दो महीने से साइकिल बना कर नहीं दे रहा था दुकानदार, पुलिस के पास पहुंचा बच्चा; जानें फिर क्या हुआ
News18Hindi Updated: November 29, 2019, 3:10 PM IST

केरल पुलिस ने बच्चे की शिकायत पर एक्शन लिया.
25 नवंबर को लिखी गई चिट्ठी में 10 वर्षीय अबिन ने केरल पुलिस (Kerala Police) को चिट्ठी लिखी. जिस पर एक्शन लिया गया.
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- Last Updated: November 29, 2019, 3:10 PM IST
कोझिकोड. केरल (Kerala) में एक बच्चे की साइकिल बनाने में देर करना दुकानदार को महंगा पड़ गया. बच्चे ने जाकर पुलिस के पास शिकायत कर दी. इसके बाद जो हुआ वह आपको हंसाएगा जरूर. केरल पुलिस (Kerala ) ने इस शिकायत की पूरी जानकारी फेसबुक पर भी शिकायत की है.
पुलिस ओर से की गई फेसबुक (Facebook) पोस्ट में बताया गया है कि 25 नवंबर को 10 वर्षीय अबिन ने एक शिकायत दर्ज कराई. कोझिकोड (Kozikode) निवासी अबिन ने कहा कि उसने और उनके भाई ने 5 सितंबर को साइकिल बनाने के लिए दी थी. उसने 200 रुपए एडवांस में भी ले लिया. हम जब भी साइकिल के बारे में पूछने जाते वह या तो मिलता नहीं या फिर बता देता कि वह जल्द ही बना कर दे देगा.
अबिन ने अपनी शिकायत में लिखा था कि अक्सर वह जब भी साइकिल के बारे में पूछने जाते तो दुकान बंद मिलती. अबिन ने अपनी शिकायत में यह भी लिखा उसके अलावा कोई और नहीं है जो साइकिल के बारे में पूछे. उसने पुलिस से रिक्वेस्ट की थी कि कोई अधिकारी साइकिल वापस करा सके.
साइकिल बनी और बच्चों को सुपुर्द कर दी गई...
छानबीन के बाद पुलिस को पता चला कि शिकायत वाजिब है. इसके बाद पुलिस ने इस मामले में दखल देने का फैसला किया. बीट अफसर राधिका एनपी उस साइकिल की दुकान पर पहुंची जहां बच्चों ने उसे बनने के लिए दिया था.पूछताछ में दुकानदार ने कहा कि अपनी बीमारी और बेटे की शादी की वजह से इसमें देरी हुई. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद साइकिल बनी और बच्चों को सुपुर्द कर दी गई.
यह भी पढ़ें: सबरीमाला मंदिर पहुंचीं तृप्ति देसाई की साथी बिंदु पर मिर्च पाउडर से हमला
पुलिस ओर से की गई फेसबुक (Facebook) पोस्ट में बताया गया है कि 25 नवंबर को 10 वर्षीय अबिन ने एक शिकायत दर्ज कराई. कोझिकोड (Kozikode) निवासी अबिन ने कहा कि उसने और उनके भाई ने 5 सितंबर को साइकिल बनाने के लिए दी थी. उसने 200 रुपए एडवांस में भी ले लिया. हम जब भी साइकिल के बारे में पूछने जाते वह या तो मिलता नहीं या फिर बता देता कि वह जल्द ही बना कर दे देगा.
अबिन ने अपनी शिकायत में लिखा था कि अक्सर वह जब भी साइकिल के बारे में पूछने जाते तो दुकान बंद मिलती. अबिन ने अपनी शिकायत में यह भी लिखा उसके अलावा कोई और नहीं है जो साइकिल के बारे में पूछे. उसने पुलिस से रिक्वेस्ट की थी कि कोई अधिकारी साइकिल वापस करा सके.
साइकिल बनी और बच्चों को सुपुर्द कर दी गई...
छानबीन के बाद पुलिस को पता चला कि शिकायत वाजिब है. इसके बाद पुलिस ने इस मामले में दखल देने का फैसला किया. बीट अफसर राधिका एनपी उस साइकिल की दुकान पर पहुंची जहां बच्चों ने उसे बनने के लिए दिया था.
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First published: November 29, 2019, 3:02 PM IST
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