किसान आंदोलन को धार देने का नया प्लान, सेना और पुलिस में भर्ती अपने बच्चों की तस्वीर लेकर बैठेंगे किसान

किसान नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन की आगे की रणनीति बना ली है.
भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने पुलिस और देश की रक्षा में तैनात जवानों के परिजनों से किसान आंदोलन (Kisan Andolan) में शामिल होने की अपील की है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 7, 2021, 1:05 PM IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार के कृषि कानून (Agricultural law) के विरोध में पिछले 72 दिनों से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस के साथ अब सुरक्षाबलों के जवानों को भी उतार दिया गया है. किसान आंदोलन (Kisan Andolan) का बड़ा चेहरा बनकर उभरे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने अब केंद्र सरकार को जवाब देने और किसान आंदोलन में नई जान फूंकने का नया प्लान तैयार किया है. राकेश टिकैत ने पुलिस और देश की रक्षा में तैनात जवानों के परिजनों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की है. टिकैट ने कहा है कि जिनके भी परिजन रक्षा और पुलिस बल में तैनात हैं वह उनकी फोटो के साथ विरोध स्थल पर पहुंचें और किसान आंदोलन को और मजबूत करें.
एक मीडिया हाउस से बात करते हुए किसान नेता राकेश नेता ने कहा, या तो सरकार सुन ले, नहीं तो अगला आंदोलन ये भी होगा कि जिस घर में लोग फौज में और पुलिस में होंगे, उनका परिवार यहां पर होगा. उनके परिवार के लोग हाथ में तस्वीर लेकर आंदोलन में शामिल होंगे. सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो किसानों को रोकने वालों के सामने ही उनके परिजन बैठे होंगे.

इसे भी पढ़ें:- किसान आंदोलन की 'आग' बुझाने के लिए बीजेपी ने तेज़ की पर्दे के पीछे से मुहिम- रिपोर्टगणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद शनिवार को देशभर में किसानों ने चक्का जाम किया. इस दौरान किसी भी हिंसा से बचने के लिए काफी संख्या में सुरक्षाबलों को लगाया गया था. किसान संगठन चक्का जाम को सफल बताते हुए आंदोलन की समीक्षा के साथ अगली रणनीति पर काम कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें:- अगर विदेशी हस्तियों ने समर्थन किया तो क्या परेशानी है, मैं उन्हें नहीं जानता: टिकैत
टिकैत ने इस तरह की रणनीति इसलिए बनाई है क्योंकि कृषि कानून का विरोध कर रहे आंदोलनकारियों को सरकार की ओर से नोटिस भेजा जा रहा है. भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि हम इस पर भी नजर बनाए हुए हैं कि क्या सरकारी अधिकारी उन लोगों को भी नोटिस भेज रहे हैं जिनके परिवार के सदस्य सरकारी कामकाज में शामिल हैं. किसान नेता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि हम गाजीपुर सीमा पर उन लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं, जिनके परिवार के सदस्य सेना या पुलिस महकमे में तैनात हैं. ये लोग अपने रिश्तेदारों की तस्वीरें लेकर आंदोलन में बैठेंगे. सभी जवानों को एकजुटता करने के साथ इस कदम का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों को यह एहसास कराना है कि वे किसानों को कानूनी नोटिस जारी करके उनकी आवाज को दबा नहीं सकते हैं.
एक मीडिया हाउस से बात करते हुए किसान नेता राकेश नेता ने कहा, या तो सरकार सुन ले, नहीं तो अगला आंदोलन ये भी होगा कि जिस घर में लोग फौज में और पुलिस में होंगे, उनका परिवार यहां पर होगा. उनके परिवार के लोग हाथ में तस्वीर लेकर आंदोलन में शामिल होंगे. सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो किसानों को रोकने वालों के सामने ही उनके परिजन बैठे होंगे.
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टिकैत ने इस तरह की रणनीति इसलिए बनाई है क्योंकि कृषि कानून का विरोध कर रहे आंदोलनकारियों को सरकार की ओर से नोटिस भेजा जा रहा है. भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि हम इस पर भी नजर बनाए हुए हैं कि क्या सरकारी अधिकारी उन लोगों को भी नोटिस भेज रहे हैं जिनके परिवार के सदस्य सरकारी कामकाज में शामिल हैं. किसान नेता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि हम गाजीपुर सीमा पर उन लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं, जिनके परिवार के सदस्य सेना या पुलिस महकमे में तैनात हैं. ये लोग अपने रिश्तेदारों की तस्वीरें लेकर आंदोलन में बैठेंगे. सभी जवानों को एकजुटता करने के साथ इस कदम का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों को यह एहसास कराना है कि वे किसानों को कानूनी नोटिस जारी करके उनकी आवाज को दबा नहीं सकते हैं.