मद्रास HC ने सरकार से मांगा जवाब- गर्भवती महिला को कैसे चढ़ा दिया HIV संक्रमित खून

सांकेतिक तस्वीर
महिला को 3 दिसंबर को एचआईवी और हेपेटाइटिस बी से संक्रमित एक व्यक्ति का खून चढ़ा दिया गया. दो साल पहले रक्तदान के दौरान पाया गया कि व्यक्ति एचआईवी पॉज़िटिव है और उसे हेपेटाइटिस बी भी है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 27, 2018, 1:44 PM IST
सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिला को HIV संक्रमित खून चढ़ाये जाने के मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार को 3 जनवरी तक जवाब देने को कहा है. आपको बता दें कि तमिलनाडु के विरुदनगर में 24 साल की एक गर्भवती महिला को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया था. जिसकी वजह से महिला को भी एचआईवी संक्रमण हो गया. मामले में तीन लैब टेक्नीशियनों को निलंबित कर दिया गया है.
महिला को 3 दिसंबर को एचआईवी और हेपेटाइटिस बी से संक्रमित एक व्यक्ति का खून चढ़ा दिया गया. दो साल पहले रक्तदान के दौरान पाया गया कि व्यक्ति एचआईवी पॉज़िटिव है और उसे हेपेटाइटिस बी भी है. लेकिन उसे इस बात की सूचना नहीं दी गई. पिछले महीने उसने सरकारी ब्लड बैंक में फिर से खून डोनेट किया.
जब पता चला कि महिला को एचआईवी का संक्रमण हो गया है तो उसका इलाज शुरू कर दिया गया. अधिकारियों का कहना है कि बच्चा में एचआईवी संक्रमण की जानकारी जन्म के बाद ही मिल सकेगी.
यह भी पढ़ें: भारत में 1 लाख 20 हजार बच्चे और किशोर पाए गए HIV से पीड़िततमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक डॉ. आर मनोहरन ने कहा था कि उन्हें संदेह है कि जिस टेक्नीशियन ने खून की जांच की, उसने संभवतः एचआईवी टेस्ट नहीं किया. ये एक दुर्घटना है. ऐसा जानबूझकर नहीं किया गया. हमने जांच के आदेश दे दिए हैं. हम उस युवक का भी इलाज कर रहे हैं.
सरकार ने कथित लापरवाही के कारण पीड़ित और उसके पति को नौकरी देने का प्रस्ताव रखा है.
महिला को 3 दिसंबर को एचआईवी और हेपेटाइटिस बी से संक्रमित एक व्यक्ति का खून चढ़ा दिया गया. दो साल पहले रक्तदान के दौरान पाया गया कि व्यक्ति एचआईवी पॉज़िटिव है और उसे हेपेटाइटिस बी भी है. लेकिन उसे इस बात की सूचना नहीं दी गई. पिछले महीने उसने सरकारी ब्लड बैंक में फिर से खून डोनेट किया.
जब पता चला कि महिला को एचआईवी का संक्रमण हो गया है तो उसका इलाज शुरू कर दिया गया. अधिकारियों का कहना है कि बच्चा में एचआईवी संक्रमण की जानकारी जन्म के बाद ही मिल सकेगी.
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सरकार ने कथित लापरवाही के कारण पीड़ित और उसके पति को नौकरी देने का प्रस्ताव रखा है.