मुख्तार अंसारी को पंजाब जेल से यूपी ट्रांसफर करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित

बाहुबली MLA मुख्तार अंसारी की रानी सल्तनत बिल्डिंग पर चला योगी का बुलडोजर (File pic)
पंजाब (Punjab) की जेल में बंद है बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari). यूपी सरकार ने उसे प्रदेश की जेल में ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है.
- News18Hindi
- Last Updated: March 9, 2021, 6:23 PM IST
नई दिल्ली. पंजाब (Punjab) की जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को उत्तर प्रदेश की जेल में शिफ्ट किए जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को फिर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान वकीलों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस दौरान पंजाब सरकार की तरफ से पेश वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि यूपी सरकार दावा कर रही है कि मुख्तार अंसारी स्वास्थ्य को लेकर जो दलील दे रहे हैं वो गलत है. लेकिन पंजाब सरकार ने अपने हलफनामे में साफ जिक्र किया है कि मुख्तार के स्वास्थ्य को लेकर स्पेशलिस्ट डॉक्टर के द्वारा ही रिपोर्ट तैयार की गई है. साथ ही यह भी कहा गया है कि जिस अस्पताल के डॉक्टर ने मुख्तार के स्वास्थ्य की रिपोर्ट तैयार की है, वो राज्य सरकार के अधीन नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के अधीन आने वाले अस्पताल की है. पीजीआई के डॉक्टरों ने मुख्तार के स्वास्थ पर रिपोर्ट तैयार की है.
सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि मुख्तार अंसारी को लेकर जो बातें पंजाब सरकार को लेकर यूपी सरकार ने कही हैं वो निराधार हैं. मुख्तार अंसारी पंजाब सरकार के लिए भी अपराधी है लेकिन यूपी सरकार इस मामले में पंजाब सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है. डॉक्टर की जो रिपोर्ट है, हमने उस पर बात की है. यूपी सरकार के आरोप निराधार हैं.
उन्होंने कहा कि यूपी की मांग संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है. अगर इसे माना गया तो भविष्य में ऐसे मुकदमों की बाढ़ आ जाएगी. कोर्ट यूपी की याचिका खारिज कर दे. दवे ने कहा कि मुख्तार अंसारी को लेकर यूपी सरकार जिन आधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मांग कर रही है. वह मांग न्यायपालिका के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है. यूपी सरकार की मांग को नहीं माना जाए, उसकी याचिका को खारिज किया जाए.दुष्यंत दवे ने सुनवाई के दौरान आर्टिकल 32 को लेकर संविधान सभा में मंथन का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस आर्टिकल के तहत एक राज्य का का दूसरे राज्य के खिलाफ कोर्ट का रुख करना असंवैधानिक है. अगर इसे माना गया तो ये एक गलत परंपरा की शुरुआत होगी.
वहीं मुख्तार अंसारी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोई राज्य अनुच्छेद-32 के तहत दूसरे राज्य के खिलाफ नहीं आ सकता. उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकार नागरिक का होता है, राज्य का नहीं. यूपी पंजाब में चल रहा मुकदमा अपने पास ट्रांसफर करने की मांग भी नहीं कर सकता. पंजाब में जो केस हैं, वह पंजाब सरकार और मेरे बीच का मामला है. यूपी का इसमें कोई रोल नहीं हो सकता.
मुकुल रोहतगी ने कहा कि मुख्तार अंसारी ने कहा है कि यूपी में उसकी जान को खतरा है. कोर्ट अगर चाहे तो केस दिल्ली या फिर पंजाब में ट्रांसफर कर दे. मैं (मुख्तार) वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा हर मामले में पेश होने के लिए तैयार हूं. हर पेशी पर मौजूद रहने के लिए तैयार हूं. मुख्तार अंसारी के वकील ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार उसे किस उद्देश्य से पंजाब जेल से बाहर लाना चाहती है? कुछ कथित कारणों के लिए? कोर्ट ने ट्रांसफर को लेकर ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है.
वकील ने मुख्तार अंसारी के हवाले से कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका राजनीति से प्रेरित है, मेरी (मुख्तार अंसारी) राजनीतिक शक्ति और मेरी पार्टी के विरोध के कारण इस तरह की याचिका दाखिल की गई है, कोर्ट को ऐसी राजनीतिक खींचतान में नहीं पड़ना चाहिए.
मुख्तार के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि केस दिल्ली ट्रांसफर करने पर आपत्ति नहीं है. यूपी में मुख्तार सुरक्षित नहीं है. पहले भी हमले हो चुके हैं. वह कृष्णानंद राय हत्या केस में बरी हुआ है. लेकिन उसी केस में सहआरोपी मुन्ना बजरंगी की हत्या हो गई. कोई कानूनी प्रावधान यूपी के पक्ष में नहीं. तभी सुप्रीम कोर्ट से विशेष शक्ति का इस्तेमाल करने को कह रहे हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मैं मानता हूं कि राज्य के पास मौलिक अधिकार नहीं हैं, लेकिन यह नागरिकों और पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करता है, उनकी ओर से न्याय के लिए मदद करता है, राज्य पीड़ितों को न्याय के दिलाने के में मदद कर सकता है, उस कसौटी पर अमल करने की जरूरत है.

