केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा, आपातकाल ने एक पीढ़ी के मन पर ऐतिहासिक छाप छोड़ा है जिसके बारे में जानने को लेकर आज भी उत्सुकता होती है. ये आज की युवा पीढ़ियों को बमुश्किल ही याद होगा और उनमें से कुछ उस काल के जख्म और यातना की कहानियों को पढ़ सकते हैं. हालांकि चार दशक बीत गए लेकिन आपातकाल को लोग नहीं भूले और इसे ना ही भुलाया जाना चाहिए और न ही इसे माफ किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि आपातकाल पर एक अध्याय स्कूल के पाठ्यक्रमों में शामिल होना चाहिए ताकि आज की युवा पीढ़ी इसके बारे में जान सके.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2017, 09:40 IST