हवाला देकर वायनाड सांसद ने लिखा- 'भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं. इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा.'
भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं।
इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।https://t.co/iZ6Hgnunzw— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 24, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ आज राष्ट्रपति को सौंपंगे दो करोड़ हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन: कांग्रेस
वहीं कांग्रेस गुरुवार को राहुल की अगुवाई में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद 24 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दो करोड़ हस्ताक्षरों के साथ ज्ञापन सौंपेंगे जिसमें केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने का आग्रह किया जाएगा.
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पहले ‘कृषि विरोधी कानून’ बनाकर किसानों को दर्द दिया और अब उसके मंत्री अन्नदाताओं का अपमान कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘कृषि विरोधी कानूनों को लेकर चल रहे सतत विरोध को आगे बढ़ाने और मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था. इन कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में करीब दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं.’
वेणुगोपाल ने बताया कि गुरुवार को राहुल की अगुवाई में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद इन हस्ताक्षरों वाले ज्ञापन को राष्ट्रपति को सौंपंगे और तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग करेंगे.
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘भीषण सर्दी के बीच किसान 27 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. अब तक 44 किसानों की जान जा चुकी है. अहंकारी मोदी सरकार ने पहले किसानों को दर्द दिया और अब उसके मंत्री किसानों का अपमान भी कर रहे हैं.’