तुषार मेहता ने कहा कि मुख्तार अंसारी के वकील कह रहे हैं कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ट्रायल कर दें. ऐसे तो विजय माल्या को भारत लाने कि जरूरत नहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी संभव है. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुख्तार अंसारी पर उत्तर प्रदेश में 50 गंभीर अपराध के मुकदमे चल रहे हैं. 14 निर्णायक स्थिति में हैं. राज्य नागरिकों का और समाज का प्रतिनिधित्व करता है. यह कहना कि मुख्तार को जान का खतरा है, इसका अर्थ यह नहीं है कि वह किसी दूसरे राज्य में रहे, इसका केवल मतलब है कि हम सुनिश्चित करेंगे कि वह सुरक्षित रहे.
सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि मुख्तार अंसारी को लेकर जो बातें पंजाब सरकार को लेकर यूपी सरकार ने कही हैं वो निराधार हैं. मुख्तार अंसारी पंजाब सरकार के लिए भी अपराधी है लेकिन यूपी सरकार इस मामले में पंजाब सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है. डॉक्टर की जो रिपोर्ट है, हमने उस पर बात की है. यूपी सरकार के आरोप निराधार हैं.

वहीं मुख्तार अंसारी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोई राज्य अनुच्छेद-32 के तहत दूसरे राज्य के खिलाफ नहीं आ सकता. उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकार नागरिक का होता है, राज्य का नहीं. यूपी पंजाब में चल रहा मुकदमा अपने पास ट्रांसफर करने की मांग भी नहीं कर सकता. पंजाब में जो केस हैं, वह पंजाब सरकार और मेरे बीच का मामला है. यूपी का इसमें कोई रोल नहीं हो सकता.
मुकुल रोहतगी ने कहा कि मुख्तार अंसारी ने कहा है कि यूपी में उसकी जान को खतरा है. कोर्ट अगर चाहे तो केस दिल्ली या फिर पंजाब में ट्रांसफर कर दे. मैं (मुख्तार) वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा हर मामले में पेश होने के लिए तैयार हूं. हर पेशी पर मौजूद रहने के लिए तैयार हूं. मुख्तार अंसारी के वकील ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार उसे किस उद्देश्य से पंजाब जेल से बाहर लाना चाहती है? कुछ कथित कारणों के लिए? कोर्ट ने ट्रांसफर को लेकर ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है.
वकील ने मुख्तार अंसारी के हवाले से कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका राजनीति से प्रेरित है, मेरी (मुख्तार अंसारी) राजनीतिक शक्ति और मेरी पार्टी के विरोध के कारण इस तरह की याचिका दाखिल की गई है, कोर्ट को ऐसी राजनीतिक खींचतान में नहीं पड़ना चाहिए.
मुख्तार के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि केस दिल्ली ट्रांसफर करने पर आपत्ति नहीं है. यूपी में मुख्तार सुरक्षित नहीं है. पहले भी हमले हो चुके हैं. वह कृष्णानंद राय हत्या केस में बरी हुआ है. लेकिन उसी केस में सहआरोपी मुन्ना बजरंगी की हत्या हो गई. कोई कानूनी प्रावधान यूपी के पक्ष में नहीं. तभी सुप्रीम कोर्ट से विशेष शक्ति का इस्तेमाल करने को कह रहे हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मैं मानता हूं कि राज्य के पास मौलिक अधिकार नहीं हैं, लेकिन यह नागरिकों और पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करता है, उनकी ओर से न्याय के लिए मदद करता है, राज्य पीड़ितों को न्याय के दिलाने के में मदद कर सकता है, उस कसौटी पर अमल करने की जरूरत है.
तुषार मेहता ने कहा कि मुख्तार अंसारी के वकील कह रहे हैं कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ट्रायल कर दें. ऐसे तो विजय माल्या को भारत लाने कि जरूरत नहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी संभव है. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुख्तार अंसारी पर उत्तर प्रदेश में 50 गंभीर अपराध के मुकदमे चल रहे हैं. 14 निर्णायक स्थिति में हैं. राज्य नागरिकों का और समाज का प्रतिनिधित्व करता है. यह कहना कि मुख्तार को जान का खतरा है, इसका अर्थ यह नहीं है कि वह किसी दूसरे राज्य में रहे, इसका केवल मतलब है कि हम सुनिश्चित करेंगे कि वह सुरक्षित रहे.