होम /न्यूज /राष्ट्र /Lakhimpur Kheri case: जानें कौन हैं राकेश कुमार जैन, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जांच की निगरानी के लिए चुना

Lakhimpur Kheri case: जानें कौन हैं राकेश कुमार जैन, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जांच की निगरानी के लिए चुना

सुप्रीम कोर्ट ने बुलंदशहर में पुलिस अफसर सुबोध सिंह की हत्या मामले के आरोपी योगेश राज की जमानत रद्द कर दी है. (फ़ाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने बुलंदशहर में पुलिस अफसर सुबोध सिंह की हत्या मामले के आरोपी योगेश राज की जमानत रद्द कर दी है. (फ़ाइल फोटो)

Lakhimpur Kheri News: उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में प्रतिदिन के आधार पर राज्य की एसआईटी जांच की नि ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. लखीमपुर खीरी मामले (Lakhimpur Kheri case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab And Haryana HC) के पूर्व जज जस्टिस राकेश कुमार जैन (Rakesh Kumar Jain) को पारदर्शिता, निष्पक्षता और पूर्ण निष्पक्षता के लिए जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का पुनर्गठन किया है. इसमें 3 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी, एसबी शिरोडकर, दीपिंदर सिंह और पद्मजा चौहान के नाम शामिल किए गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार चार्जशीट दाखिल होने और सेवानिवृत्त जज से रिपोर्ट मिलने के बाद मामले सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. जस्टिस आरके जैन का जन्म 1 अक्टूबर 1958 को हिसार में वकीलों के परिवार में हुआ था.

    उनके पिता गुलाब सिंह जैन, एक प्रख्यात आयकर अधिवक्ता और हिसार से 1972-1977 तक विधान सभा के सदस्य थे. बी.कॉम और एलएलबी में डिग्री हासिल करने के बाद, जैन को मई 1982 में बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा में एक वकील के रूप में नामांकित किया गया. उन्होंने हिसार जिला अदालत में प्रैक्टिस शुरू की.

    जनवरी 1983 में, वह पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में आए जहां उन्होंने दीवानी, आपराधिक और राजस्व पक्ष में 25 वर्षों तक प्रैक्टिस की. इस दौरान वह दो बार हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति के सदस्य बने. उन्हें 5 दिसंबर, 2007 को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज के रूप में प्रमोट किया गया और 30 सितंबर, 2020 को सेवानिवृत्त हुए.

    यह भी पढ़ें: आशीष मिश्रा से पुलिस ने पूछा- दोपहर 2.20 से 3.46 बजे तक कहां थे? एक के बाद एक 32 सवालों में उलझा आरोपी

    क्या है मामला?
    बता दें उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में प्रतिदिन के आधार पर राज्य की एसआईटी जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट की पसंद से नियुक्त एक पूर्व न्यायाधीश से कराने के उसके सुझाव पर सोमवार को सहमति जताई थी. शीर्ष अदालत लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई इस हिंसा की घटना की सुनवाई कर रहा है.

    इस घटना में एक एसयूवी वाहन ने आंदोलनकारी चार किसानों को कुचल दिया था. इस घटना से आक्रोशित भीड़ ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक वाहन चालक की पीट पीट कर हत्या कर दी थी. इस घटना में एक पत्रकार भी मारा गया था. न्यायालय ने राज्य की सहमति का संज्ञान लेते हुए एसआईटी जांच में निम्न रैंक के पुलिस अधिकारियों के शामिल होने के मुद्दे को उठाया और उत्तर प्रदेश का

    गृह राज्य मंत्री के बेटे समेत तीन आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज
    इससे पहले सोमवार को जिला एवं सत्र जज ने मुख्‍य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू समेत तीन आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया क्षेत्र में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) अरविंद त्रिपाठी ने सोमवार को बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश मिश्रा ने अपने आदेश में तिकुनिया मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा व सह आरोपी आशीष पांडेय व लवकुश राणा की जमानत अर्जी खारिज कर दी.

    त्रिपाठी ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायालय में तीनों आरोपियों की जमानत अर्जी पर सुबह 11 बजे सुनवाई शुरू हुई और लगभग दो घंटे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने मामले की केस डायरी, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से प्राप्त चार आग्नेयास्त्रों की फोरेंसिक और बैलिस्टिक रिपोर्ट और हिंसा में आरोपियों की संलिप्तता को स्थापित करने के लिए 60 प्रत्यक्षदर्शियों के बयान जमा किए.

    उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के वकीलों की दलील सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी. मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के खिलाफ 15-20 अज्ञात व्यक्तियों के साथ तिकुनिया हिंसा मामले में हत्‍या समेत कई गंभीर धाराओं में पुलिस ने मामला दर्ज किया था.

    तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसानों, एक स्थानीय पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. हिंसा की जांच के लिए गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मामले में 12 अन्य आरोपियों की पहचान की थी और उन्हें गिरफ्तार किया था. आशीष मिश्रा उर्फ मोनू समेत सभी 13 आरोपी अभी न्यायिक हिरासत में हैं.

    Tags: Ajay Mishra Teni, Ashish Mishra arrested, India, Lakhimpur Kheri case, Supreme Court

    टॉप स्टोरीज
    अधिक पढ़ें